'न्याय स्कीम' पर सवाल उठाना नीति आयोग के उपाध्यक्ष को पड़ सकता है भारी, चुनाव आयोग भेज सकता है नोटिस
By भाषा | Published: March 27, 2019 08:32 AM2019-03-27T08:32:48+5:302019-03-27T08:32:48+5:30
कांग्रेस के न्याय स्कीम की घोषणा के बाद नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने इस पूरा नहीं कर सकने वाला चुनावी वादा बताया है।
कांग्रेस द्वारा घोषित न्यूनतम आय के चुनावी वादे पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार की प्रतिक्रिया को लेकर चुनाव आयोग संज्ञान ले सकता है और इस बारे में विस्तृत ब्योरा तलब कर सकता है। कुमार ने कांग्रेस के इस वादे की आलोचना करते हुये इसे अर्थव्यवस्था के लिये नुकसानदायक बताया है।
सूत्रों के अनुसार आयोग ने कुमार की प्रतिक्रिया को चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुये इस पर संज्ञान लिया है। समझा जाता है कि उनसे इस बारे में विस्तृत जवाब मांगा जा सकता है। आयोग ने नीति आयोग के उपाध्यक्ष को ‘कार्यपालिक के अधिकारी’ की श्रेणी में होने के कारण उनकी प्रतिक्रिया को आचार संहिता के उल्लंघन के दायरे में रखा है।
आयोग के एक अधिकारी ने इस मामले पर संज्ञान लिये जाने के पीछे दलील दी कि, ‘यह एक राजनीतिक दल के दूसरे राजनीतिक दल पर या एक नेता के दूसरे पर हमले का मामला नहीं है।'
उल्लेखनीय है कि कुमार ने न्यूनतम आय योजना की घोषणा को कांग्रेस का पूरा नहीं किया जा सकने वाला चुनावी वादा बताया है। उन्होंने ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि कांग्रेस का यह वादा आर्थिक मानकों पर खरा नहीं उतरता है।
लोकसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने के क्रम में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने मंगलवार को पुलिस एवं अन्य पर्यवेक्षकों की बैठक को संबोधित करते हुये स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने में पर्यवेक्षकों की निष्पक्ष भूमिका का आह्वान किया।
साथ ही उन्होंने राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों और केन्द्रीय पर्यवेक्षकों के बीच मिलीभगत से किसी भी प्रकार की दुराशय पूर्ण कार्रवाई से बचने के लिये आगाह भी किया। उल्लेखनीय है कि पिछले साल पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के दौरान पर्यवेक्षकों की पक्षपात एवं दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई की शिकायतें मिली थी। अरोड़ा ने कहा कि इस तरह की शिकायतों के ठोस साक्ष्य मिलने पर सख्त कार्रवाई की जायेगी।