जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव अमरनाथ यात्रा के बाद होंगे, चुनाव आयोग ने किया ऐलान, अक्टूबर-नवंबर में होने की उम्मीद
By सतीश कुमार सिंह | Published: June 4, 2019 09:00 PM2019-06-04T21:00:33+5:302019-06-04T21:00:33+5:30
चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों को लेकर बड़ी बात कही है। आयोग ने कहा कि इस साल के आखिर में जम्मू-कश्मीर विधासभा के चुनाव कराए जा सकते हैं। वहीं, चुनाव की तारीखों को लेकर आयोग ने कहा कि तारीखों का ऐलान अमरनाथ यात्रा के बाद किया जाएगा।
चुनाव आयोग ने एक प्रेस नोट जारी कर कहा है कि सभी संबंध पक्षों से बातचीत करने के बाद ये फैसला किया गया है कि अमरनाथ यात्रा खत्म होने के बाद जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान किया जाएगा।
Election Commission: Commission will keep on regularly and on real time basis monitoring the situation in Jammu and Kashmir, taking inputs from all necessary quarters and after the conclusion of Amarnath Yatra will announce poll schedule. https://t.co/pVRcFs7nH6
— ANI (@ANI) June 4, 2019
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव अमरनाथ यात्रा के बाद होंगे। ये ऐलान चुनाव आयोग ने किया है। इस साल अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई से शुरू हो रही है। अमरनाथ यात्रा डेढ़ महीने यानी कि 46 दिनों तक चलेगी। इसकी समाप्ति 15 अगस्त को होगी। चुनाव आयोग ने एक प्रेस नोट जारी कर कहा है कि सभी संबंध पक्षों से बातचीत करने के बाद ये फैसला किया गया है कि अमरनाथ यात्रा खत्म होने के बाद जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान किया जाएगा। माना जा रहा है कि अक्टूबर-नवंबर के महीने में जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं।
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने मंगलवार को जम्मू कश्मीर में सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने मंगलवार को जम्मू कश्मीर में सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया और जवानों से राष्ट्र विरोधी तत्वों की कुटिल चालों को लेकर सजग रहने को कहा। जनरल रावत सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ उनके पहले आधिकारिक दौरे पर सियाचिन ग्लेशियर भी गए थे।
एक अधिकारी ने कहा कि सेना प्रमुख ने उत्तरी सैन्य कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रनबीर सिंह के साथ बल की अभियान संबंधी तैयारियों का जायजा लेने के लिये कोर जोन में व्हाइट नाइट कोर मुख्यालय का दौरा किया। उन्होंने कहा कि सेना प्रमुख ने किश्तवाड़ और रियासी सेक्टरों में परिचालन संरचनाओं को देखा और वहां उन्हें शांति और स्थायित्व के लिये उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी गई।
जनरल रावत ने नियंत्रण रेखा पर तैनात जवानों से भी विस्तार से बात की और अभियान, प्रशिक्षण, हथियार, उपकरण और प्रशासनिक मुद्दों पर जमीनी जानकारी हासिल की। उन्होंने बल के सभी सदस्यों की उनके अथक योगदान, निस्वार्थ सेवा और उच्च पेशेवराना स्तर के लिये सराहना की।