देवेंद्र फड़नवीस का बड़ा ऐलान- एकनाथ शिंदे बनेंगे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री
By विनीत कुमार | Published: June 30, 2022 04:41 PM2022-06-30T16:41:44+5:302022-06-30T19:32:05+5:30
शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होंगे। इसका ऐलान भाजपा नेता देवेंद्र फड़नवीस ने किया। इससे पहले फड़नवीस के सीएम बनने और शिंदे के डिप्टी सीएम बनने की अटकलें लग रही थीं।
मुंबई: महाराष्ट्र में कई दिनों से जारी सियासी ड्रामे के बीच सबसे बड़ा मोड़ आया है। भाजपा नेता देवेंद्र फड़नवीस ने ऐलान किया है कि शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदेमहाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होंगे। फड़नवीस ने ये भी कहा कि वह कैबिनेट का हिस्सा नहीं होंगे। शिंदे आज शाम 7.30 बजे शपथ लेंगे। इससे पहले शिंदे आज दोपहर गोवा से मुंबई पहुंचे और सीधे फड़नवीस से मिलने गए।
इसके बाद दोनों नेता एक साथ राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलने गए और सरकार बनाने का दावा पेश किया।राज्यपाल से मुलाकात के बाद फड़नवीस ने एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाए जाने का ऐलान प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया। इससे पहले अटकलें लगाई जा रही थी कि फड़नवीस मुख्यमंत्री बनेंगे और आज शाम शपथ लेंगे।
"Eknath Shinde to be the Maharashtra Chief Minister, oath ceremony to be held at 7.30pm today," BJP leader Devendra Fadnavis announces in a joint press conference with Shinde pic.twitter.com/PiXv1I5nkU
— ANI (@ANI) June 30, 2022
फड़नवीस ने शिवसेना विधायकों की बगावत पर पत्रकारों से कहा, 'शिवसेना विधायक केवल ये मांग कर रहे थे कि कांग्रेस और एनसीपी से गठबंधन खत्म होना चाहिए लेकिन उद्धव ठाकरे ने इसे नजरअंदाज किया और महा विकास अघाड़ी के विधायकों तरजीह दी। इसलिए इन्होंने अपनी आवाज उठाई।'
फड़नवीस ने कहा, 'शपथ ग्रहण के बाद हमारे कैबिनेट का विस्तार होगा और शिवसेना और भाजपा के नेता शपथ लेंगे। मैं सरकार से बाहर रहूंगा।'
'हिंदुत्व और सावरकर के खिलाफ रहने वालों से शिवसेना ने किया था गठबंधन'
फड़नवीस ने कहा, 'शिवसेना ने उन लोगों के साथ गठबंधन किया जो हिंदुत्व और सावरकर के खिलाफ हैं। शिवसेना ने लोगों की मत का अपमान किया। 2019 में बीजेपी और शिवसेना का गठबंधन हुआ था और हमें विधानसभा चुनावों में जरूरी बहुमत मिला था। हमें सरकार बनाने की उम्मीद थी लेकिन शिवसेना ने उन लोगों के साथ गठबंधन करना चुना जिनका बालासाहेब ने जीवन भर विरोध किया।'
वहीं, एकनाथ शिंदे ने कहा, 'हमने जो निर्णय लिया है वह बालासाहेब के हिंदुत्व और हमारे विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए है। हमारे साथ 50 विधायक हैं।'
शिंदे ने साथ ही कहा, 'हम अपने निर्वाचन क्षेत्र की शिकायतों और विकास कार्यों को लेकर पूर्व सीएम ठाकरे के पास गए थे और उन्हें सुधार की आवश्यकता पर सलाह दी क्योंकि हमें यह एहसास होने लगा कि हमारे लिए अगला चुनाव जीतना मुश्किल होगा। हमने भाजपा के साथ गठबंधन की मांग की थी।'