अहंकार तो रावण का भी नहीं टिका था और कमलनाथ का अहंकार भी नहीं रहेगाः विजयवर्गीय
By भाषा | Published: October 25, 2019 05:03 PM2019-10-25T17:03:04+5:302019-10-25T17:03:04+5:30
"महाराष्ट्र और हरियाणा के हालिया विधानसभा चुनावों में पड़े वोटों में भाजपा की भागीदारी बढ़ी है। अगर ममता बनर्जी या किसी भी अन्य विपक्षी नेता को गलतफहमी है कि इन चुनावों में भाजपा की लोकप्रियता में कहीं कमी आयी है, तो उन्हें यह गलतफहमी दूर कर लेनी चाहिये।"
महाराष्ट्र और हरियाणा के विधानसभा चुनावों के ताजा परिणामों के बाद भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने शुक्रवार को दावा किया कि उनकी पार्टी की लोकप्रियता में कमी नहीं आयी है व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अन्य विपक्षी नेताओं को इस सिलसिले में अपनी गलतफहमी दूर कर लेनी चाहिये।
विजयवर्गीय, भाजपा संगठन में पश्चिम बंगाल के प्रभारी हैं। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, "महाराष्ट्र और हरियाणा के हालिया विधानसभा चुनावों में पड़े वोटों में भाजपा की भागीदारी बढ़ी है। अगर ममता बनर्जी या किसी भी अन्य विपक्षी नेता को गलतफहमी है कि इन चुनावों में भाजपा की लोकप्रियता में कहीं कमी आयी है, तो उन्हें यह गलतफहमी दूर कर लेनी चाहिये।"
उन्होंने कहा, "हरियाणा में हम फिर सरकार बनायेंगे। टिकट नहीं मिलने पर भाजपा से बगावत कर चुनाव जीतने वाले निर्दलीय उम्मीदवार भी अब हमें समर्थन दे रहे हैं।" मध्य प्रदेश की झाबुआ विधानसभा सीट के उप चुनाव में सत्तारूढ़ कांग्रेस की जीत के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भाजपा को चुनौती दी है कि वह उनकी सरकार गिराकर दिखाये।
इस बयान पर पलटवार करते हुए विजयवर्गीय ने कहा, "अहंकार तो रावण का भी नहीं टिका था और कमलनाथ का अहंकार भी नहीं रहेगा।" उन्होंने अपने गृहराज्य के मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, "कमलनाथ को हाल के चुनाव परिणामों पर टिप्पणी का कोई अधिकार ही नहीं है, क्योंकि खुद उन्होंने सूबे में जुगाड़ से सरकार बनायी है।"
गौरतलब है कि झाबुआ उप चुनाव में जीत के साथ मध्यप्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ कांग्रेस के सदस्यों की संख्या 114 से बढ़कर 115 हो गयी है। हालांकि, यह संख्या कांग्रेस के अपने दम पर बहुमत के 116 के जादुई आंकड़े से अब भी एक सीट कम है।
बसपा के दो, सपा के एक और चार निर्दलीय विधायकों के समर्थन से कांग्रेस राज्य में सरकार चला रही है। झाबुआ उप चुनाव की हार के साथ सूबे में भाजपा के विधायकों की संख्या 109 से घट कर 108 गयी है।