ईडी ने किया खुलासा, CAA के खिलाफ विरोध के लिए कपिल सिब्बल समेत कई लोगों को PFI ने दिए 120 करोड़ रुपये, जानें सिब्बल ने क्या कहा है

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 28, 2020 07:45 AM2020-01-28T07:45:13+5:302020-01-28T08:12:34+5:30

कपिल सिब्बल ने बताया है कि उनको 11-11 लाख के सात पेमेंट मिले हैं। लेकिन इसमें कोई भी पेमेंट 2019 और 2020 का नहीं है। आखिरी बार जो पेमेंट उनको मिला है वो 8 मार्च 2018 का है। ये सभी पेमेंट हादिया केस को लेकर थे जिस केस को लेकर मैं सुप्रीम कोर्ट में उपस्थित हुआ था।

ED revealed, PFI gave 120 crore rupees to many people including Kapil Sibal for protest against CAA, know what Sibal has said | ईडी ने किया खुलासा, CAA के खिलाफ विरोध के लिए कपिल सिब्बल समेत कई लोगों को PFI ने दिए 120 करोड़ रुपये, जानें सिब्बल ने क्या कहा है

ईडी ने किया खुलासा, CAA के खिलाफ विरोध के लिए कपिल सिब्बल समेत कई लोगों को PFI ने दिए 120 करोड़ रुपये, जानें सिब्बल ने क्या कहा है

Highlightsउन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि मीडिया और इन कहानियों को लीक करने वालों ने थोड़ा सा होमवर्क किया अन्यथा वो इसे लीक नहीं करते।कांग्रेस के नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील कपिल सिब्बल ने आगे कहा कि मुझे लगता है कि इसके पीछे एक मकसद है।

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) ने 2019 के दिसंबर में उत्तर प्रदेश में सीएए के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन के लिए 120 करोड़ रुपए का फंड मुहैया कराया था। रिपोर्ट के मुताबिक ये पैसे  कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल, वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह, दुष्यंत ए दवे और अब्दुल समंद सहित कई वकीलों को भेजा गया था।

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, सीएए के विरोध के दौरान पीएफआई ने 77 लाख रुपए कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल को दिए हैं। वहीं, इंदिरा जयसिंह को 4 लाख और अब्दुल समंद को 3.10 लाख और  दुष्यंत दवे को 11 लाख रुपए पीएफआई द्वारा भेजे गए हैं।  

कपिल सिब्बल ने इस मामले में कहा कि सरकारी एजेंसी उन्हें अपना शिकार बना रही है। उन्होंने इसके आगे कहा कि मैं चाहता हूं कि मीडिया और इन कहानियों को लीक करने वालों ने थोड़ा सा होमवर्क किया अन्यथा वो इसे लीक नहीं करते। कांग्रेस के नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील कपिल सिब्बल ने आगे कहा कि मुझे लगता है कि इसके पीछे एक मकसद है। मकसद बहुत ही सरल है झूठ द्वारा लोगों की प्रतिष्ठा को नष्ट करना। अधिक से अधिक झूठ बोलना। यह उनकी प्रोपागेंडा का हिस्सा नजर आता है जो कि इस सरकार द्वारा समर्थित और सोशल मीडिया पर 'भक्तों' द्वारा किया गया है। 

ईडी की रिपोर्ट के बाद कपिल सिब्बल ने अपने बयान के साथ-साथ पीएफआई के साथ लेन-देन का पूरा ब्योरा भी बताया है। जिसमें कपिल सिब्बल ने बताया है कि उनको 11-11 लाख के सात पेमेंट मिले हैं। लेकिन इसमें कोई भी पेमेंट 2019 और 2020 का नहीं है। आखिरी बार जो पेमेंट उनको मिला है वो 8 मार्च 2018 का है। ये सभी पेमेंट हादिया केस को लेकर थे जिस केस को लेकर मैं सुप्रीम कोर्ट में उपस्थित हुआ था।

वहीं, इस मामले में पीएफआई ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। पीएफआई ने कहा कि मैंने सारे पैसे ट्रांसफर कानूनी नियमों के तहत किया है। इशके साथ ही पीएफआई ने कहा कि जो एजेंसी इस तरह का दावा कर रही है, वह पहले इन बातों को प्रमाणित करे। 

रिपोर्ट में यह भी खुलासा किया गया है कि यह लेन-देन 73 बैंक खातों के माध्यम से हुआ है। जानकारी के अनुसार सिब्बल ने इसे लेकर कहा है कि उन्हें यह रकम फीस के तौर मिली है। इस खबर के सोशल मीडिया पर आते ही कपिल सिब्बल ट्रेंड करने लगे हैं। इस ट्रेंड के साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लिखा है, ' पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया' संगठन ने सीएए विरोधी प्रदर्शन होने के दौरान 73 बैंक खातों में करीब 120 करोड़ रुपए जमा किए। आश्चर्य की बात तो यह है कि शांति का ढिंढोरा पीटने वाले कांग्रेस के 'बुद्धिजीवी' नेता कपिल सिब्बल जी को 77 लाख रुपए मिले हैं। क्या सिब्बल साहब इसका जवाब देंगे?

बीजेपी ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर पूछा है- ''आज हम कांग्रेस पार्टी से पूछना चाहते हैं, सोनिया गांधी से पूछना चाहते हैं कि कपिल सिब्बल ने क्या 77 लाख रुपए लिया था। इंदिरा जयसिंह से पूछना चाहते हैं कि आपने कितना लिया था?''

बीजेपी नेता सुनील देवधर ने भी इसको लेकर ट्वीट किया है। 

देखिए अन्य लोगों की प्रतिक्रिया

समाचार एजेंसी पीटीआई ने भी सूत्रों के हवालों से दावा किया है 

पीटीआई-भाषा ने बताया है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पता चला है कि उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ हाल ही में हुए हिंसक प्रदर्शनों का केरल के संगठन पीएफआई के साथ आर्थिक लेन-देन था। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की धनशोधन रोकथाम कानून के तहत 2018 से जांच कर रहे ईडी ने पता लगाया है कि संसद में पिछले साल कानून पारित होने के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अनेक बैंक खातों में कम से कम 120 करोड़ रुपए जमा किए गए।

सूत्रों ने ईडी की जांच रिपोर्ट के निष्कर्षों के हवाले से कहा कि शक है और आरोप हैं कि पीएफआई से जुड़े लोगों ने उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में सीएए विरोधी प्रदर्शनों को प्रोत्साहित करने के लिए इस पैसे का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि ईडी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के साथ इन निष्कर्षों को साझा किया है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने पिछले दिनों पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया था। इससे कुछ दिन पहले ही सीएए के खिलाफ राज्य में हुए हिंसक प्रदर्शनों में उसकी संदिग्ध संलिप्तता की बात सामने आई थी। इन प्रदर्शनों के दौरान करीब 20 लोगों की मौत हो गई थी।

English summary :
ED revealed, PFI gave 120 crore rupees to many people including Kapil Sibal for protest against CAA, know what Sibal has said


Web Title: ED revealed, PFI gave 120 crore rupees to many people including Kapil Sibal for protest against CAA, know what Sibal has said

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