एजेएल भूखंड आवंटन मामले में ईडी अदालत ने हुड्डा, वोरा को नियमित जमानत दी, 10 दिसंबर को अगली सुनवाई
By भाषा | Published: November 6, 2019 06:35 PM2019-11-06T18:35:27+5:302019-11-06T18:35:27+5:30
ईडी ने अपने पहले आरोपपत्र में वोरा, हुड्डा और एजेएल का नाम लेते हुए आरोप लगाया था कि अपराध के संदर्भ में वह सीधे तौर पर जुड़े हुए थे। राज्यसभा सदस्य वोरा कांग्रेस महासचिव हैं।
पंचकूला में प्रवर्तन निदेशालय की एक विशेष अदालत ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) भूमि आवंटन मामले में बुधवार को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा को नियमित जमानत दे दी। हुड्डा की ओर से पेश एक वकील के मुताबिक, विशेष न्यायाधीश जगदीप सिंह ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख 10 दिसंबर तय की है।
उन्होंने कहा कि दोनों कांग्रेसी नेता अदालत में उपस्थित थे । इससे पहले 30 अक्टूबर को हुई सुनवाई में अदालत ने छह नवंबर तक उन्हें अंतरिम जमानत प्रदान की थी । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अगस्त 2019 में पहला आरोप पत्र दाखिल किया था।
इसमें पंचकूला में एजेएल को भूमि के आवंटन में कथित अनियमितताओं के लिए वोरा और हुड्डा के खिलाफ आरोप लगाए गए थे। ईडी ने पूर्व में कहा था कि पंचकूला में धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत मामलों के लिए एक विशेष अदालत के सामने अभियोजन शिकायत दर्ज करायी गयी थी।
एजेंसी ने अपने पहले आरोपपत्र में वोरा, हुड्डा और एजेएल का नाम लेते हुए आरोप लगाया था कि अपराध के संदर्भ में वह सीधे तौर पर जुड़े हुए थे। राज्यसभा सदस्य वोरा कांग्रेस महासचिव हैं । हुड्डा 2005 और 2014 के बीच दो बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे।
धनशोधन मामला तत्कालीन हुड्डा सरकार द्वारा एजेएल को पंचकूला में स्थित भूखंड के पुन: आवंटन में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है । धन शोधन रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत ईडी 64.93 करोड़ रुपये अनुमानित मूल्य के भूखंड को कुर्क कर चुकी है । भाषा आशीष पवनेश पवनेश