प्रवासी मजदूरों को मुफ्त अनाज, किसानों को सस्ता कर्ज, शिशु-मुद्रा कर्ज पर ब्याज सहायता, पढ़ें आर्थिक पैकेज भाग-2 की बड़ी बातें

By भाषा | Published: May 14, 2020 11:52 PM2020-05-14T23:52:32+5:302020-05-14T23:52:32+5:30

सीतारमण ने यहां पैकेज की जानकारी देते हुए कहा कि 25 मार्च को बंद की घोषणा के बाद कार्यस्थल छोड़ने को मजबूर होने वाले आठ करोड़ प्रवासी मजदूरों को दो महीने तक हर माह प्रति व्यक्ति पांच किलो अनाज और प्रति परिवार एक किलो दाल (चना) मुफ्त मिलेगा।

Economic package Part-2: Free food grains to migrant laborers, Cheap loans to farmers | प्रवासी मजदूरों को मुफ्त अनाज, किसानों को सस्ता कर्ज, शिशु-मुद्रा कर्ज पर ब्याज सहायता, पढ़ें आर्थिक पैकेज भाग-2 की बड़ी बातें

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण। (फाइल फोटो)

Highlightsवित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना वायरस महामारी और ‘लॉकडाउन’ (बंद) के कारण पस्त हुई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिये 3.16 लाख करोड़ रुपये के दूसरे चरण के आर्थिक पैकेज का बृस्पतिवार को ऐलान किया। इसमें प्रवासी मजदूरों को दो महीने तक मुफ्त अनाज, किसानों को 2 लाख करोड़ रुपये का सस्ता कर्ज और रेहड़ी पटरी वालों को जरूरी कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराने की घोषणा की गई है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना वायरस महामारी और ‘लॉकडाउन’ (बंद) के कारण पस्त हुई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिये 3.16 लाख करोड़ रुपये के दूसरे चरण के आर्थिक पैकेज का बृस्पतिवार को ऐलान किया। इसमें प्रवासी मजदूरों को दो महीने तक मुफ्त अनाज, किसानों को 2 लाख करोड़ रुपये का सस्ता कर्ज और रेहड़ी पटरी वालों को जरूरी कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराने की घोषणा की गई है।

वित्त मंत्री ने इससे पहले बुधवार को 5.94 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की। इसे मिलाकर सरकार अब तक कुल 9 लाख करोड़ रुपये से अधिक के पैकेज की घोषणा कर चुकी है।

बुधवार को घोषित पैकेज में मुख्य रूप से छोटे कारोबारियों को बिना गारंटी के कर्ज सुलभ करना, वितरण कंपनियों को और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को राहत दी गयी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संकट से अर्थव्यवस्था को राहत देने के लिये मंगलवार को 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की थी।

सीतारमण ने यहां पैकेज की जानकारी देते हुए कहा कि 25 मार्च को बंद की घोषणा के बाद कार्यस्थल छोड़ने को मजबूर होने वाले आठ करोड़ प्रवासी मजदूरों को दो महीने तक हर माह प्रति व्यक्ति पांच किलो अनाज और प्रति परिवार एक किलो दाल (चना) मुफ्त मिलेगा।

वित्त मंत्री ने छोटे कारोबारियों को राहत देने के लिये मुद्रा योजना के तहत 50,000 रुपये के मुद्रा-शिशु कर्ज पर 2 प्रतिशत ब्याज सहायता देने की भी घोषणा की है। इससे सरकार के ऊपर 1,500 करोड़ रुपये काक बोझ आएगा। इसके साथ ही देशव्यापी बंद के कारण अपना कामकाज गंवाने वाले रेहड़ी-पटरी वालों को 10,000-10,000 रुपये का कार्यशील पूंजी कर्ज दिया जाएगा ताकि वे अपना रोजगार फिर से शुरू कर सकें।

किसानों के बारे में उन्होंने कहा कि उन्हें किसान क्रेडिट कार्ड के जरिये 2 लाख करोड़ रुपये का सस्ता कर्ज मिलेगा। इससे 2.5 करोड़ किसान लाभान्वित होंगे।

रबी फसलों की कटाई के बाद और मौजूदा खरीफ फसल की जरूरतों के लिये राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) मई और जून में 30,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आपात कार्यशील पूंजी कोष किसानों को उपलब्ध कराएगा। यह राशि ग्रामीण सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के जरिये उपलब्ध करायी जाएगी।

वित्त मंत्री ने आवास क्षेत्र को गति देने के वास्ते सस्ते मकानों के लिये कर्ज पर सब्सिडी सहायता योजना की अवधि एक साल बढ़ा दी। इससे 6 लाख रुपये से 18 लाख सालाना आय वाले मध्यम वर्ग के लोगों को लाभ होगा।

सीतारमण ने कहा, ‘‘निश्चित रूप से लोग परेशान हुए हैं। हमने इस बात पर गौर किया है कि बहुत सारे लोगों को कठिनाइयों को सामना करना पड़ा है, वे अपने घरों को लौट रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने उनसे आग्रह किया था कि आप जहां भी हैं, वहीं रहें लेकिन उनकी संवेदनाएं और चिंताएं थी...हम समझते हैं कि प्रवासी मजदूर अपने घरों को लौट रहे हैं। हम उन्हें हर संभव सहायता देंगे। हम उसी दिशा में प्रयास कर रहे हैं।’’ उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार प्रवासी मजदूरों को मुफ्त अनाज और दाल उपलब्ध कराने के लिये 3,500 करोड़ रुपये खर्च करेगी।

इस योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की होगी। उन्हें प्रवासी मजदूरों की पहचान करनी होगी और अनाज का वितरण करना होगा। इतना ही नहीं सरकार प्रवासी मजदूरों के लाभ के लिये राशन कार्ड ‘पोर्टेबिलिटी’ को जल्द से जल्द पूरे देश में लागू करने पर भी विचार कर रही है। इसके तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के दायरे में आने वाले मजदूरों को राशन कार्ड का उपयोग अपनी सुविधा के हिसाब से किसी भी राज्य भी करने की अनुमति होगी।

मंत्री ने कहा कि इसके अलावा प्रवासी मजदूरों /शहरी गरीबों के लिये सस्ता किराये की आवासीय परिसरों की शुरूआत की जाएगी। इसके लिये सरकारी वित्त पोषित आवास को ऐसी इकाइयों में तब्दील किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार प्रवासी मजदूरों को लेकर चिंतित है। हम यह देखकर दुखी हैं कि वे अपने परिवार, बच्चों और सामान लेकर सड़कों से अपने घर जा रहे हैं। सरकार उन्हें ट्रेनों के जरिये उनके घरों तक पहुंचाने के लिये मदद करने को तैयार है।’’

सीतारमण ने रेहड़ी, पटरी वालों को 10,000-10,000 रुपये की कार्यशील पूंजी कर्ज उपलब्ध कराने की घोषणा की है। इस पर 5,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। उन्होंने क्षतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (सीएएमपीए) कोष का उपयोग कर 6,000 करोड़ रुपये की लागत से रोजगार को गति देने की भी घोषणा की।

इस बीच, विपक्षी कांग्रेस ने आर्थिक पैकेज की आलोचना करते हुए इसे ‘जुमला पैकेज’ बताया। उसने कहा कि प्रधानमंत्री ने जो वादे किये थे, यह पैकेज उससे कोसों दूर है। ‘‘वित्त मंत्री का पूरा संवाददाता सम्मेलन अज्ञानता, अहंकार और असंवेदनशीलता का उत्कृष्ट मिश्रण है।’’

वित्त मंत्री ने कहा कि इस योजना के दायरे में वे प्रवासी श्रमिक आएंगे जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के अंतर्गत नहीं आते या जहां वह रह रहे हैं, उनके पास कोई राशन कार्ड नहीं है। साथ ही सरकार प्रवासी मजदूरों के लाभ के लिये राशन कार्ड ‘पोर्टेबिलिटी’ को जल्द से जल्द पूरे देश में लागू करने पर भी विचार कर रही है। इसके तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के दायरे में आने वाले मजदूरों को राशन कार्ड का उपयोग अपनी सुविधा के हिसाब से किसी भी राज्य भी करने की अनुमति होगी।

सीतारमण ने कहा कि अबतक 20 राज्यों में पोर्टेबिलिटी की सुविधा शुरू की गयी है और अगस्त 2020 तक इसका विस्तार 23 राज्यों में 67 करोड़ लाभार्थियों तक कर दिया जाएगा। यह पीडीएस के दायरे में आने वाली आबादी का 83 प्रतिश्त है।

वहीं मार्च 2021 तक 100 प्रतिशत राष्ट्रीय ‘पोर्टेबिलिटी’ का लक्ष्य हासिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुद्रा योजना के दायरे में आने वाले छोटी इकाइयां कोरोना वायरस ‘लॉकडाउन’ से सर्वाधिक प्रभावित हुई हैं। इससे उनकी मासिक किस्त (ईएमआई) देने की क्षमता भी प्रभावित हुई है। उनकी मदद के लिये सरकार उन्हें 12 महीने के लिये 2 प्रतिशत ब्याज सहायता उपलब्ध कराएगी। यह सुविधा उन इकाइयों के लिये होगी जो भुगतान के मामले में बेहतर रहे हैं।

वित्त मंत्री ने कहा कि रोजगार सृजित करने की जरूरत है। इसके लिये सीएएमपीए के तहत कोष का उपयोग वनीकरण और पौध रोपण कार्यों, वनों की सुरक्षा और मृदा तथा नमी संरक्षण जैसे कार्यों में किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि 30,000 करोड़ रुपये की आपात कार्यशील पूंजी वित्त पोषण नाबार्ड द्वारा उपलब्ध कराये गये 90,000 करोड़ रुपये के अलावा है। इस कार्यशील पूंजी का वितरण 33 सहकारी बैंकों, 351 जिला सहकारी बैंकों और 43 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के जरिये किया जाएगा। इससे करीब 3 करोड़ किसान लाभान्वित होंगे जिसमें से ज्यादातर लघु एवं सीमांत किसान होंगे।

सीतारमण ने कहा कि पीएम-किसान लाभार्थियों को किसान क्रेडिट कार्ड के जरिये सस्ता कर्ज देने के लिये विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसमें मछुआरों और पशुपालन करने वाले किसानों को भी शामिल किया जाएगा।

आवास क्षेत्र के लिये उन्होंने कहा कि मध्यम आय वर्ग की श्रेणी में आने वालों के लिये‘केडिट लिंक्ड सिब्सडी योजना’ एक साल के लिये बढ़ायी जा रही है। इससे 2.5 लाख परिवर को लाभ होगा और इससे आवास क्षेत्र में 70,000 करोड़ रुपये के निवेश को बढ़ावा मिलेगा।

Web Title: Economic package Part-2: Free food grains to migrant laborers, Cheap loans to farmers

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