आर्थिक पैकेजः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस, जानिए शुरू से लेकर अब तक किस-किस पर किया फोकस?
By रामदीप मिश्रा | Published: May 17, 2020 12:08 PM2020-05-17T12:08:34+5:302020-05-17T12:32:49+5:30
देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है। इसे अभी तक दो बार बढ़ाया जा चुका है। एक अनुमान के अनुसार, लॉकडाउन के कारण अप्रैल में 12.2 करोड़ लोग बेरोजगार हो सकते हैं और उपभोक्ता मांग समाप्त बहुत नीचे जा सकती है।
नई दिल्लीः आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को 11 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। उनकी राहत पैकेज को लेकर यह पांचवी और आखरी कॉन्फ्रेंस थी। इससे पहले वह लगातार पिछले चार दिनों से शाम चार बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही थीं। लेकिन आज रविवार को उन्होंने सुबह 11 बजे का समय चुना। इस दौरान उन्होंने प्रोत्साहन पैकेज की पांचवीं किस्त की घोषणा करते हुए सुधारों पर जोर देने की बात कही।
वित्त मंत्री ने कहा, 'मै एफसीआई, नेफेड और राज्यों के ठोस प्रयासों की सराहना करती हूं जिन्होंने लॉजिस्टिक की इतनी बड़ी चुनौती के बाद भी इतनी ज्यादा मात्रा में दालें और अनाज बांटा। दालें भी 3 महीने पहले एडवांस में दे दी गईं।'
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण ने मौजूदा तकनीक का इस्तेमाल किया और इसलिए नकदी का डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर कर पाए। 2,000 रुपये की एक बार नकदी ट्रांसफर 8.19 करोड़ किसानों तक पहुंची है और इसकी कुल लागत 16,394 करोड़ है। किसानों को पहली किस्त 1405 करोड़ रुपये और दूसरी किस्त में 1402 करोड़ रुपये भेजी गई है। लगभग 3,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य हासिल हुआ है।
जन-धन खातों में भेजे गए 500-500 रुपये
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 20 करोड़ जन-धन खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए 500-500 रुपये भेजे गए। उज्ज्वला योजना के तहत 6.81 करोड़ रसोई गैस धारकों को मुफ्त सिलेंडर दिया गया। इसके अलावा 2.20 करोड़ निर्माण मजदूरों को सीधे उनके खाते में पैसा दिया गया।
टेस्टिंग, लैब्स और किट्स पर 505 करोड़ हुए खर्च
वहीं, वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि नेशनल सोशल असिस्टेंस प्रोग्राम जो वृद्ध, अपंग और विधवाओं के लिए शुरू किया गया था उसके तहत 2 करोड़ 81 लाख लाभार्थियों को 2807 करोड़ रुपए अब तक ट्रांसफर कर दिया गया है। इसमें कुल 3000 करोड़ ट्रांसफर करना था। देश के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए प्रधानमंत्री ने 15000 करोड़ की योजना की घोषणा की थी जिसमें से 4113 करोड़ राज्यों को दे दिया गया है। आवश्क वस्तुओं पर 3750 करोड़ खर्च किया गया। टेस्टिंग लैब्स और किट्स पर 505 करोड़ खर्च किया गया।
PPE के 300 से ज्यादा घरेलू निर्माता हैंः निर्मला सीतारमण
निर्मला सीतारमण ने जानकारी देते हुए कहा कि आज हमारे पास PPE के 300 से ज्यादा घरेलू निर्माता हैं, इस महामारी के आने से पहले हमारे पास PPE का 1 भी निर्माता नहीं था। हम पहले ही 51लाख PPE और 87 लाख N95 मास्क की आपूर्ति कर चुके हैं और 11.08 करोड़ हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन टैबलेट की आपूर्ति कर चुके हैं।
सरकार मनरेगा को देगी अतरिक्त 40 हजार करोड़ रुपये
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि रोजगार बढ़ाने के लिए सरकार अब MGNREGS को अतिरिक्त 40,000 करोड़ रुपये आवंटित करेगी। बता दे, सीतारण का पांच दिन में यह यह पांचवा संवाददाता सम्मेलन था जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा अर्थव्यवस्था को गति देने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ब्योरा दे रही थीं।
The government will now allocate an additional Rs 40,000 crores to MGNREGS to provide employment boost: Finance Minister Nirmala Sitharaman pic.twitter.com/uRFvabVasr
— ANI (@ANI) May 17, 2020
सरकार ने चौथी किस्त में ढांचागत सुधार बढ़ाने पर दिया जोर
इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की चौथी किस्त ढांचागत सुधार को बढ़ावा देने और रोजगार सृजित करने के उद्देश्य पर केंद्रित होगी। सीतारमण ने कहा था कि पैकेज की चौथी किस्त कोयला, खनिज, रक्षा उत्पादन, नागरिक उड्डयन क्षेत्र, केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली वितरण कंपनियों, अंतरिक्ष क्षेत्र और परमाणु ऊर्जा क्षेत्र के संरचनात्मक सुधारों पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में उठाये गये कदमों में सचिवों के सशक्त समूह के माध्यम से निवेशके प्रस्तवों की शीघ्रता से जूरी की व्यवस्था भी शामिल है।
सरकार ने पहली, दूसरी, तीसरी किस्तें में किसे क्या दिया
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पहली, दूसरी, तीसरी किस्तों में सरकार ने 10.73 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की थी। घोषित किए गये उपायों में छोटे व्यवसायों, रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं, किसानों और गरीब प्रवासियों के साथ-साथ गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी), सूक्ष्त वित्त संस्थानों (एमएफआई) और बिजली वितरकों के लिये राहतें दी गईं। देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है। इसे अभी तक दो बार बढ़ाया जा चुका है। एक अनुमान के अनुसार, लॉकडाउन के कारण अप्रैल में 12.2 करोड़ लोग बेरोजगार हो सकते हैं और उपभोक्ता मांग समाप्त बहुत नीचे जा सकती है।