आर्थिक अपराधियों को अग्रिम जमानत नहीं दी जानी चाहिए: हाई कोर्ट
By भाषा | Published: August 21, 2019 05:53 AM2019-08-21T05:53:36+5:302019-08-21T05:53:36+5:30
उच्च न्यायालय ने पूर्व केंद्रीय मंत्री को अपने 24 पन्नों के आदेश में जमानत देने से इनकार करते हुए कहा, “अब तक जो दिखा है वह एक छोटा सा सिरा भर है। बड़े आर्थिक अपराधियों के लिये अग्रिम (जमानत) नहीं है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि मौजूदा कानून में संशोधन की आवश्यकता है जिससे अग्रिम जमानत के प्रावधान को सीमित किया जा सके और आईएनएक्स मीडिया घोटाले जैसे बड़े आर्थिक अपराधों में इसे अस्वीकार्य बनाया जाए। आईएनएक्स मीडिया घोटाले में कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत इस आधार पर खारिज कर दी गई कि वह मामले में मुख्य कर्ताधर्ता हैं।
न्यायमूर्ति सुनील गौड़ ने कहा कि बड़े आर्थिक अपराधों के लिये अग्रिम जमानत नहीं है और कानून बनाने वालों को माफी के साथ कानून तोड़ने की इजाजत नहीं दी जा सकती, खास तौर पर बड़े मामलों में। उच्च न्यायालय ने पूर्व केंद्रीय मंत्री को अपने 24 पन्नों के आदेश में जमानत देने से इनकार करते हुए कहा, “अब तक जो दिखा है वह एक छोटा सा सिरा भर है। बड़े आर्थिक अपराधियों के लिये अग्रिम (जमानत) नहीं है।
समय आ गया है कि संसद से यह अनुशंसा की जाए कि कानून में उचित तरीके से बदलाव करे और मौजूदा मामले जैसे हाईप्रोफाइल मामलों में आर्थिक अपराधियों की अग्रिम जमानत के प्रावधानों को अस्वीकार्य बनाया जाए। यह समय की मांग है।” अदालत ने कहा कि आर्थिक अपराधियों से कानून को सख्ती से निपटना चाहिए।