अशोक लवासा की असहमति वाली टिप्पणियों को सार्वजनिक करने से चुनाव आयोग का इनकार, कहा- इससे जान का है खतरा

By रामदीप मिश्रा | Published: June 25, 2019 10:07 AM2019-06-25T10:07:17+5:302019-06-25T10:07:38+5:30

चुनाव आयोग ने कहा कि वैसी सूचना का खुलासा नहीं किया जा सकता है जोकि किसी भी व्यक्ति के जीवन या शारीरिक सुरक्षा को खतरे में डाले। दरअसल, लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आचार संहिता मामले में क्लीनचिट देने पर अशोक लवासा ने असहमति जताई थी।

EC on an RTI seeking Ashok Lavasa: Information can not be disclosed over narendra modi speech note | अशोक लवासा की असहमति वाली टिप्पणियों को सार्वजनिक करने से चुनाव आयोग का इनकार, कहा- इससे जान का है खतरा

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चुनाव आयोग ने आरटीआई अधिनियम के तहत चुनाव आयुक्त अशोक लवासा की असहमति वाली टिप्पणियों को सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया है। आयोग का कहना है कि आरटीआई अधिनियम के नियम 8 (1) (जी) के तहत सूचना का खुलासा नहीं किया जा सकता है। आयोग ने यह बात पुणे के आरटीआई कार्यकर्ता विहार दुर्वे की आरटीआई पर कई है।

चुनाव आयोग ने कहा कि वैसी सूचना का खुलासा नहीं किया जा सकता है जोकि किसी भी व्यक्ति के जीवन या शारीरिक सुरक्षा को खतरे में डाले। दरअसल, लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आचार संहिता मामले में क्लीनचिट देने पर अशोक लवासा ने असहमति जताई थी।



लवासा के आयोग के बैठक में हिस्सा नहीं लेने से इनकार कर दिया था और चिट्ठी लिखकर नाराजगी जताई थी। इस मामले पर मचे विवाद के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा का जवाब सामने आया था। सीईसी सुनील अरोड़ा ने अशोक लवासा के कथित चिट्ठी के जवाब में लिखा था कि वे कभी किसी बहस से नहीं भागे, लेकिन हर चीज का एक समय होता है। साथ ही सुनील अरोड़ा ने कहा था कि ऐसा पहले भी कई बार हुआ है जब आयोग के तीन सदस्यों के मत किसी मसले पर अलग-अलग रहे और ऐसा होना भी चाहिए।

जानिए, क्या है विवाद

ऐसी खबरें आई थीं कि आचार संहिता मामले पर पीएम नरेंद्र मोदी को क्लीनचिट देने पर असहमति जताने वाले चुनाव आयोग के सदस्य अशोक लवासा ने आयोग की बैठकों में शामिल नहीं से इनकार किया था। अशोक लवासा ने पीएम मोदी और अमित शाह के क्लीन चिट पर असहमति जताई थी। उनकी असहमति को 'ऑन रिकॉर्ड' नहीं रखे जाने की थी। उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त को एक पत्र लिखकर कहा था कि जब तक उनके असहमति वाले मत को ऑन रिकॉर्ड नहीं किया जाएगा तब तक वह आयोग की किसी मीटिंग में शामिल नहीं होंगे। 

 

Web Title: EC on an RTI seeking Ashok Lavasa: Information can not be disclosed over narendra modi speech note

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