पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद: मोदी सरकार के विदेश मंत्रालय ने कहा, चीन ने एकतरफा हमला कर यथास्थिति को बदलने का किया प्रयास

By अनुराग आनंद | Published: June 17, 2020 12:31 AM2020-06-17T00:31:17+5:302020-06-17T00:33:18+5:30

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि हमें आशा थी कि चीन व भारत सीमा विवाद का हल सुगम तरीके से निकलेगा लेकिन चीनी पक्ष गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा के संबंध में बनी सहमति से अलग चले गए।

East Ladakh border dispute: Foreign Ministry of Modi government said, China unilaterally attacked and tried to change the status quo | पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद: मोदी सरकार के विदेश मंत्रालय ने कहा, चीन ने एकतरफा हमला कर यथास्थिति को बदलने का किया प्रयास

पूर्वी लद्दाख की वो घाटियां जिसे चीन अपना बताता है (फाइळ फोटो)

Highlightsभारत ने कहा कि हमारा अटूट विश्वास है कि सीमाई इलाके में शांति बनाए रखने की जरूरत है।इसके साथ भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।भारत ने कहा कि हमारी सारी गतिविधियां हमेशा एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) के भारतीय हिस्से की तरफ हुई हैं।

नयी दिल्ली: भारत ने मंगलवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प क्षेत्र में ‘‘चीन की ओर से एकतरफा हमले के बाद यथास्थिति को बदलने के प्रयास’’ के कारण हुई। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पूर्व में शीर्ष स्तर पर जो सहमति बनी थी, अगर चीनी पक्ष ने गंभीरता से उसका पालन किया होता तो दोनों पक्षों की ओर जो हताहत हुए हैं उनसे बचा जा सकता था।

भारतीय सेना ने एक बयान में कहा है कि लद्दाख की गलवान घाटी में कुल 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए हैं । इस झड़प के पहले से ही दोनों पक्षों के बीच सीमा पर गतिरोध चल रहा है। इससे पहले दिन में भारतीय सेना ने कहा था कि भारत के एक अधिकारी और दो सैनिक शहीद हुए हैं। सरकारी और सैन्य सूत्रों ने कहा है कि चीन को भी नुकसान हुआ है।

टीओआई के मुताबिक, विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत और चीन सैन्य और राजनयिक संवाद के जरिए पूर्वी लद्दाख में सीमाई क्षेत्र में तनाव कम करने के लिए चर्चा कर रहे हैं तथा वरिष्ठ कमांडरों के बीच छह जून को सार्थक बातचीत हुई थी। मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्ष तनाव दूर करने की प्रक्रिया को लेकर सहमत हुए थे।

भारत ने कहा कि हमारी गतिविधियां हमेशा एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) के भारतीय हिस्से की तरफ हुई है-

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘इसके बाद उच्च स्तर पर बनी सहमति के आधार पर फैसले को लागू करने के लिए समूह कमांडरों ने सिलसिलेवार बैठकें की। हमें आशा थी कि यह सुगम तरीके से होगा लेकिन चीनी पक्ष गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा के संबंध में बनी सहमति से अलग चले गए।’’

मंत्रालय ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प क्षेत्र में ‘‘यथास्थिति को एकतरफा तरीके से बदलने के चीनी पक्ष के प्रयास’’ के कारण हुई। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘सीमा प्रबंधन पर जिम्मेदाराना दृष्टिकोण जाहिर करते हुए भारत का स्पष्ट तौर पर मानना है कि हमारी सारी गतिविधियां हमेशा एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) के भारतीय हिस्से की तरफ हुई हैं।

हम चीन से भी ऐसी ही उम्मीद करते हैं । ’’ श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘हमारा अटूट विश्वास है कि सीमाई इलाके में शांति बनाए रखने की जरूरत है और वार्ता के जरिए मतभेद दूर होने चाहिए। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसके साथ ही, हम भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।’’  

Web Title: East Ladakh border dispute: Foreign Ministry of Modi government said, China unilaterally attacked and tried to change the status quo

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