असम में कुछ घंटे के अंतराल में दो बार हिली धरती, राजकोट और मेघालय में भी महसूस किए गए भूकंप के झटके
By भाषा | Published: July 16, 2020 06:58 PM2020-07-16T18:58:48+5:302020-07-16T18:58:48+5:30
देश का पूर्वोत्तर क्षेत्र उच्च भूकंपीय क्षेत्र की श्रेणी में आता है जहां भूकंप प्राय: आता रहता है। पिछले एक महीने में क्षेत्र में कई बार भूकंप के झटके आए हैं जिनमें से अधिकतर का केंद्र पश्चिमी मिजोरम था। इससे चंफाई जिले में नुकसान भी हुआ।
गुवाहाटी/शिलांग/अहमदाबादः असम में गुरुवार को कुछ घंटों के अंतराल में धरती दो बार हिली और इसके साथ ही पड़ोसी मेघालय में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए।
हालांकि, इसमें जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार भूकंप का पहला झटका बराक घाटी के करीमगंज में 18 किलोमीटर की गहराई पर केंद्रित था जिसकी तीव्रता 4.1 थी। यह सुबह 7:57 बजे महसूस किया गया।
अधिकारियों ने बताया कि शिलांग और पश्चिमी गारो हिल्स क्षेत्र सहित समूचे मेघालय में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। असम में भूकंप का दूसरा झटका अपराह्न 1.09 बजे आया जिसकी तीव्रता 2.6 थी। यह झटका पश्चिमी मेघालय में भी महसूस किया गया।
अधिकारियों ने बताया कि भूकंप की वजह से जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। देश का पूर्वोत्तर क्षेत्र उच्च भूकंपीय क्षेत्र की श्रेणी में आता है जहां भूकंप प्राय: आता रहता है। पिछले एक महीने में क्षेत्र में कई बार भूकंप के झटके आए हैं जिनमें से अधिकतर का केंद्र पश्चिमी मिजोरम था। इससे चंफाई जिले में नुकसान भी हुआ।
राजकोट में आया 4.8 तीव्रता का भूकंप, जानमाल की कोई हानि नहीं
गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में राजकोट शहर के आसपास के ग्रामीण इलाकों में बृहस्पतिवार की सुबह 4.8 की मध्यम तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। राजकोट की कलक्टर रम्या मोहन ने कहा कि भूकंप से किसी के हताहत होने या जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।
अधिकारी ने कहा कि भूकंप का केंद्र राजकोट शहर के दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में 20 किलोमीटर दूर स्थित था। उन्होंने कहा, “सुबह सात बजकर चालीस मिनट पर राजकोट शहर के पास 4.8 तीव्रता का भूकंप आया। शहर और ग्रामीण इलाकों से मिली खबरों के अनुसार जानमाल की कोई हानि नहीं हुई। भूकंप से किसी प्रकार की क्षति नहीं हुई।” गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने राजकोट, सुरेंद्रनगर और अमरेली जिलों के कलक्टरों को फोन कर भूकंप के बाद की स्थिति का जायजा लिया।