केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बताया भारत में क्यों कम हुए कोविड-19 से मौत, देश में कोरोना से मृत्यु दर है 2.66 प्रतिशत
By भाषा | Published: July 12, 2020 09:43 PM2020-07-12T21:43:10+5:302020-07-12T21:43:10+5:30
भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है और अब तक 8.49 लाख लोग इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं, लेकिन देश में मृत्यु दर काफी कम है।
नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने रविवार को कहा कि व्यापक जांच, निगरानी और क्लीनिकल प्रबंधन से कोविड-19 के मामलों की जल्द पहचान की वजह से भारत में 2.66 प्रतिशत की कम मृत्यु दर है। हर्षवर्धन ने छतरपुर के सरदार पटेल कोविड देखभाल केंद्र (एसपीसीसीसी) का दौरा कर वहां कोविड-19 के प्रबंधन की समीक्षा की।
उन्होंने कहा कि संक्रमित लोगों के ठीक होने की दर से हमारी सफलता आंकी जा सकती है जो इस समय करीब 63 प्रतिशत है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार 10,200 बिस्तर वाले एसपीसीसी को केंद्र तथा दिल्ली सरकार के समन्वित प्रयासों के तहत राधा स्वामी सत्संग व्यास ने तैयार किया है।
स्वस्थ होने की दर में हमारी सफलता देखी जा सकती है
केंद्र का दौरा करने के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि भारत के क्लीनिकल प्रोटोकॉल में व्यापक स्तर पर जांच, निगरानी के जरिये मामलों की जल्द पहचान और क्लीनिकल प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
उनके हवाले से एक बयान में कहा गया, ‘‘इससे भारत सबसे कम मृत्यु दर वाले देशों में है जहां संक्रमण से मौत की दर 2.66 प्रतिशत है। लोगों के स्वस्थ होने की दर में हमारी सफलता देखी जा सकती है जो तकरीबन 63 प्रतिशत है। 5.3 लाख से अधिक रोगी अब तक ठीक हो चुके हैं।’’
स्वास्थ्य मंत्री ने दो गज की दूरी पर दिया जोर
मंत्री ने कहा कि जब हम ‘अनलॉक 2’ की ओर बढ़ रहे हैं तो यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि हम ‘दो गज की दूरी’ जैसे ‘सामाजिक टीके’ को अपना लें। बयान के अनुसार इस केंद्र में प्राकृतिक चिकित्सा और आयुर्वेद के प्रोटोकॉल से उपचार किया जा रहा है। इसमें बताया गया कि यहां रोगियों की प्रतिरक्षा क्षमता बढ़ाने के लिए सुबह आयुर्वेदिक काढ़ा दिया जाता है जिसके बाद आहार विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार भोजन दिया जाता है और रात को हल्दी का दूध मिलता है।
पीपीई सूट पहनकर केंद्र पहुंचे हर्षवर्धन ने करीब 12 रोगियों से बातचीत की और उनका कुशलक्षेम पूछा। उन्होंने महामारी से उबर चुके और इस समय स्वयंसेवक के रूप में केंद्र में सेवा दे रहे 30 लोगों से भी पूछताछ की।