DUSU अध्यक्ष अंकित बसोया की डिग्री फर्जी होने के आरोप का ABVP ने किया खंडन, NSUI ने लगाया था आरोप

By जनार्दन पाण्डेय | Published: September 18, 2018 04:27 PM2018-09-18T16:27:50+5:302018-09-18T16:43:40+5:30

13 सितंबर को आए चुनाव परिणामों में एबीवीपी के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी अंकित बसोया ने एक कड़ी टक्कर में एनएसयूआई के उम्मीदवार सन्नी छिल्लर को हराया था।

DUSU president Ankit Basoya says my graduation is genuine, dismisses rumours of fake marksheet | DUSU अध्यक्ष अंकित बसोया की डिग्री फर्जी होने के आरोप का ABVP ने किया खंडन, NSUI ने लगाया था आरोप

DUSU अध्यक्ष अंकित बसोया की डिग्री फर्जी होने के आरोप का ABVP ने किया खंडन, NSUI ने लगाया था आरोप

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की छात्र विंग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने दिल्‍ली यूनिव‌र्स‌िटी छात्र संघ के नवनिर्वाचित अध्यक्ष की मार्कशीट फर्जी होने से इंकार कर दिया है। एबीवीपी ने इसे विरोधियों द्वारा फैलाई जा रही है एक अफवाह बताई है। बीते 13 सितंबर को आए चुनाव परिणामों में एबीवीपी के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी अंकित बसोया ने एक कड़ी टक्कर में कांग्रेस के यूथ विंग भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) के उम्मीदवार सन्नी छिल्लर को हराया था।

लेकिन मंगलवार को उनकी मार्कशीट और मार्कशीट को लेकर विवाद शुरू हो गया। एनएसयूआई ने दावा किया कि उनके संगठन के तमिलनाडु के छात्रों ने थ‌िरुवल्लुवर यूनिवर्सिटी से अंकित बसोया की मार्कशीट और प्रमाण पत्र की जानकारी मांगी थी। इसके जवाब में थ‌िरुवल्लुवर यूनिवर्सिटी ने एक कागजात उपलब्‍ध कराया है। जिसमें विवि ने कहा है कि जिस मार्कशीट की जानकारी मांगी गई वह एक फर्जी मार्कशीट है। एनएयूआई का दावा है कि अंकित ने गलत मार्कशीट देकर डीयू में एडमिशन ले लिया था।

लेकिन अंकित बसोया ने इसका खंडन किया है। उन्होंने टाइम्स नाऊ को दिए गए एक बयान में कहा, 'मेरा स्नातक वास्तविक है। मैं उनके खिलाफ कार्रवाई करूंगा।' उन्होंने यह भी कहा, 'ये लोग जानबूझकर विवाद खड़े कर रहे हैं। पहले इन्होंने ईवीएम पर विवाद खड़ा किया, लेकिन जब हार गए तो अब बेबुनियाद मुद्दे को उठा रहे हैं।'

इस मामले में एबीवीपी ने बयान जारी किया है। एबीवीपी के मुताबिक, 'डीयू ने अंकित का एडिमिशन उनके प्रमाण पत्रों की वेरिफिकेशन के बाद ही किया था। डीयू के पास आज भी इसका अधिकार है कि अगर वह किसी दस्तावेज की छानबीन करना चाहती है तो कर सकती है।'

एबीवीपी ने एनएसयूआई पर आरोप लगाते हुए कहा, "यह एनएसयूआई का काम नहीं है कि वह किसी को सर्टिफिकेट जारी करे।" एबीवीपी ने यह भी कहा कि कथ‌ित तौर पर थ‌िरुवल्लुवर यूनिवर्सिटी की ओर से जारी किए गए दस्तावेज पर किसी तारीख का उल्लेख नहीं है। यह पूरी तरह से एनएसयूआई की ओर से खड़ा किया गया विवाद है।

उल्लेखनीय है कि डीयू में एडमिशन मेरिट के आधार पर होता है। डीयू में एडमिशन के‌ लिए हाई स्कोर होना जरूरी होता है। अन्यथा डीयू में एडिशन मिलना संभव नहीं हो पाता। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की छात्र विंग एबीवीपी ने इस बार अध्यक्ष पद के लिए गुर्जर समुदाय से आने वाले अंकिव बसोया को टिकट दिया था और उन्होंने जीत भी दर्ज की थी। लेकिन अब उनकी मार्कशीट को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।

इससे पहले 13 सितंबर को आए डूसू चुनाव परिणामों में चार प्रमुख पदों में एबीवीपी ने अध्यक्ष पद पर अंकित बसोया, उपाध्यक्ष पद पर शक्ति सिंह और संयुक्त सचिव के पद पर ज्योति चौधरी ने जीत दर्ज की थी। जबकि एनएसयूआई को बस सचिव पद आकाश चौधरी से संतोष करना पड़ा था। जबकि मतगणना के दौरान ईवीएम में खराबी आने से मतगणना केंद्र में जमकर तोड़फोड़ भी हुई ‌थी और काउंटिंग टाल दी गई थी। लेकिन बाद में फिर से काउंटिंग शुरू हुई और रात में परिणाम जारी किए गए।

एनएसयूआई ने इस दौरान ईवीएम में छेड़छाड़ और आरएसएस व बीजेपी की शह पर एबीवीपी को जिताने के आरोप भी लगाए। बाद में चुनाव आयोग ने मामले पर सफाई देते हुए कहा कि डूसू में प्रयोग की गई ईवीएम चुनाव आयोग की नहीं थी। जबकि अमित शाह ने इस जीत को ऐतिहासिक जीत बताया था। उन्होंने कहा था यह राष्ट्रीय विचारधारा की जीत है।

Web Title: DUSU president Ankit Basoya says my graduation is genuine, dismisses rumours of fake marksheet

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