राजस्थान: कोरोना से बचाव और जागरूकता में डूंगरपुर पेश कर रहा है अनूठी मिसाल, बाहर से आने वाले अपने आने की स्वयं ही दे रहे हैं सूचना
By धीरेंद्र जैन | Published: May 27, 2020 07:27 PM2020-05-27T19:27:28+5:302020-05-27T19:27:28+5:30
जिले में प्रशासन के द्वारा जिला, ब्लॉक एवं ग्राम स्तरों पर चैक पोस्ट एवं मॉनिटरिंग कमेटियों द्वारा सतत निगरानी की जा रही है। कुछ मामलों में तो प्रवासी फिलहाल जिस राज्य में हैं, वहां से निकलने से पहले अपने क्षेत्र के पटवारी तथा प्रशासन से संपर्क कर अपने आने की सूचना दे रहें हैं तथा जांच में पूर्ण सहयोग भी कर रहे हैं।
जयपुर: वैश्विक महामारी कोविड-19 के संक्रमण से बचाव एवं जागरूकता के लिए प्रदेश के दक्षिण में स्थित जनजाति बाहुल्य डूंगरपुर जिले में किये जा रहे प्रयासों का असर दिखने लगा है। प्रवासियों के आगमन के बाद लगातार बढ़ रहे संक्रमण के खतरे को देखते हुए आमजन प्रशासन का पूर्ण सहयोग कर सरकार के निर्देशों का पूर्ण पालन कर रहे हैं। वे स्वयं ही खुद को होम क्वारेंटीन कर अनूठी मिसाल पेश कर रहे हैं। प्रशासन ने भी जिले में प्रवासियों के आगमन के बाद एहतियात के तौर पर हॉट स्पॉट से आने वाले प्रवासियों की प्राथमिकता से जांच कराते हुए सैंपलिंग बढ़ा दी है।
जिले में प्रशासन के द्वारा जिला, ब्लॉक एवं ग्राम स्तरों पर चैक पोस्ट एवं मॉनिटरिंग कमेटियों द्वारा सतत निगरानी की जा रही है। कुछ मामलों में तो प्रवासी फिलहाल जिस राज्य में हैं, वहां से निकलने से पहले अपने क्षेत्र के पटवारी तथा प्रशासन से संपर्क कर अपने आने की सूचना दे रहें हैं तथा जांच में पूर्ण सहयोग भी कर रहे हैं। ऐसी ही एक अनूठी मिसाल पेश की ओड ग्राम पंचायत के गामडा चारणीया निवासी राकेश ने। वह अहमदाबाद के वस्त्रापुर के साल चिकित्सालय में कार्यरत था। उसने अपने परिवार को फोन पर सूचना दी कि वह बाइक से घर आ रहा है। उसने अहमदाबाद से निकलते समय गांव के पटवारी एवं प्रशासन से संपर्क कर अपने घर आने की सूचना दी। उसने रतनपुर बोर्डर पर पहुंचकर जांच टीम को पूरी तरह से सहयोग कर जांच कराई तथा इसके बाद घर पहुंचकर स्वयं को अपने घर से बाहर अस्थाई रूप से ईटों से बनाये कच्चे झोंपडे में होम क्वोरेंटीन कर लिया।
घर से दूर झोंपड़ा बनाकर हो रहे हैं क्वारंटीन -
उपखंड अधिकारी सागवाड़ा राजीव द्विवेदी ने बताया कि जहां प्रशासन द्वारा क्वारेंटीन सेंटर पर पूर्ण इंतजाम किये गये हैं वहीं कुछ प्रवासी स्वयं जागरूक होकर अपने परिवार की सुरक्षा के मद्देनजर घर में ना रहकर घर के बाहर अपने खेतों में अथवा घर से थोडा दूर अन्य कच्ची झोंपड़ी बनाकर होम क्वारेंटीन की पूर्ण पालना कर रहें हैं। राकेश ने भी अपने परिवार के हितों का ध्यान रखते हुए अलग से ईंटों से बनाए गए छोटे से झोंपडे में रहने का निर्णय लिया। उसके आने की सूचना पर परिजनों ने रातों रात ईंटों से कच्चा झोंपडा तैयार कर दिया।
इसी प्रकार डूकां गांव के कंदवाला फला में अहमदाबाद से आये सूरता और मेहसाणा गुजरात से आये चंद्रवीर ने जांच के बाद अपने घर नहीं जाकर गांव के बाहर झोंपडी बनाकर स्वयं को होम क्वारेंटीन किया, जिससे गांव एवं परिजनों को कोरोना संक्रमण से बचाया जा सके। इसी प्रकार पोहरी पटेलन निवासी शांतिभाई भी मुबंई से आने एवं जांच के बाद अपने परिवार को संक्रमण से बचाने के लिए अपने खेत में ही होम क्वारेंटीन हो गया। इसी प्रकार ब्लॉक चिखली के सूदूर ग्राम अंबाड़ा में आये प्रवासी कालू द्वारा घर से दूर अस्थाई कच्चा मकान बनाकर होम क्वारेंटीन की पालना सुनिश्चित कर परिवारजन एवं ग्रामवासियों को सुरक्षित रखने का संकल्प लिया है।
महिलाएं भी हैं जागरूक-
जिला कलक्टरएवं जिला पुलिस अधीक्षक के सीमलवाड़ा उपखंड निरीक्षण के दौरान चिखली ब्लॉक के ग्राम पंचायत दरियाटी के ग्राम चन्दोडिया में होम क्वारेंटीन लोगों की मॉनिटरिंग के दौरान देखा कि अहमदाबाद गुजरात से आई नानकी होम क्वारेंटीन की पालना एवं परिवारजन की सुरक्षा हेतु घर से बाहर पृथक छपरा बनाकर रह रही है तथा होम क्वारेंटीन के नियमों का पूर्ण पालन कर रही है।
प्रशासन द्वारा हैं पूरे इंतजाम-
जिला कलक्टर काना राम ने बताया कि प्रशासन द्वारा जिले के सभी ब्लॉक एवं प्रत्येक ग्राम पंचायत पर क्वारेंटीन सेंटर बनाये गये हैं। ऐसे लोग जिनके घर में होम क्वारेंटीन के लिए पर्याप्त स्थान नहीं है, उनके लिए संस्थागत क्वारेंटीन की भी पूर्ण व्यवस्था की गई है।