गरीबी और भूख की वजह से बच्चे खा रहे थे मिट्टी, मां ने लगाई गुहार, सरकार बच्चों को अपनी शरण में ले लें

By भाषा | Published: December 3, 2019 02:57 PM2019-12-03T14:57:40+5:302019-12-03T14:57:40+5:30

श्रीदेवी की यह दयनीय कहानी को सुनकर कई लोग मदद का हाथ बढ़ा रहे हैं। वह उपलामोदु पुल पर एक अस्थायी तंबू में अपने छह बच्चों के साथ रह रही थी, जो कि सचिवालय से सिर्फ एक किलोमीटर की दूरी पर है। महिला की यह गुहार तब लोगों के सामने आई, जब बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) ने चार बच्चों को अपने संरक्षण में ले लिया। इन बच्चों में दो लड़के हैं जो सात साल और पांच साल के हैं।

Due to poverty and hunger, children were eating mud, mother pleaded, government should take children in their shelter | गरीबी और भूख की वजह से बच्चे खा रहे थे मिट्टी, मां ने लगाई गुहार, सरकार बच्चों को अपनी शरण में ले लें

महिला के पति ने मीडिया को कहा कि उसे बच्चे को सीडब्ल्यूसी को सौंपने के बारे में जानकारी नहीं दी गई।

Highlightsतिरुवनंतपुरम के महापौर के श्रीकुमार ने महिला को निगम के एक कार्यालय में नौकरी भी दी है। अधिकारियों के अनुसार महिला ने सीडब्ल्यूसी को एक पत्र लिखा था।

केरल में एक महिला की गुहार ने पूरे राज्य को स्तब्ध कर दिया है। यहां एक महिला ने भूख की वजह से अपने बच्चे को मिट्टी खाते देख राज्य सरकार से अपील की थी कि वह बच्चों को अपनी शरण में ले लें।

श्रीदेवी की यह दयनीय कहानी को सुनकर कई लोग मदद का हाथ बढ़ा रहे हैं। वह उपलामोदु पुल पर एक अस्थायी तंबू में अपने छह बच्चों के साथ रह रही थी, जो कि सचिवालय से सिर्फ एक किलोमीटर की दूरी पर है। महिला की यह गुहार तब लोगों के सामने आई, जब बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) ने चार बच्चों को अपने संरक्षण में ले लिया। इन बच्चों में दो लड़के हैं जो सात साल और पांच साल के हैं।

वहीं दो लड़कियां हैं जो चार साल और दो साल की हैं। इसके बाद महिला सहित उसके दो छोटे बच्चों को, जो कुछ ही महीने के हैं, उन्हें राज्य द्वारा संचालित आश्रय गृह में भेज दिया गया है। तिरुवनंतपुरम के महापौर के श्रीकुमार ने महिला को निगम के एक कार्यालय में नौकरी भी दी है।

निकाय यह सुनिश्चित करेगा कि महिला के बच्चों को शिक्षा से वंचित न होना पड़े। महिला को एक फ्लैट भी मुहैया कराया जाएगा। श्रीकुमार मंगलवार को महिला से मिलने गए थे और उन्हें आश्वस्त किया था कि एक अस्थायी नौकरी उन्हें दी जाएगी।

अधिकारियों के अनुसार महिला ने सीडब्ल्यूसी को एक पत्र लिखा था। उसमें उन्होंने बताया था कि उसका पति शराबी है और वह अपने बच्चों को खाना नहीं खिला पा रही है। इस पत्र में उसने यह भी बताया था कि एक बच्चे ने तो भूख की वजह से मिट्टी भी खा लिया।

महिला के पति ने मीडिया को कहा कि उसे बच्चे को सीडब्ल्यूसी को सौंपने के बारे में जानकारी नहीं दी गई और उसका दावा है कि कुछ रिश्तेदारों के दबाव में आकर ऐसा हुआ। विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीथला भी महिला से मिलने गए और उन्होंने कहा कि यह राज्य के लिए शर्म की बात है कि बच्चे को गरीबी की वजह से मिट्टी खाना पड़ा। राज्य सरकार को जरूरी कदम उठाना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने दिल्ली में मीडिया को बताया कि राज्य सरकार बच्चों को शिक्षा मुहैया कराएगी। 

Web Title: Due to poverty and hunger, children were eating mud, mother pleaded, government should take children in their shelter

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