सनक भरे व्यवहार के चलते पड़ोसी देश (पाकिस्तान) लगभग विफल राष्ट्र में तब्दीलः भारत
By भाषा | Published: November 16, 2019 02:18 PM2019-11-16T14:18:14+5:302019-11-16T14:18:14+5:30
पेरिस में आयोजित यूनेस्को के महा सम्मेलन में भारतीय शिष्टमंडल की अगुवाई करने वाली अनन्या अग्रवाल ने कहा, “हम भारत के खिलाफ जहर उगलने के लिए यूनेस्को के निराशाजनक दुरुपयोग और इसके राजनीतिकरण की भर्त्सना करते हैं।’’
भारत के आतंरिक मामलों पर पाकिस्तान के “बचकाने दुष्प्रचार’’ को लेकर उसे आड़े हाथ लेते हुए नई दिल्ली ने कहा कि उसके सनक भरे व्यवहार के चलते पड़ोसी देश लगभग विफल राष्ट्र में तब्दील हो गया है।
भारत ने पड़ोसी देश में कट्टरता भरे समाज और आतंकवाद की गहरी जड़ों की ओर भी ध्यान दिलाया। पेरिस में आयोजित यूनेस्को के महा सम्मेलन में भारतीय शिष्टमंडल की अगुवाई करने वाली अनन्या अग्रवाल ने कहा, “हम भारत के खिलाफ जहर उगलने के लिए यूनेस्को के निराशाजनक दुरुपयोग और इसके राजनीतिकरण की भर्त्सना करते हैं।’’
फिलहाल यूनेस्को के लिए भारत की प्रतिनिधि के तौर पर नियुक्त अग्रवाल ने जवाब देने के भारत के अधिकार का प्रयोग करते हुए कहा, “हम पूरी तरह से कपट एवं छलावे से भरे मनगढ़त झूठ के जरिए भारत की छवि धूमिल करने के पाकिस्तान के बचकाने दुष्प्रचार का इस मंच के माध्यम से खंडन करते हैं।”
भारत का यह बयान पाकिस्तान के शिक्षा मंत्री शफकत महमूद द्वारा अयोध्या विवाद पर उच्चतम न्यायालय के निर्णय पर निराशा जाहिर करने के बाद आया है। पाकिस्तानी शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह फैसला धार्मिक स्वतंत्रता के यूनेस्को के मूल्यों के अनुरूप नहीं है।
उन्होंने अयोध्या निर्णय पर पाकिस्तान की टिप्पणी पर कहा, “हम भारत के उच्चतम न्यायालय द्वारा किए गए फैसले पर पाकिस्तान की अनुचित टिप्पणी की भर्त्सना करते हैं। वह फैसला विधि के शासन, सभी धर्मों के लिए बराबर सम्मान के संबंध में है, ऐसी अवधारणाएं जिनसे पाकिस्तान एवं उसका स्वभाव अनभिज्ञ है।”
अग्रवाल ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित क्षेत्रों पर भारत की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता पर पुन: बल दिया। उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान के सनक भरे व्यवहार के परिणामस्वरूप यह करीब करीब विफल राष्ट्र में तब्दील हो गया है। साथ ही इसकी अर्थव्यवस्था कमजोर, समाज में कट्टरता और आतंकवाद की जड़े गहरे तक पैठ गयी हैं।’’
अग्रवाल ने कहा कि पाकिस्तान इस तरह की शरारतपूर्ण बयानबाजी में इसलिए संलिप्त हो रहा है ताकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष भारत की छवि को धूमिल किया जा सके। उसकी यह बयानबाजी ऐसे समय में हो रही है जबकि स्वयं पाकिस्तान में अल्पसख्ंयक समुदाय के मानवाधिकारों की निंदनीय स्थिति है।