जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल आकाश- 1S का परीक्षण, रेडियो तरंगों के आधार पर लक्ष्य भेदने में सक्षम
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 27, 2019 08:47 PM2019-05-27T20:47:19+5:302019-05-27T20:47:19+5:30
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने एयर डिफेंस मिसाइल आकाश- 1S का सफल परीक्षण किया है। यह बीते दो दिनों में दूसरा सफल परीक्षण किया गया है। यह मिसाइल का नया वर्जन है, जिसमें इंडिजेनस सीकर फिट किया गया है।
दुश्मन चेत जाओ। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने एयर डिफेंस मिसाइल आकाश- 1S का सफल परीक्षण किया है। यह बीते दो दिनों में दूसरा सफल परीक्षण किया गया है। यह मिसाइल का नया वर्जन है, जिसमें इंडिजेनस सीकर फिट किया गया है। पिछले दो दिनों में दूसरी बार इस मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है। आकाश- 1S इस रक्षा मिसाइल का नया संस्करण है।
DRDO today successfully test fired the Akash-1S surface to air defence missile system. This is the second successful test of the missile in last two days. This is a new version of the missile fitted with an indigenous seeker. pic.twitter.com/qQg3bP9qDS
— ANI (@ANI) May 27, 2019
DRDO today successfully test fired the Akash-1S surface to air defence missile system. This is the second successful test of the missile in last two days. This is a new version of the missile fitted with an indigenous seeker. pic.twitter.com/KK6Ig8XoK7
— ANI (@ANI) May 27, 2019
भारत पर अगर कोई मिसाइल से हमला करता है तो यह राडार इसकी गति और इसकी दूरी का सही आंकलन करके इसकी जानकारी दूसरी यूनिट को भेज देते हैं। दूसरी यूनिट से दुश्मन की मिसाइल को नष्ट करने के लिए मिसाइल दागी जाती है। यह डिफेंस यूनिट न सिर्फ मिसाइल हमले से देश की सीमाओं की रक्षा करने में सहायक होती हैं बल्कि किसी भी तरह के हवाई हमले को रोकने में सक्षम होती हैं।
एयर डिफेंस सिस्टम की बात करें तो यह सिस्टम किसी भी तरह के हवाई हमले से रक्षा के लिए लगाया जाता है। इसके तहत दो चीजें बेहद खास होती हैं। इनमें पहला राडार और दूसरा मिसाइल।
यह पहली जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल है, जिसमें रेडियो तरंगों के आधार पर अपने लक्ष्य को भेदने के लिए स्वदेशी तकनीक युक्त प्रणाली का प्रयोग किया गया है।
डीआरडीओ द्वारा विकसित किया गया आकाश मिसाइल लड़ाकू विमानों, क्रूज़ मिसाइल और हवा से जमीन पर वार करने वाले बलिस्टिक मिसाइलों को भी आसानी से निशाना बना सकता है। इसका सिस्टम इस तरह से डिजाइन किया गया है कि कई तरफ से आते खतरों को एक साथ आसानी से निशाना बनाया जा सके। इस मिसाइल में रैमजेट रॉकेट सिस्टम इस्तेमाल किया गया है जो ऑटोपायलट सिस्टम से लैस है। इससे इस मिसाइल की मारक क्षमता और अधिक सटीक हो जाती है।