15 साल के इंतजार के बाद वायु सेना को मिलेगा स्वदेशी सुपरसोनिक मिसाइल 'अस्त्र', DRDO ने किया है तैयार

By विनीत कुमार | Published: September 29, 2019 08:25 AM2019-09-29T08:25:26+5:302019-09-29T08:29:33+5:30

'अस्त्र' के साथ भारत अब ऐसे विकसित एयर कैम्बैट मिसाइल तैयार करने वाले अमेरिका, रूस, फ्रांस और इसजायल जैसे कुछ देशों में शामिल हो गया है। इन मिसाइलों में दुश्मनों के हथियारों से लैस सुपरसोनिक फाइटर्स तक को खत्म करने की क्षमता है।

DRDO supersonic missile BVRAAM Astra ready for IAF fighters after 15 years | 15 साल के इंतजार के बाद वायु सेना को मिलेगा स्वदेशी सुपरसोनिक मिसाइल 'अस्त्र', DRDO ने किया है तैयार

वायु सेना में शामिल होगा भारत में बना सुपरसोनिक मिसाइल 'अस्त्र'! (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsडीआरडीओ ने तैयार किया है BVRAAM मिसाइल 'अस्त्र'अमेरिका, रूस, फ्रांस और इजरायल जैसे देशों की श्रेणी में शामिल हुआ भारत

भारत का पहला हवा से हवा तक मार करने वाला BVRAAM मिसाइल (बियोन्ड विजुअल रेंज एयर टू एयर) 'अस्त्र' आखिरकार वायु सेना में अब शामिल होने के लिए तैयार है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) को इस मिसाइल को तैयार करने में 15 साल लगे हैं।

डीआरडीओ को उम्मीद है कि भारतीय वायु सेना अपने सुखोई-30 KI जेट के लिए कम से कम 200 मिसाइलों का ऑर्डर देगा। डीआरडीओ पहले से ही अस्त्र की मारक क्षमता को 110 किलोमीटर से बढ़ाकर 160 किलोमीटर से ज्यादा करने पर काम कर रहा है।

टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार डीआरडीओ चीफ डॉ. जी सतीश रेड्डी ने बताया, 'अस्त्र आज दुनिया के सर्वश्रेष्ठ BVRAAM मिसाइलों में से एक है। हमारे पास यह क्षमता है कि हम इसकी रेंज और बढ़ा सके।'

अधिकारियों के मुताबिक भारत अब ऐसे विकसित एयर कौम्बैट मिसाइल तैयार करने वाले अमेरिका, रूस, फ्रांस और इजरायल जैसे कुछ देशों की श्रेणी में शामिल हो गया है। इन मिसाइलों में दुश्मनों के हथियारों से लैस सुपरसोनिक फाइटर्स तक को खत्म करने की क्षमता है। अस्त्र मिसाइल 3.57 मीटर लंबा और 154 किलोग्राम वजन का है। इसमें आवाज की गति के चार गुणा स्पीड से उड़ने की क्षमता है। 

खास बात ये भी है कि यह फिलहाल रूस, फ्रांस और इजरायल से वायु सेना के लिए मंगाए जाने वाले BVRAAM के मुकाबले बहुत सस्ता है। यही नहीं, रूस निर्मित सुखोई के बाद देश में बने तेजस को भी अस्त्र से लैस किया जा सकता है। डीआरडीओ सुखोई के जरिए इस मिसाइल का पांच बार सफल परीक्षण कर चुका है और इसे लेकर काफी उत्साहित भी है।

एक अधिकारी के अनुसार पिछले हफ्ते ओडिशा के चांदीपुर कोस्ट से परीक्षण के दौरान लक्ष्य को 80 से 86 किलोमीटर की दूरी से भेदा गया था। यह निशाना सटीक रहा। भारत भले ही 5000 किलोमीटर तक मार सकने वाले लंबी दूरी के परमाणु मिसाइल जैसे 'अग्नि-5' को बनाने में सफल रहा है लेकिन अब तक BVRAAM बनाने में वह असफल रहा था।

अस्त्र को तैयार करने का भी रास्ता आसान नहीं रहा। इसे बनाने और परीक्षण के दौरान कई तकनीकी समस्याओं से गुजरना पड़ा। बता दें कि इस मिसाइल प्रोजेक्ट को सबसे पहले मार्च- 2004 में मंजूरी मिली थी और तब इसकी शुरुआती लागत 955 करोड़ रुपये थी।

Web Title: DRDO supersonic missile BVRAAM Astra ready for IAF fighters after 15 years

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