PM मोदी के आवास और काफिले की सुरक्षा करेगा स्वदेशी तकनीक से बना 'ड्रोन किलर', भारत इलेक्ट्रॉनिक्स करेगा निर्माण
By स्वाति सिंह | Published: November 30, 2020 09:31 AM2020-11-30T09:31:56+5:302020-11-30T09:36:34+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा से संबंधित चुनौतियां से निपटने के लिए उनकी सुरक्षा को लगातार चुस्त-दुरु स्त किया जा रहा है. इसी क्र म में अब प्रधानमंत्री आवास के अलावा कारों के काफिलों को भी एंटी-ड्रोन सिस्टम से सुसज्जित किया जाना है.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कड़े और बड़े फैसले लेने के कारण वह हमेशा कट्टरपंथियों, आतंकी संगठनों और दुश्मन देशों के निशाने पर रहते हैं. इस कारण उनकी सुरक्षा से संबंधित चुनौतियां लगातार बढ़ रही हैं. इसी क्र म में अब प्रधानमंत्री आवास के अलावा कारों के काफिलों को भी एंटी-ड्रोन सिस्टम से लैस किया जाएगा.
उधर, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने सुरक्षा बलों के लिए तैयार किए जाने वाले एंटी-ड्रोन सिस्टम का उत्पादन करने के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स से डील कर रखी है. चीनी ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे पाकिस्तानी आतंकी संगठन जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री के सुरक्षा दस्ते में ड्रोन को मार गिराने वाले ऐसे सिस्टम को शामिल किया जाएगा जिसे यात्रा के दौरान भी पीएम की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. पीएम की सुरक्षा में एंटी-ड्रोन सिस्टम रखना अनिवार्य कर दिया गया है क्योंकि इस साल की शुरु आत से ही उन पर ड्रोन अटैक का खतरा बढ़ गया है.
दरअसल, पाकिस्तानी आतंकी संगठनों ने हमलों के साथ-साथ मादक पदाथार्ें की खेप भारत की सीमा में भेजने के लिए चीन निर्मित ड्रोन का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. दो तरह के एंटी-ड्रोन सिस्टम देश में तैयार माना जा रहा है कि डीआरडीओ चीफ सतीश रेड्डी जल्द ही सशस्त्र बलों को देसी एंटी-ड्रोन सिस्टम की जानकारी चिट्ठी के जरिए देंगे.
इस साल गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस समारोह के आयोजन स्थलों पर एंटी-ड्रोन सिस्टम लगाए गए थे. ये एंटी-ड्रोन सिस्टम राडार से युक्त हैं जो दो से तीन किलोमीटर दूर से ही दुश्मन के ड्रोन को निष्क्रि य कर सकते हैं. दूसरे तरह के एंटी-ड्रोन सिस्टम की क्षमता है कि वह दो-तीन किलोमीटर की दूरी से ही ड्रोन को लेजर बीम के जरिए मार गिराए.
10 किलो तक वजन ढो सकते हैं चीनी ड्रोन पिछले वर्ष 2019 से ही पाकिस्तानी आतंकी संगठनों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार भारतीय सीमा में लगातार ड्रोन भेजकर हथियार और मादक पदार्थ भेजे ताकि उग्रवाद को दोबारा हवा दी जा सके. मालूम हो कि चीन निर्मित ड्रोन 10 किलो तक हथियार, गोला-बारूद और मादक पदार्थ वहन कर सकते हैं.
दम दिखा रहे हैं देसी एंटी-ड्रोन सिस्टम अच्छी बात यह है कि एक तरफ डीआरडीओ एंटी-ड्रोन सिस्टम के विकास करने में जुटा है तो दूसरी तरफ देश की निजी कंपनियां भी सुऱक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर इस काम में जुटी हैं. देश में निर्मित एंटी-ड्रोन सिस्टम को एलओसी पर तैनात भी किया जा चुका है और ये सिस्टम हवाई खतरों से निपटने में सफल भी रहे हैं.