'A-SAT मिसाइल के पास 1000 किलोमीटर की दूरी तक वार करने की क्षमता, दो साल पहले शुरू हुआ था काम'

By एएनआई | Published: March 28, 2019 10:34 AM2019-03-28T10:34:31+5:302019-03-28T10:34:31+5:30

डीआरडीओ चेयरमैन ने कहा कि A-SAT मिसाइल के पास लो-ऑर्बिट क्षेत्र में सभी सेटेलाइट को मार गिराने की क्षमता है।

drdo chairman G Sateesh Reddy says A-SAT has a range of upto 1000 km-plus | 'A-SAT मिसाइल के पास 1000 किलोमीटर की दूरी तक वार करने की क्षमता, दो साल पहले शुरू हुआ था काम'

'मिशन शक्ति' ने भारत को अंतरिक्ष में बनाया महाशक्ति (फोटो- एएनआई)

Highlightsडीआरडीओ के चेयरमैन ने बताई A-SAT मिसाइल प्रोजेक्ट के बारे में दिलचस्प बातें'लो ऑर्बिट क्षेत्र' में किसी भी सेटेलाइट को मार गिराने की क्षमता: जी. सतीश रेड्डीपिछले 6 महीनों में प्रोजेक्ट पर हुआ दिन-रात हुआ काम, दो साल पहले हुई थी शुरुआत

एंटी-सेटेलाइट मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद डीआरडीओ (डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट) के चेयरमैन जी सतीश रेड्डी ने खुलासा किया है कि इस प्रोजेक्ट की शुरुआत दो साल पहले शुरू हुई थी और पिछले 6 महीनों में इस पर फाइनल काम हुआ। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार जी. सतीश रेड्डी ने बताया, 'एनएसए (अजीत डोभाल), जिसे हम सामरिक मसलों पर रिपोर्ट करते हैं उन्होंने परीक्षण में आगे बढ़ने की बात कही। उन्हें (अजीत डोभाल) प्रधानमंत्री की सहमति थी। यह सबकुछ कुछ साल पहले शुरू हुआ और हम मिशन मोड में पिछले 6 महीनों में आये।'

रेड्डी ने बताया कि  A-SAT मिसाइल के पास लो-ऑर्बिट क्षेत्र में सभी सेटेलाइट को मार गिराने की क्षमता है और जरूरत पड़ने पर यह 1000 किलोमीटर की दूरी तक वार कर सकता है। रेड्डी ने साथ ही बताया कि पिछले 6 महीनों में जब A-SAT मिसाइल प्रोग्राम 'मिशन मोड' में आय़ा तो करीब 100 वैज्ञानिकों ने दिन रात इस पर काम किया ताकि लॉन्च की तारीख तक सबकुछ पूरा किया जा सके।

A-SAT मिसाइल को बुधवार को सुबह करीब 11.46 मिनट पर ओडिशा के बालासोर से लॉन्च किया गया और लॉन्च के तीन मिनट के अंदर इसने 'लो-अर्थ ऑर्बिट' में लक्ष्य को भेद दिया। मिसाइल ने जहां लक्ष्य को भेदा वह जगह धरती से करीब 300 किलोमीटर ऊपर है।

यह पूछे जाने पर कि 300 किलोमीटर की दूरी को ही परीक्षण के लिए क्यों चुना गया, रेड्डी ने कहा, 'एक जिम्मेदार देश को तौर पर हमे सुनिश्चित करना था कि परीक्षण के अंतरिक्ष में सबकुछ सामान्य रहे और इसके अवशेष जल्द नष्ट हो सकें।'

रेड्डी ने कहा, 'हमने लक्ष्य को 'काइनेटिक किल' से भेदा है जिसका मतलब हुआ कि सीधे सेटेलाइट पर वार किया। इसके लिए कई तकनीक की आवश्यकता होती है जिसे हमने पूरी तरह से अपने देश में बनाया और सटीक वार किया।'

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को इस उपलब्धि की जानकारी बुधवार को दी। पीएम मोदी ने बताया कि इस परीक्षण को 'मिशन शक्ति' का नाम दिया गया था। पीएम मोदी ने कहा कि भारत अंतरिक्ष में किसी सेटेलाइट को मार गिराने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है। 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मिशन शक्ति के तहत एंटी सैटेलाइट मिसाइल ‘ए..सैट’ से 'लो ऑर्बिट क्षेत्र' में तीन मिनट में लाइव सेटेलाइट को गिरा कर इस परीक्षण को पूरा किया गया। भारत से पहले यह ताकत केवल अमेरिका, रूस और चीन के ही पास थी।

Web Title: drdo chairman G Sateesh Reddy says A-SAT has a range of upto 1000 km-plus

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