पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने बताई अर्थव्यवस्था की चिंताजनक हालत की वजह, सुधार के लिए सुझाए रास्ते

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 18, 2019 09:59 AM2019-11-18T09:59:59+5:302019-11-18T09:59:59+5:30

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने 'द हिंदू' के लिए 'भारतीय अर्थव्यवस्था में बेचैनी' पर केंद्रित एक लेख लिखा है। अपने लेख में उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को चिंताजनक बताते हुए इसके कारण और उपाय पर चर्चा की है।

Dr Manmohan Singh opinion on Indian Economy article published in The Hindu | पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने बताई अर्थव्यवस्था की चिंताजनक हालत की वजह, सुधार के लिए सुझाए रास्ते

पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने बताई अर्थव्यवस्था की चिंताजनक हालत की वजह, सुधार के लिए सुझाए रास्ते

Highlightsये आंकड़े प्रत्यक्षीकरण है समाज में व्याप्त उन गहरी बेचैनियों का जिसकी वजह से देश की अर्थव्यवस्था की यह हालत हुई है।पीएम मोदी ने कहा कि पीढ़ियों में ऐसा बेहतरीन मौका आता है जब अर्थव्यवस्था को अगले स्तर पर ले जाया जा सके।

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने 'द हिंदू' के लिए 'भारतीय अर्थव्यवस्था में बेचैनी' पर केंद्रित एक लेख लिखा है। अपने लेख में उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को चिंताजनक बताते हुए इसके कारण और उपाय पर चर्चा की है। मनमोहन सिंह ने कहा कि सरकार और संस्थाओं में नागरिकों के भरोसे की कमी की वजह से अर्थव्यवस्था में यह सुस्ती आई है। इसे दूर करने के लिए मनमोहन सिंह ने पीएम मोदी को समाज एकबार फिर भरोसे की भावना कायम करने की अपील की है। 

मनमोहन सिंह ने लिखा, 'भारतीय की अर्थव्यवस्था बेहद चिंताजनक है। यह मैं एक विपक्षी पार्टी का नेता होने की वजह से नहीं कह रहा हूं बल्कि देश का एक नागरिक और अर्थशास्त्र के छात्र के रूप में कह रहा हूं। इस वक्त तथ्य मौजूद हैं कि जीडीपी 15 साल के न्यूनतम स्तर पर है, घरेलू उपभोग चार दशक के न्यूनतम स्तर पर है। बिजली उत्पादन 15 साल के न्यूनतम स्तर पर है। लेकिन अर्थव्यवस्था का चिंताजनक होना इन आंकड़ों की वजह से नहीं है। ये आंकड़े प्रत्यक्षीकरण है समाज में व्याप्त उन गहरी बेचैनियों का जिसकी वजह से देश की अर्थव्यवस्था की यह हालत हुई है।'

डॉ मनमोहन सिंह ने लिखा, 'समाज में इस वक्त डर का माहौल है। कई उद्योगपति मुझसे कहते हैं कि वो सरकारी अथॉरिटी के शोषण के डर में जी रहे हैं। बैंकर्स नए लोन से डर रहे हैं। उद्यमी किसी नए प्रोजेक्ट पर काम शुरू करने से पहले डर रहे हैं। टेक्नोलॉजी स्टार्ट-अप्स, जिसे किसी भी इकोनॉमी का नया इंजन माना जाता है वो सर्विलांस और संदेह की परछाई में जी रहे हैं। सरकार और अन्य संस्थानों के नीति नियंता सच बोलने से डर रहे हैं। जब समाज में इतना डर व्याप्त होगा तो इसका असर अर्थव्यवस्था पर दिखाई देगा।'

डॉ मनमोहन सिंह ने लिखा, 'लोग असहाय महसूस कर रहे हैं। लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि अपनी समस्याएं लेकर कहां जाएं। मीडिया, न्यायपालिका, नियमन संस्थाएं और जांच एजेंसियों की स्वायत्तता गंभीर रूप से कम कर दी गई है। इस अतिक्रमण के साथ ही साथ लोगों की आवाज को दबाया जा रहा है। इससे कारोबारियों में नए प्रोजेक्ट लेने और नौकरी पैदा करने की क्षमता में कमी आ गई है।'

डॉ मनमोहन सिंह ने लिखा, 'दुर्भाग्य से अर्थव्यवस्था पर आघात ऐसे समय में दिया गया है जब भारत के पास अपनी अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के बेहतरीन मौके हैं। चीन की अर्थव्यवस्था धीमी पड़ रही है और निर्यात के लिए भारत के पास अपार मौके हैं। सरकार के पास लोकसभा में पूर्ण बहुमत है और वैश्विक तेल की कीमतें कम हैं। यह एक पीढ़ी में कभी आने वाला मौका है जब भारत अपनी अर्थव्यस्था को विकास के अगले चरण की तरफ ले जा सकता है और लाखों युवाओं के लिए नौकरियां तैयार कर सकता है।' अपने लेख के आखिर में डॉ मनमोहन सिंह ने पीएम मोदी से अपील करते हुए कहा कि कारोबारियों पर शक करना बंद कीजिए। उन पर भरोसा जताइए।

Web Title: Dr Manmohan Singh opinion on Indian Economy article published in The Hindu

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