यूक्रेन संकट: वरुण गांधी का सरकार पर आपदा में अवसर खोजने का आरोप, कहा- गलत फैसले के कारण 15 हजार छात्र युद्धभूमि में फंसे

By विशाल कुमार | Published: February 28, 2022 01:49 PM2022-02-28T13:49:52+5:302022-02-28T13:55:12+5:30

भाजपा सांसद वरुण गांधी द्वारा ट्विटर पर साझा किए गए एक वीडियो में लड़की का दावा है कि जहां अन्य देशों ने अपने नागरिकों को यूक्रेन से बाहर निकाल लिया है, तो वहीं भारत सरकार उनके लिए कुछ नहीं कर रही है।

dont-look-for-opportunity-in-disaster-varun-gandhi-attacks-centre-indian-students-ukraine | यूक्रेन संकट: वरुण गांधी का सरकार पर आपदा में अवसर खोजने का आरोप, कहा- गलत फैसले के कारण 15 हजार छात्र युद्धभूमि में फंसे

यूक्रेन संकट: वरुण गांधी का सरकार पर आपदा में अवसर खोजने का आरोप, कहा- गलत फैसले के कारण 15 हजार छात्र युद्धभूमि में फंसे

Highlightsछात्रा ने पश्चिमी यूक्रेन जाने के लिए कहने के भारतीय दूतावास के दिशानिर्देश की आलोचना की।छात्रा ने कहा कि वे सीमा से 800 किलोमीटर दूर हैं और उस दूरी की यात्रा करने का कोई साधन नहीं है।वरुण गांधी ने कहा 15 हजार से अधिक छात्र अव्यवस्था के बीच अभी भी युद्धभूमि में फंसे हुए है।

नई दिल्ली: यूक्रेन की राजधानी कीव में अपने जैसे अन्य लोगों के साथ फंसी एक भारतीय छात्रा ने भारतीय दूतावास पर आरोप लगाया है कि रूस के हमले के बीच वहां से निकालने में मदद मांगने के लिए किए जा रहे उनके कॉल को काट दिया जा रहा है।

भाजपा सांसद वरुण गांधी द्वारा ट्विटर पर साझा किए गए एक वीडियो में लड़की का दावा है कि जहां अन्य देशों ने अपने नागरिकों को यूक्रेन से बाहर निकाल लिया है, तो वहीं भारत सरकार उनके लिए कुछ नहीं कर रही है।

भारतीय लोगों और छात्रों को पश्चिमी यूक्रेन जाने के लिए कहने के भारतीय दूतावास के दिशानिर्देश की आलोचना करते हुए छात्रा ने कहा कि वे सीमा से 800 किलोमीटर दूर हैं और आधिकारिक सहायता के बिना उस दूरी की यात्रा करने का कोई साधन नहीं है।

छात्रा ने कहा कि उनका कहना है कि वे भारतीय छात्रों को सीमा से बाहर निकाल रहे हैं। सीमा हमारे वर्तमान स्थान से 800 किमी दूर है। हम छात्र उन सीमाओं पर कैसे जा सकते हैं? भारत सरकार हमारी कोई मदद नहीं कर रही है।

वहीं, वीडियो को शेयर करते हुए वरुण गांधी ने कहा कि सही समय पर सही फैसले न लिए जाने के कारण 15 हजार से अधिक छात्र भारी अव्यवस्था के बीच अभी भी युद्धभूमि में फंसे हुए है। ठोस रणनीतिक और कूटनैतिक कार्यवाही कर इनकी सुरक्षित वापसी इन पर कोई उपकार नहीं बल्कि हमारा दायित्व है। हर आपदा में ‘अवसर’ नही खोजना चाहिए।

विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने रविवार को कहा कि भारत के लिए मुख्य चिंता कीव सहित उन क्षेत्रों में फंसे अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, जहां भीषण लड़ाई चल रही है। 

उन्होंने कहा कि कीव में करीब दो हज़ार भारतीय हैं। श्रृंगला ने बताया कि भारत ने यूक्रेन से अपने करीब 2,000 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला है और उनमें से 1,000 लोगों को हंगरी और रोमानिया के रास्ते चार्टर्ड विमानों से घर लाया जा चुका है।

वहीं, एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद, पीएम मोदी ने केंद्रीय मंत्रियों हरदीप सिंह पुरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरेन रिजिजू और जनरल वीके सिंह को यूक्रेन के पड़ोसी देशों में जाने और व्यक्तिगत रूप से युद्धग्रस्त राष्ट्र से भारतीय नागरिकों को निकालने के प्रयासों की निगरानी और समन्वय करने का निर्देश दिया है।

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