पीओके पर पाकिस्तान का कोई अधिकार नहीं: कांग्रेस नेता शशि थरूर
By भाषा | Published: September 20, 2019 06:43 AM2019-09-20T06:43:36+5:302019-09-20T06:43:36+5:30
बालाकोट में आतंकी ठिकानों पर भारत द्वारा किए गए हवाई हमलों पर सवाल उठाते हुए शशि थरूर ने कहा कि कई अंतर्राष्ट्रीय माध्यमों द्वारा बताया गया है कि कोई आतंकवादी हवाई हमले में नहीं मारा गया।
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने गुरूवार को कहा कि पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) पर पाकिस्तान का कोई अधिकार नहीं है और उसने चीन को वह हिस्सा दिया है जो उसका नहीं है। उन्होंने कहा कि पीओके पर सरकार के रूख को लेकर उनका कोई मतभेद नहीं है लेकिन जिस तरीके से जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटाने के बाद सरकार ने मुद्दे को ‘डील’ किया है वो संविधान के अनुरूप नहीं है।
थरूर गुरूवार को आल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस द्वारा 'इंडिया इन क्राइसिस' विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद थे। उन्होंने कहा कि गाय के नाम पर होने वाली मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं से देश की छवि वैश्विक स्तर पर खराब हो रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं विदेश जाता हूं तो वहां लोग पूछते है कि भारत में गाय के नाम पर लोगों को मारा जा रहा है... गाय के नाम पर मॉबलिंचिंग जैसी घटनाओं ने एक ऐसा माहौल बना दिया है जिसके कारण निवेशक देश में निवेश करने से कतरा रहे हैं।’’
बालाकोट में आतंकी ठिकानों पर भारत द्वारा किए गए हवाई हमलों पर सवाल उठाते हुए थरूर ने कहा कि कई अंतर्राष्ट्रीय माध्यमों द्वारा बताया गया है कि कोई आतंकवादी हवाई हमले में नहीं मारा गया।
उन्होंने कहा कि 'कई अंतर्राष्ट्रीय माध्यमों ने बालाकोट हमले की तस्वीरें प्रकाशित कर यह सबूत दिया है कि बालाकोट हवाई हमले में कोई आतंकवादी नहीं मारा गया'। उन्होंने कहा, 'अंतरराष्ट्रीय माध्यमों ने देखा है... सबूत तो उनके पास भी नहीं हैं.. हमारे पास भी नहीं हैं... सरकार के पास भी नहीं है।
अगर सरकार कहती है कि बहुत प्रभावी हमला था, कई आतंकवादी मारे गये तो उनकी तरफ से भी कुछ सबूत दिखा सकते थे।’’ इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि आंकडों के अनुसार देश की सबसे बडी समस्या बेरोजगारी है और समष्टि अर्थशास्त्र (मेक्रो इकोनोमिक्स) माहौल के संतुलन को बनाने के लिये ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि आज हर क्षेत्र में मंदी का दौर है और निवेशकों का विश्वास कम हो गया है, बैंकों का एनपीए बढ गया है। बैंक कर्ज नहीं दे रहे है, नौकरियों का सृजन नहीं हो रहा है और कारखाने बंद हो रहे हैं।