क्या केजरीवाल सरकार ‘‘भारत के टुकड़े करने वाले लोगों का समर्थन’’ करती हैः लेखी
By भाषा | Published: September 9, 2019 03:58 PM2019-09-09T15:58:09+5:302019-09-09T15:58:09+5:30
कुछ दिन पहले ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि 2016 के जेएनयू राजद्रोह मामले में मुकदमा चलाने की मंजूरी देने पर उनकी सरकार ने अब तक फैसला नहीं किया है। नयी दिल्ली से सांसद लेखी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में आश्चर्य जताया कि फरवरी 2016 में जेएनयू परिसर में ‘‘विवादित नारा लगाने वालों के साथ’’ केजरीवाल सरकार का तालमेल है।
भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने सोमवार को मांग की कि दिल्ली सरकार को जेएनयू राजद्रोह मामले में अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए कि क्या उनकी सरकार ‘‘भारत के टुकड़े करने वाले लोगों का समर्थन’’ करती है।
कुछ दिन पहले ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि 2016 के जेएनयू राजद्रोह मामले में मुकदमा चलाने की मंजूरी देने पर उनकी सरकार ने अब तक फैसला नहीं किया है। नयी दिल्ली से सांसद लेखी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में आश्चर्य जताया कि फरवरी 2016 में जेएनयू परिसर में ‘‘विवादित नारा लगाने वालों के साथ’’ केजरीवाल सरकार का तालमेल है।
लेखी ने कहा, ‘‘वे अफजल गुरु की फांसी और भारत के खिलाफ नारे लगा रहे थे। सिर्फ आतंकवादी ही इस भाषा में बात कर सकते हैं। केजरीवाल सरकार को यह साफ करना चाहिए कि क्या भारत के टुकड़े करने वालों के साथ उनका कोई तालमेल है।’’
उन्होंने इस बात पर भी हैरानी जतायी कि आम आदमी पार्टी ‘‘आगामी विधानसभा चुनावों में ऐसे लोगों को चुनाव मैदान में उतारने’’ पर विचार कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार न्यायिक कार्य में बाधा डाल रही है।
कानून के प्रावधानों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि राजद्रोह का आरोप लगाने के लिये जेएनयू की घटना एक उपयुक्त मामला है। राजद्रोह मामले में जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार एवं अन्य पर मुकदमा चलाने के लिये आवश्यक अनुमति देने में देरी को लेकर इस साल फरवरी में शहर की एक अदालत ने दिल्ली सरकार को फटकार लगायी थी और कहा था कि वे अनिश्चित काल तक इस फाइल को दबाये नहीं रख सकते हैं।