क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी बात दूसरों पर थोपते हैं? इंटरव्यू में अमित शाह ने आलोचकों को दिया ये जवाब

By विनीत कुमार | Published: October 10, 2021 03:29 PM2021-10-10T15:29:04+5:302021-10-10T15:33:41+5:30

गृह मंत्री अमित शाह ने एक इंटरव्यू में कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसा कोई श्रोता अभी तक नहीं देखा है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी हर किसी की बात धैर्य से सुनुते हैं।

Does PMinister Narendra Modi impose his point of view Amit Shah answers to critics | क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी बात दूसरों पर थोपते हैं? इंटरव्यू में अमित शाह ने आलोचकों को दिया ये जवाब

मैंने पीएम मोदी जैसा श्रोता नहीं देखा: अमित शाह (फोटो- ट्विटर, संसद टीवी)

Highlightsअमित शाह ने संसद टीवी को दिए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे अच्छा श्रोता बताया।अमित शाह ने कहा कि एक विषय पर पीएम मोदी कई सारी बैठक लेते हैं और फिर फैसला लिया जाता है।हर व्यक्ति के सुझाव को उसकी गुणवत्ता के आधार पर महत्व दिया जाता है, न कि वह शख्स कौन है इस पर: अमित शाह

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपनी बातों को थोपने या तानाशाही रूख अख्तियार करने जैसी बातों का जोरदार खंडन किया है। एक टीवी इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा कि उन्होंने पीएम मोदी जैसा श्रोता नहीं देखा।

सरकार द्वारा चलाए जाने वाले संसद टीवी को दिए इंटरव्यू में अमित शाह ने ये बातें कही। शाह ने कहा, 'ये सभी लोग जो हम पर आरोप लगा रहे हैं, ये आरोप निराधार हैं। मैंने मोदी जी जैसा श्रोता नहीं देखा है। अगर किसी समस्या के लिए बैठक होती है, तो मोदी जी सबसे कम बात करते हैं और धैर्यपूर्वक सबकी सुनते हैं और फिर निर्णय लेते हैं। हम अक्सर सोचते हैं कि इसमें इतनी सोचने वाली बात क्या है? वह 2-3 बैठकों के बाद धैर्यपूर्वक निर्णय लेते हैं।'

अमित शाह ने कहा, 'हर व्यक्ति के सुझाव को उसकी गुणवत्ता के आधार पर महत्व दिया जाता है, न कि वह व्यक्ति कौन है, इस पर आधारित होता है। इसलिए यह कहना कि वह पीएम के रूप में अपने फैसले थोपते है, बिल्कुल भी सच नहीं है। जिसने भी उनके साथ काम किया है, यहां तक ​​कि आलोचक भी सहमत होंगे कि कैबिनेट ने कभी इतने लोकतांत्रिक तरीके से काम नहीं किया।'

बता दें कि पीएम मोदी और अमित शाह दोनों गुजरात से आते हैं और शुरुआती दिनों से ही भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ या आरएसएस के लिए मिलकर काम करते रहे है। प्रधानमंत्री के सबसे करीबी और विश्वासपात्र रणनीतिकार माने जाने वाले अमित शाह 2019 के चुनाव के बाद गृह मंत्री बनाए गए थे।

'कानूनों को लेकर किसानों की चिंता निराधार'

अमित शाह ने किसानों के जारी विरोध प्रदर्शन पर भी पीएम मोदी की नीतियों का बचाव करते हुए कहा कि पिछले साल पेश किए गए कानूनों के बारे में किसानों की चिंताएं निराधार है। उन्होंने दावा किया भाजपा सरकार ने किसानों की मदद के लिए बड़े कदम उठाए हैं।

अमित शाह ने कहा, 'कुल मिलाकर 11 करोड़ किसानों को सालाना 6,000 रुपये मिल रहे हैं। एक साल के भीतर 1.5 लाख करोड़ रुपये किसानों को दिए गए हैं। कुछ समय पहले यूपीए सरकार ने 60,000  करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया था। 60 हजार करोड़ बैंक में वापस आए लेकिन किसानों को कुछ नहीं मिला। 1.5 लाख करोड़ की यह धनराशि सीधे किसानों के पास जा रही है, और कोई इसमें बैंक ऋण शामिल नहीं है। कृषि के लिए औसतन 1.5-2 एकड़ की संपत्ति उपलब्ध है, इस भूमि की फसल कटाई का पैसा 6,000 रुपये तक आता है। इसलिए, किसानों द्वारा कोई ऋण नहीं लिया जा रहा है।'

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