राफेल मुद्दे पर संसद की कार्यवाही बाधित करना ढोंग था, सुप्रीम कोर्ट में उचित जवाब मिलाः शाह
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 14, 2019 04:24 PM2019-11-14T16:24:13+5:302019-11-14T17:08:43+5:30
शाह ने कहा कि आज का निर्णय, अभी तक फिर से, मोदी सरकार की साख को एक सरकार के रूप में पुन: पुष्टि करता है जो पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त है। गृह मंत्री ने कहा कि राफेल मुद्दे पर संसद की कार्यवाही बाधित करना ढोंग था, सुप्रीम कोर्ट में उचित जवाब मिला।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि राफेल डील पर समीक्षा याचिका को खारिज करने का SC का निर्णय उन नेताओं और पार्टियों के लिए एक करारा जवाब है, जो दुर्भावनापूर्ण और आधारहीन अभियानों पर भरोसा करते हैं।
शाह ने कहा कि आज का निर्णय, अभी तक फिर से, मोदी सरकार की साख को एक सरकार के रूप में पुन: पुष्टि करता है जो पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त है। गृह मंत्री ने कहा कि राफेल मुद्दे पर संसद की कार्यवाही बाधित करना ढोंग था, सुप्रीम कोर्ट में उचित जवाब मिला। राफेल पर उच्चतम न्यायालय का आदेश कुछ नेताओं के दुर्भावनापूर्ण अभियान का उचित जवाब है।
अमित शाह ने कहा कि अब, यह साबित हो गया है कि राफेल पर संसद का व्यवधान एक दिखावा था। लोगों के कल्याण के लिए समय का बेहतर उपयोग किया जा सकता था। कांग्रेस के नेता फटकार के बाद राष्ट्र से माफी मांगें।
Amit Shah: Now,it has been proved that disruption of Parliament over Rafale was a sham.The time could have been better utilised for welfare of people.After today's rebuke from SC,Congress & its leader,for whom politics is above national interest must apologise to the nation. https://t.co/jUhfUA8VdF
— ANI (@ANI) November 14, 2019
शाह ने राफेल मामले में पुनर्विचार याचिका खारिज करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले को उन ‘दलों एवं नेताओं’ को करारा जवाब करार दिया जो ‘बेबुनियाद एवं दुर्भावनापूर्ण’ अभियान चला रहे थे। शाह ने साथ ही उनसे माफी मांगने की मांग की।
शाह ने अपने ट्वीट में कहा कि शीर्ष अदालत के फैसले से स्पष्ट हो गया है कि राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर संसद को बाधित करना शर्मनाक था। उन्होंने कहा, ‘‘ उच्चतम न्यायालय का राफेल मामले में पुनर्विचार याचिका को खारिज करना उन ‘दलों एवं नेताओं’ को करारा जवाब है जो ‘बेबुनियाद एवं दुर्भावनापूर्ण’ अभियान चला रहे थे।’’
गृह मंत्री ने कहा कि गुरूवार का शीर्ष अदालत का फैसला एक बार फिर से नरेन्द्र मोदी सरकार की विश्वसनियता की पुष्टि करता है जो पारदर्शी एवं भ्रष्टाचार से मुक्त है । अब यह साबित हो गया है कि इस मामले में संसद को बाधित करना शर्मनाक था। उस समय का उपयोग जनकल्याण के लिये किया जाना चाहिए था उन्होंने कहा कि अदालत की फटकार के बाद कांग्रेस और उनके नेताओं को देश से माफी मांगनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने राफेल लड़ाकू विमान सौदा मामले में नरेंद्र मोदी सरकार को बृहस्पतिवार को क्लीन चिट देते हुए कहा कि पुनर्विचार याचिकाएं सुनवायी योग्य नहीं हैं। न्यायालय ने अपने 14 दिसंबर 2018 के फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘‘हमने पाया कि पुनर्विचार याचिकाएं सुनवायी योग्य नहीं हैं।’’ उच्चतम न्यायालय ने राफेल सौदे के संबंध में टिप्पणियों के लिए राहुल गांधी के खिलाफ अवमानना याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि उन्हें भविष्य में सावधान रहना चाहिए।