चीन-नेपाल के साथ विवाद पर सेना प्रमुख नरवणे ने कहा, हालात पूरी तरह नियंत्रण में, बातचीत जारी
By निखिल वर्मा | Published: June 13, 2020 10:58 AM2020-06-13T10:58:42+5:302020-06-13T13:08:25+5:30
सेना प्रमुख नरवणे ने कहा कि नेपाल के साथ हमारे बहुत मजबूत संबंध हैं। हमारे भौगोलिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, धार्मिक संबंध हैं। उनके साथ हमारा संबंध हमेशा मजबूत रहा है और आगे भी मजबूत बना रहेगा।
लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चीन के साथ चल रहे विवाद पर सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने कहा है कि चीन के साथ सीमा पर हालात पूरी तरह नियंत्रण में और बातचीत भी जारी है। उन्होंने कहा कि मैं सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि चीन के साथ हमारी सीमाओं पर पूरी स्थिति नियंत्रण में है। हम बातचीत की एक सीरीज कर रहे हैं जो कोर कमांडर स्तर की वार्ता के साथ शुरू हुई है।
’उन्होंने कहा कि जारी वार्ता से दोनों देशों के बीच समझे जाने वाले सभी मतभेदों को सुलझा लिया जाएगा। सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘परिणामस्वरूप कई तरह से टकराव से बचा गया है और हमें उम्मीद है कि सतत बातचीत से हम अपने बीच माने जाने वाले सभी मतभेदों को सुलझा लेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दोनों पक्ष चरणबद्ध तरीके से टकराव की स्थिति से बच रहे हैं। हमने गलवान घाटी क्षेत्र से, उत्तर से इसकी शुरुआत की। हमारी बहुत सकारात्मक बातचीत हुई। और जैसा कि मैंने कहा कि यह जारी रहेगी और आगे हालात सुधरेंगे।’’
नेपाल को लेकर पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि भारत के हमेशा से इस पड़ोसी देश से मजबूत संबंध रहे हैं और भविष्य में भी मजबूत रहेंगे। नेपाल ने अपने देश के परिवर्तित नक्शे में लिपुलेख को नेपाल का हिस्सा दर्शाया है। जनरल नरवणे ने कहा, ‘‘नेपाल के साथ हमारे बहुत मजबूत रिश्ते रहे हैं। हमारे भौगोलिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक संबंध हैं। हमारे लोगों के बीच बहुत मजबूत संबंध हैं। उनके साथ हमारे रिश्ते हमेशा मजबूत रहे हैं और भविष्य में भी रहेंगे।’’
भारत और चीन के बीच बातचीत जारी
छह जून 2020 को भारत और चीन के कोर कमांडरों के बीच चूसूल-मोल्डो क्षेत्र में बैठक हुई थी । यह बैठक भारत-चीन सीमा से लगे क्षेत्रों में उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिये दोनों पक्षों के बीच जारी राजनयिक और सैन्य संवाद जारी रखने के तहत हुई । उन्होंने कहा कि बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि स्थिति का जल्द समाधान दोनों देशों के नेताओं के मार्गदर्शन को ध्यान में रखकर हो ।
As a result, a lot of disengagement has taken place and we are hopeful that through the continued dialogue we're having, all perceived differences that we (India and China) have will be set to rest. Everything is under control: Army Chief General MM Naravane https://t.co/dZsaRNT4ON
— ANI (@ANI) June 13, 2020
सैन्य सूत्रों ने बताया कि दोनों देशों में बातचीत चलने के बावजूद, भारत ने लद्दाख, उत्तर सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा से सटे लगभग सभी संवेदनशील इलाकों में और सैनिकों की तैनाती की है जो चीन के समान सैन्य ताकत को बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा है।
सूत्रों ने यह भी बताया कि दोनों पक्षों का पैंगोंग और पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में आमने सामने का टकराव जारी है। सैन्य सूत्रों ने मंगलवार को दावा किया था कि दोनों देशों की सेनाओं ने गलवान घाटी और हॉट स्प्रिंग क्षेत्र में गश्ती प्वांइट 14 और 15 पर पीछे हटना शुरू किया है और चीनी पक्ष दो क्षेत्रों में 1.5 किलोमीटर पीछे हटे हैं ।
भारत और चीनी सेना 5 मई से आमने सामने है। बहरहाल, इस पर अबतक आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। बुधवार को दोनों पक्षों ने क्षेत्र में तनाव को कम करने के लिए मेजर जनरल स्तर की वार्ता की है। सूत्रों ने बताया कि साढ़े चार घंटे लंबी चली बातचीत में भारतीय शिष्टमंडल ने पूर्ण यथास्थिति को बहाल करने और तत्काल प्रभाव से उन इलाकों से चीनी सैनिकों की वापसी पर जोर दिया, जिन्हें भारत एलएसी पर अपना मानता है।