मोहन भागवत के मस्जिद-मदरसे दौरे पर बोले दिग्विजय सिंह- 'हाथी के दांत दिखाने के और खाने के और होते हैं'
By मनाली रस्तोगी | Published: September 24, 2022 08:12 AM2022-09-24T08:12:55+5:302022-09-24T08:14:29+5:30
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि जब तक आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत अखलाक के परिवार के सदस्यों से नहीं मिलते और बिलकिस बानो के बलात्कारियों को सम्मानित करने वालों के खिलाफ बयान जारी नहीं करते, तब तक उनका मस्जिद और मदरसा जाना एक दिखावा रहेगा।
भोपाल: कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने शनिवार को दिल्ली के एक मदरसे में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की यात्रा की तुलना हाथियों के दांतों से की, जो केवल दिखाने के लिए हैं। दिग्विजय सिंह ने कहा कि जहां भी आपके कार्यकर्ताओं द्वारा निर्दोष मुसलमानों को सताया गया है, उनसे माफी मांगें और उन्हें न्याय दिलाएं। तभी हम मानेंगे कि आरएसएस अलग सोच रहा है।
सिंह ने शनिवार को सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए लिखा, "हमें बेहद प्रसन्नता है कि मोहन भागवत जी पर भारत जोड़ो यात्रा का इतना असर हुआ कि वे मस्जिद गए और मदरसा भी गए। यह देश सब का है। इसी भावना से यदि आरएसएस काम करे तो हमें उनसे क्या आपत्ति होगी? यदि अब मोहन भागवत जी आप अखलाक के परिवार से भी मिलें बिलकिस बानों को भी न्याय दिलवाएं। बलात्कारियों का सम्मान करने वालों के खिलाफ बयान दें।"
यदि अब मोहन भागवत जी आप अख़लाक़ के परिवार से भी मिलें बिलकिस बानों को भी न्याय दिलवाएँ। बलात्कारियों का सम्मान करने वालों के खिलाफ बयान दें।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) September 24, 2022
2/n#BharatJodoYatra@INCIndia@RSSorg@BJP4India@RahulGandhi@Jairam_Ramesh
उन्होंने आगे लिखा, "जहां-जहां निर्दोष मुसलमानों को आपके कार्यकर्ताओं ने सताया है उनसे माफी मांगें उन्हें न्याय दिलवाएं तो हमें भरोसा होगा कि आरएसएस की सोच में फर्क आ रहा है। अन्यथा आपका मदरसा मस्जिद जाना केवल दिखावा होगा। यह कहावत है ना "हाथी के दांत दिखाने के और होते हैं व खाने के और होते हैं।" मोहन भागवत ने गुरुवार को अखिल भारतीय इमाम संगठन के प्रमुख इमाम उमर अहमद इलियासी से मुलाकात की।
यह कहावत है ना
— digvijaya singh (@digvijaya_28) September 24, 2022
“हाथी के दांत दिखाने के और होते हैं
व खाने के और होते हैं।”
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फिर आरएसएस प्रमुख पहली बार किसी मदरसे में गए और छात्रों से बातचीत की। बातचीत के दौरान उन्होंने उनसे कहा कि सभी धर्मों का सम्मान किया जाना चाहिए। मोहन भागवत को बातचीत के दौरान 'राष्ट्रपिता' के रूप में संबोधित किया गया था, जिस पर उन्होंने आपत्ति जताई और कहा कि हर कोई राष्ट्र की संतान है जबकि राष्ट्र का केवल एक ही पिता है।
वहीं, कांग्रेस ने कहा कि यह भारत जोड़ी यात्रा का प्रभाव है और राहुल गांधी के हाथ में तिरंगा लेकर मोहन भागवत को यात्रा में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर रहमान बर्क ने मोहन भागवत के लिए 'राष्ट्रपिता' के इस्तेमाल की निंदा की और कहा कि इमाम प्रमुख ने डर के मारे उन शब्दों का इस्तेमाल किया होगा। इलियासी के मन में भागवत के लिए सम्मान हो सकता है लेकिन शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए था।
1.आरएसएस प्रमुख श्री मोहन भागवत द्वारा कल दिल्ली स्थित मस्जिद/मदरसे में जाकर उलेमाओं से मुलाकात करने और फिर उनसे अपने आपको ’राष्ट्रपिता’ व ’राष्ट्र ऋषि’ कहलवाने के बाद क्या बीजेपी व इनकी सरकारों का मुस्लिम समाज व उनके मस्जिद-मदरसों के प्रति नकारात्मक रुख व बर्ताव में बदलाव आएगा?
— Mayawati (@Mayawati) September 23, 2022
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने कहा था कि उन्हें आश्चर्य है कि क्या मोहन भागवत के मस्जिद और मदरसे के दौरे के बाद मुसलमानों के प्रति भाजपा का नकारात्मक रवैया बदलेगा। उन्होंने ट्वीट कर लिखा था, "आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कल दिल्ली में मस्जिद/मदरसे का दौरा किया और उलेमाओं से मुलाकात की और फिर खुद को 'राष्ट्रपिता' और 'राष्ट्र के ऋषि' कहा, क्या भाजपा के नकारात्मक रवैये और व्यवहार में बदलाव आएगा और मुस्लिम समाज और उनके मस्जिद-मदरसों के प्रति उसकी सरकारें?"