आरएसएस प्रमुख के बयान पर दिग्विजय सिंह का तंज, 'फिर तो मोहन भागवत और ओवैसी का डीएनए एक जैसा'
By दीप्ती कुमारी | Published: July 8, 2021 11:40 AM2021-07-08T11:40:16+5:302021-07-08T11:44:05+5:30
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के हाल में डीएनए वाले बयान तंज कसा है। उन्होंने कहा कि जब ऐसा है तो मोहन भागवत और असदुद्दीन ओवौसी का भी डीएनए एक है।
भोपाल: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के भारत में हिंदू-मुस्लिम के डीएनए एक होने वाले बयान पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने तंज कसा है। दिग्विजय सिंह ने कहा है कि अगर हिंदू और मुस्लिम दोनों का डीएनए एक है तब धर्म परिवर्तन के विरुद्ध कानून की क्या जरूरत है।
सिहोर में प्रत्रकारों से बात करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा, 'अगर हिंदू और मुस्लिम का डीएनए एक है तो धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून लाने की क्या जरूरत है? 'लव जिहाद' के खिलाफ कानून की क्या आवश्यकता है। इसका मतलब तो ये हुआ कि मोहन भागवत और औवेसी का डीएनए भी एक जैसा है।'
साथ ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने उन्होंने कैबिनेट में शामिल हुए नए मंत्रियों को बधाई भी दी । मंत्रियों के इस्तीफे को लेकर उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल में कौन रहेगा या नहीं , यह निर्णय पीएम करते हैं । इस पर में टिप्पणी नहीं करूंगा । स्वास्थ्य मंत्री अच्छे व्यक्ति हैं लेकिन उनका कार्यकाल उल्लेखनीय नहीं है । रविशंकर प्रसाद और प्रकाश जावेडकर अच्छे मंत्री माने जाते हैं ।
कांग्रेस नेता और सांसद @digvijaya_28 का बयान जब हिंदू मुसलमान का DNA एक है तो मोहन भागवत और ओवेसी का DNA भी एक ही है, ऐसे में लव जिहाद और धर्मांतरण क़ानून की क्या ज़रूरत ? @ABPNews@awasthis@pankajjha_@AshishSinghLIVE@LokendraParasar#DNApic.twitter.com/FDgqgJVd24
— Brajesh Rajput (@brajeshabpnews) July 8, 2021
दरअसल, संघ प्रमुख मोहन भागवत ने 4 जुलाई 2021 को यूपी के गाजियाबाद में राष्ट्रीय मुस्लिम मंच द्वारा आयोजित 'हिंदुस्तानी प्रथम, हिंदुस्तानी प्रथम' विषय पर कार्यक्रम में कहा था कि सभी भारतीयों का डीएनए एक है। इस कार्यक्रम में भागवत ने ये भी कहा था कि गोरक्षा के नाम पर लिंचिंग करने वाले हिंदू विरोधी हैं।
मोहन भागवत के इन बयानों की तब खूब चर्चा हुई थी और कई तरह की प्रतिक्रियाएं भी सामने आई थीं। बसपा सुप्रीमो मायावती ने मोहन भागवत के बयान को 'मुंह में राम बगल में छूरी' बताया। वहीं एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी ने मोहन भागवत पर निशाना साधा था।
ओवैसी ने ट्वीट कर कहा था कि कायरता, हिंसा और कत्ल करना गोडसे की हिंदुत्व वाली सोंच का अटूट हिस्सा है। मुसलमानो की लिंचिंग भी इसी सोच का नतीजा है।
उन्होंन साथ ही लिखा, 'RSS के भागवत ने कहा 'लिंचिंग करने वाले हिंदुत्व विरोधी'। इन अपराधियों को गाय और भैंस में फर्क नहीं पता होगा लेकिन कत्ल करने के लिए जुनैद, अखलाक़, पहलू, रकबर, अलीमुद्दीन के नाम ही काफी थे। ये नफरत हिंदुत्व की देन है, इन मुजरिमों को हिंदुत्ववादी सरकार की पुश्त पनाही हासिल है।'