दिग्विजय सिंह का दावा- शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से चर्चा करने का निर्णय अमित शाह ने किया
By भाषा | Published: February 15, 2020 10:59 PM2020-02-15T22:59:01+5:302020-02-15T22:59:01+5:30
सिंह ने यहां मीडिया से चर्चा करते हुए कहा, ‘‘मै बधाई देता हूं कि शाहीन बाग में प्रदर्शन करने वालों की मांग पर माननीय गृह मंत्री अमित शाह जी ने उनके (प्रदर्शनकारियों) साथ चर्चा करने का निर्णय लिया है।’’
कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने शनिवार को दावा किया कि दिल्ली के शाहीनबाग में करीब दो महीने से संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों की मांग पर केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रदर्शनकारियों से चर्चा करने का निर्णय किया है।
दिग्विजय सिंह ने शाह के इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि यह अच्छे संकेत हैं। हालांकि, आधिकारिक तौर पर इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि शाह ने प्रदर्शनकारियों से चर्चा करने का निर्णय किया है अथवा इसके लिए कोई समय निर्धारित किया है।
सिंह ने यहां मीडिया से चर्चा करते हुए कहा, ‘‘मै बधाई देता हूं कि शाहीन बाग में प्रदर्शन करने वालों की मांग पर माननीय गृह मंत्री अमित शाह जी ने उनके (प्रदर्शनकारियों) साथ चर्चा करने का निर्णय लिया है।’’
उन्होंने शाह के इस निर्णय का स्वागत किया और कहा, ‘‘यह अच्छा संकेत है।’’
सिंह ने कहा कि इन प्रदर्शनकारियों की मांग है कि केन्द्र सरकार संशोधित नागरिकता कानून को वापस ले और एनपीआर में अपने माता-पिता का भी जन्म स्थान बताने एवं जन्म तिथि बताने का जो प्रावधान है उसे हटाये।
उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों का तर्क है कि जब जनगणना हमारी हो रही है तो फिर इस तरीके की जानकारी की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। ये जानकारियां पहले से आधार कार्ड में उपलब्ध है।
सिंह ने कहा कि यदि शाह ये सब मांगे मान लें तो देश में अच्छा वातावरण निर्मित होगा।
मालूम हो कि शाहीन बाग में बीते दो महीने से संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ प्रदर्शन चल रहा है। प्रदर्शनकारियों में अधिकतर महिलाएं हैं। इन प्रदर्शनकारियों के एक वर्ग ने शनिवार को कहा कि वे नये नागरिकता कानून को लेकर अपनी चिंताएं व्यक्त करने के लिये केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के लिये तैयार हैं लेकिन बातचीत के लिये बुलाना सरकार का दायित्व है।
गौरतलब है कि इस सप्ताह की शुरुआत में समाचार चैनल से बातचीत के दौरान शाह ने कहा था जो व्यक्ति सीएए से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करना चाहता है, वह उनके कार्यालय से समय मांग सकता है। उसे तीन दिन के भीतर मिलने का समय दिया जाएगा।
इससे पहले संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर पूरे देश में ‘‘विस्फोटक स्थिति’’ बनने का दावा करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने शनिवार को कहा कि दिल्ली के शाहीनबाग में इस मुद्दे पर लम्बे समय से प्रदर्शन कर रहे लोगों से अगर केंद्र सरकार समय रहते चर्चा कर लेती, तो यह नौबत नहीं आती।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर शाहीन बाग में धरने पर बैठीं मां-बहनों से केंद्र सरकार पहले ही चर्चा कर लेती, तो आज यह नौबत नहीं आती। लेकिन बात केवल चर्चा तक सीमित नहीं रहनी चाहिये और मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा गृह मंत्री अमित शाह से इस असंवैधानिक कानून को वापस लिये जाने की मांग करता हूं ।’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मूल बात यह है कि वे (सरकार) समझने लगे हैं कि पूरे देश में संशोधित नागरिकता कानून को लेकर एक विस्फोटक स्थिति पैदा होती जा रही है।’’ दिग्विजय ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच खाई पैदा करने के लिये सीएए बनाया है।
उन्होंने कहा, ‘‘नागरिकता के किसी नये कानून की कोई जरूरत ही नहीं थी। भारत की आजादी के बाद करीब एक करोड़ लोगों को नागरिकता दी जा चुकी है जिनमें 85 प्रतिशत हिंदू हैं।’’ उन्होंने कहा कि देश में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) की भी कोई जरूरत नहीं है क्योंकि लोगों के पास अपनी नागरिकता के प्रमाण के लिये आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और मतदाता पहचान पत्र जैसे दस्तावेज पहले से मौजूद हैं।