चीन पर एक और डिजिटल स्ट्राइक, भारत सरकार ने 230 चीनी ऐप को किया बैन, भारतीयों को बना रहे थे कर्जदार
By विनीत कुमार | Published: February 5, 2023 02:12 PM2023-02-05T14:12:28+5:302023-02-05T14:41:03+5:30
भारत सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए करीब 230 चीन ऐप्स को प्रतिबंधित कर दिया है। इनमें ऋण देने वाले और सट्टेबाजी वाले ऐप शामिल हैं। गृह मंत्रालय के निर्देश पर ये कार्रवाई की गई है।
नई दिल्ली: ऋण देने वाले ऐप्स पर एक कार्रवाई के बीच भारत सरकार ने लगभग 230 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। इसमें 138 सट्टेबाजी वाले ऐप और 94 ऋण देने वाले ऐप शामिल हैं। यह कार्रवाई गृह मंत्रालय की सिफारिश पर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा शुरू की गई थी।
सामने आई जानकारी के अनुसार सरकार ने लगभग छह महीने पहले 288 चीनी ऐप्स के बारे में जांच शुरू की थी। इसमें पता चला कि इन ऐप्स की पहुंच भारतीय नागरिकों के निजी डेटा तक थी।
यह कदम इस पुष्टि के बाद उठाया गया था कि ये ऐप आईटी अधिनियम की धारा 69 का उल्लंघन करते हैं क्योंकि इनके पास ऐसी सामग्री थी, जो भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए हानिकारक है। सरकार के इस कदम के पीछे की कार्रवाई की मुख्य वजह इन ऐप्स को लेकर आई कई शिकायतें हैं। इनमें व्यक्तियों से जबरन वसूली और उत्पीड़न की कई शिकायतें शामिल हैं। इन लोगों ने इन ऐप्स की मदद से छोटे ऋण लिए थे। रिपोर्ट्स के अनुसार ऐसे ऐप चीनी दिमाग की उपज हैं जिन्होंने भारतीयों को काम पर रखा और उन्हें ऐसे ऐप संचालन में निदेशक बनाया।
कर्ज नहीं चुकाने पर 3000% तक ब्याज
रिपोर्ट के मुताबिक इन ऐप्स के झांसे में आकर कई हताश लोग कर्ज ले लेते थे। ये ऐप्स थोड़ी-बहुत कागजी कार्रवाई के बाद कर्ज देने का काम करते थे और फिर तय समय पर कर्ज नहीं चुकाने पर सालाना 3,000 फीसदी तक ब्याज को बढ़ा दिया जाता है।
ऐसे में जब कर्जदार पूरे कर्ज की तो बात ही दूर, ब्याज चुकाने में असमर्थ हो जाते थे। ऐसी हाल में इन ऐप्स का प्रतिनिधित्व करने वाले कर्ज में डूबे लोगों को परेशान करना शुरू कर देते थे। इन लोगों के द्वारा कर्जदार के पास भद्दे संदेश भेजे जाने, उनकी छेड़छाड़ की गई तस्वीरों को जारी करने की धमकी दी जाती थी। यही नहीं, उनके जानने वालों और परिवार सहित अन्य संपर्कों को लोन के बारे में बताकर शर्मसार भी किया जाता था।
कुछ लोगों की आत्महत्या के बाद मामला आया सामने
इन चीनी ऐप की कारगुजारियां उस समय सामने आने लगी, जब विशेष रूप से आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में कुछ कर्जदारों द्वारा आत्महत्या की बात सुर्खियों में आई। इन लोगों ने इसी तरह के ऐप का इस्तेमाल कर ऋण लिया था या सट्टेबाजी करने वाले ऐप्स में अपने पैसे गंवा दिए।
तेलंगाना, ओडिशा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के साथ-साथ केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने भी तब केंद्रीय गृह मंत्रालय से इन ऐप्स के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की थी।
सरकार ने पाया है कि 94 ऐप ई-स्टोर्स पर उपलब्ध हैं और अन्य थर्ड-पार्टी लिंक के माध्यम से काम कर रहे हैं। यह भी पता चला है कि कई ऐप अब स्मार्टफोन पर डाउनलोड करने के लिए उपलब्ध नहीं हैं लेकिन सूत्रों का कहना है कि सट्टेबाजी वाले ऐप और गेम अन्य लिंक या वेबसाइट के जरिए डाउनलोड किए जा रहे हैं।