अयोध्या के संबंध में हिंदुओं की आस्था पर सवाल उठाना मुश्किल: सुप्रीम कोर्ट

By भाषा | Published: September 24, 2019 06:10 AM2019-09-24T06:10:01+5:302019-09-24T06:10:01+5:30

सुन्नी वक्फ बोर्ड और मूल वादी एम सिद्दीक समेत अन्य की ओर से पेश हुए धवन ने कहा कि केवल आस्था मालिकाना हक का दावा करने और ‘जन्मस्थान’ को न्यायिक व्यक्ति का दर्जा देने का आधार नहीं हो सकती।

Difficult to question Hindu faith on Ayodhya Supreme Court judge | अयोध्या के संबंध में हिंदुओं की आस्था पर सवाल उठाना मुश्किल: सुप्रीम कोर्ट

प्रतीकात्मक फोटो

Highlightsपीठ में न्यायमूर्ति एस ए बोबड़े, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस ए नजीर भी शामिल हैं। पीठ ने कहा, ‘‘यहां तक कि मुकदमे के दौरान मुस्लिम गवाहों ने भी कहा कि अयोध्या हिंदुओं के लिए उतना ही पवित्र है,जितना उनके लिए मक्का।

उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि भगवान राम के जन्म स्थान के तौर पर अयोध्या के संबंध में हिंदुओं की आस्था पर सवाल उठाना मुश्किल होगा क्योंकि कुछ मुस्लिम गवाहों ने भी इसे हिंदुओं के लिए उतना ही पवित्र बताया है, जितना उनके लिए मक्का है।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ मुस्लिम पक्षकारों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील राजीव धवन से सवाल कर रहे थे कि क्या किसी देवत्व और किसी प्रतिमा या देवता का ‘‘मूर्त रूप’’ उसे ‘‘न्यायिक व्यक्ति’’ ठहराने के लिए आवश्यक है।

पीठ में न्यायमूर्ति एस ए बोबड़े, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस ए नजीर भी शामिल हैं। पीठ ने कहा, ‘‘यहां तक कि मुकदमे के दौरान मुस्लिम गवाहों ने भी कहा कि अयोध्या हिंदुओं के लिए उतना ही पवित्र है,जितना उनके लिए मक्का। हिंदुओं की आस्था का खंडन करना मुश्किल होगा।’’

सुन्नी वक्फ बोर्ड और मूल वादी एम सिद्दीक समेत अन्य की ओर से पेश हुए धवन ने कहा कि केवल आस्था मालिकाना हक का दावा करने और ‘जन्मस्थान’ को न्यायिक व्यक्ति का दर्जा देने का आधार नहीं हो सकती। हालांकि, उन्होंने राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामले की सुनवाई के 29वें दिन भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में भगवान राम और अल्लाह को सम्मान देने की पुरजोर वकालत की।

वरिष्ठ वकील ने कहा, ‘‘अगर भगवान राम और अल्लाह का सम्मान नहीं किया जाता तो यह महान देश विभाजित हो जाएगा।’’ लेकिन उन्होंने ‘राम लला विराजमान’ की ओर से दायर मुकदमे में जन्मस्थान को पक्षकार बनाने के कदम पर आपत्ति जतायी। पीठ इस मामले पर मंगलवार को भी सुनवाई जारी रखेगी।

Web Title: Difficult to question Hindu faith on Ayodhya Supreme Court judge

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