घर वापसी के लिए हर श्रमिक की अलग आईडी, केंद्रीय प्रणाली में डाटा फीड करेंगे राज्य
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: May 17, 2020 07:42 AM2020-05-17T07:42:59+5:302020-05-17T07:42:59+5:30
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इसमें श्रमिकों के नाम, उम्र, मोबाइल नंबर, आधार नंबर, पलायन और गंतव्य स्थल, सहयात्रियों का ब्यौरा एवं यात्रा की तारीख का डाटा दर्ज किया जाएगा. हर श्रमिक की अलग पहचान संख्या होगी, जिससे उसकी कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग आसानी से हो जाएगी.
नई दिल्ली: लॉकडाउन में जगह-जगह फंसे श्रमिकों की घर वापसी की जद्दोजहद के बीच केंद्र सरकार ने हर श्रमिक का डाटा रखने की केंद्रीयकृत व्यवस्था तैयार की है. गृह मंत्रालय की राष्ट्रीय प्रवासी सूचना प्रणाली (एनएमआईएस ) में रखे जानेवाले डाटा से श्रमिकों को घर तक पहुंचाने में आ रही अड़चनें कम होंगी. साथ ही पलायन करने वाले श्रमिकों के आंकड़े उपलब्ध होंगे, जिससे उनकी वापसी में भी आसानी होगी.
यह प्रणाली राष्ट्रीय आपदा प्रदबंधन प्राधिकरण के तहत काम करेगी. इसमें राज्य पलायन करने वाले और गृह राज्य पहुंचने वाले श्रमिकों की जानकारी प्रणाली में अपलोड कर सकेंगे. सभी नोडल मंत्रालयों को सारा डाटा एक जगह मिलेगा. गृह सचिव अजय भल्ला ने राज्यों को इसकी सूचना दे दी है.
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इसमें श्रमिकों के नाम, उम्र, मोबाइल नंबर, आधार नंबर, पलायन और गंतव्य स्थल, सहयात्रियों का ब्यौरा एवं यात्रा की तारीख का डाटा दर्ज किया जाएगा. हर श्रमिक की अलग पहचान संख्या होगी, जिससे उसकी कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग आसानी से हो जाएगी.
एनडीएम के मुताबिक प्रवासी श्रमिकों की आवाजाही से श्रमिक ट्रेनों की योजना, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग और गंतव्य स्टेशन पर क्वारंटाइन जैसी मुश्किलें सामने आई हैं. नई प्रणाली से यह जोखिम नहीं रहेगा. साथ ही संकट के समय में राज्यों और केंद्र को श्रमिकों के बारे में फैसले करना तथा मदद देना आसान होगा.