Article 370 को लेकर कांग्रेस में मतभेद, पार्टी के कई नेताओं ने फैसले का किया समर्थन

By शीलेष शर्मा | Published: August 6, 2019 11:01 PM2019-08-06T23:01:42+5:302019-08-06T23:01:42+5:30

अब तक जो नेता कांग्रेस के संसद में खिलाफ मतदान करने के बावजूद 370 के समर्थन में उतरे है उनमें जर्नादन द्विवेदी, मिलिंद देवड़ा, ज्योतिरादित्य सिंधिया, मनु अभिषेक सिंघवी जैसे नेताओं के नाम शामिल है.

Differences in Congress over Article 370, many party leaders support the decision | Article 370 को लेकर कांग्रेस में मतभेद, पार्टी के कई नेताओं ने फैसले का किया समर्थन

कांग्रेस पार्टी का झंडा। (फाइल फोटो)

कश्मीर विभाजन को लेकर धारा 370 को हटाये जाने को लेकर कांग्रेस में भारी मतभेद बने हुए है, पार्टी के कुछ नेता जहां इसके पक्ष में उतरकर समर्थन कर रहे है तो वहीं दूसरी ओर पार्टी के नेताओं का एक बड़ा वर्ग इसके विरोध में खड़ा है. 

कांग्रेस में परस्पर विरोधी विचारों को लेकर जो उहापोह की स्थिति बनी है उसे साफ करने के लिए कांग्रेस ने कार्यसमिति की बैठक बुलाकर प्रस्ताव पारित करने का फैसला किया है ताकि पार्टी के सभी नेता पार्टी की नीति के आधार पर उस प्रस्ताव की रोशनी में बोल सके. 

अब तक जो नेता कांग्रेस के संसद में खिलाफ मतदान करने के बावजूद 370 के समर्थन में उतरे है उनमें जर्नादन द्विवेदी, मिलिंद देवड़ा, ज्योतिरादित्य सिंधिया, मनु अभिषेक सिंघवी जैसे नेताओं के नाम शामिल है.

हैरानी की बात तो यह है कि कल राज्यसभा में जब गृह मंत्री ने 370 को हटाने का प्रस्ताव पेश किया उससे पहले ही राज्यसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक भुवनेश कलिता ने पार्टी के 370 के विरोध के फैसले के खिलाफ अपना मत व्यक्त करते हुए राज्यसभा और पाटी की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया जिससे कांग्रेस के सदन में नेता गुलाम नबी आजाद सकते में आ गये. क्योंकि भुवनेश कलिता को पार्टी सांसदों के लिए व्हिप जारी करने की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी. 

जर्नादन द्विवेदी ने कल राज्यसभा में इस प्रस्ताव के पारित होते ही 370 के समर्थन में टिप्पणी की और कहा कि जो गलती वर्षो पूर्व हुई थी उसे सुधारा गया है, यह देश के हित में है और वे इसका समर्थन करते है. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज टिप्पणी की कि भारत में जम्मू कश्मीर और लद्दाख के पूर्व विलय के लिए उठाये गये कदम का वह समर्थन करते है, साथ ही उन्होंने सफाई दी कि बेहतर होता अगर संवैधानिक प्रक्रिया का पालन किया गया होता यह देश के हित में है.  

पार्टी के एक अन्य सांसद और प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने माना कि यह फैसला राष्ट्रहित में लिया गया है लेकिन उन्होंने भी इस फैसले को लेने की प्रक्रिया पर सवाल उठाया. सिंघवी ने कहा कि फैसला लेने से पहले कश्मीर के लोगों, वहां के विधानसभा और राज्य के नेताओं को विश्वास में लिया जाना चाहिए था क्योंकि यह संवैधानिक व्यवस्था की मांग भी है. 

धारा 370 को लेकर कांग्रेस में अभी भी स्थिति साफ नहीं है और पार्टी के नेता अपने-अपने ढंग से इसकी व्याख्या कर टिप्पणी कर रहे है, जिससे पार्टी का नेतृत्व खासा नाराज है, पार्टी नेताओं को एक स्वर में इस मुद्दे पर बोलने के लिए दिशा देने के  इरादे से कार्यसमिति की आपात बैठक में प्रस्ताव कर यह तय किया जाएगा कि पार्टी नेताओं को धारा 370 पर पार्टी की नीति के अनुसार क्या बोलना है. 

Web Title: Differences in Congress over Article 370, many party leaders support the decision

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