धारवाड़ मेडिकल कॉलेज में कोरोना विस्फोट, 182 छात्र कोविड पॉजिटिव, वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके थे!
By सतीश कुमार सिंह | Published: November 26, 2021 02:08 PM2021-11-26T14:08:36+5:302021-11-26T14:53:51+5:30
दो छात्रावासों को सील कर दिया गया है और वहां आवश्यक भोजन, दवाएं और अन्य आवश्यक चीजें उपलब्ध कराई जा रही हैं।
धारवाड़ः देशभर में कोरोना संक्रमण के मामले कम होने के बाद फिर बढ़ने शुरू हो गए हैं। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्यों को अलर्ट कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल में ही कई राज्यों को चिट्ठी लिखकर कोरोना टेस्टिंग की घटती तादाद पर चिंता जाहिर की है।
कर्नाटक के धारवाड़ में एसडीएम चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय एवं अस्पताल में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे 182 छात्रों के कोरोना वायरस संक्रमित पाए जाने के बाद दो छात्रावासों को सील कर दिया गया है। धारवाड़ के डिप्टी कमिश्नर नितेश पाटिल ने कहा कि ‘संक्रमित छात्रों, जिन्हें कोविड वैक्सीन की दोनों डोज लगाई गई थी, उसका हॉस्पिटल के अंदर ही इलाज होगा।
बाकी छात्रों का भी कोरोना टेस्ट किया जाएगा. हमने दो हॉस्टल को सील कर दिया है। छात्रों को उपचार और भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। किसी को भी हॉस्टल से बाहर निकलने की इजाजत नहीं दी जाएगी. इनके अलावा, जो भी छात्र कोरोना पॉजिटिव पाए जाएंगे उन्हें भी हॉस्टल परिसर में ही क्वारंटीन कर दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि फिलहाल उन्हें अभी क्वारंटीन कर दिया गया है और वे हॉस्टल के अंदर ही इलाज कराएंगे। मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले कुल 400 छात्रों में से लगभग 300 छात्रों की अब तक कोविड जांच हो चुकी है। अधिकारियों के अनुसार, हो सकता है कि लगभग एक सप्ताह पहले हुए छात्रों के एक कार्यक्रम के दौरान संक्रमण फैला हो। माना जा रहा है कि छात्रों को कोविड-19 के खिलाफ पूरी तरह से टीका लगाया गया है। वे सभी जिन्होंने कोविड -19 के लिए सकारात्मक परीक्षण किया है, वे एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र हैं और कई अन्य राज्यों से संबंधित हैं।
धारवाड़ के डिप्टी कमिश्नर नीतेश पाटिल के मुताबिक कॉलेज में कोरो नोवायरस से संक्रमित छात्रों की संख्या 66 से बढ़कर अब 182 हो गई है। प्रशासन के मुताबिक संक्रमितों की संख्या में अभी और इजाफा हो सकता है। प्रशासन के मुताबिक 17 नवंबर को कॉलेज में फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट्स के लिए फ्रेशर्स पार्टी का आयोजन किया गया था।
इस पार्टी में बड़ी संख्या में मेडीकल के फर्स्ट और सेकेंड ईयर के छात्रों ने हिस्सा लिया था। यह फ्रेशर्स पार्टी ही कॉलेज में कोरोना की सुपरस्प्रेडर साबित हुई। संक्रमित हुए ज्यादातर स्टूडेंट्स फर्स्ट ईयर के बताए जा रहे हैं. वहीं कॉलेज में दाखिला लेने वाले ज्यादातर छात्र दूसरे राज्यों के हैं।
अधिकारियों ने बताया कि संक्रमितों को एसडीएम कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड हॉस्पिटल परिसर के अंदर ही क्वारंटीन में रखा गया है और दो छात्रावासों को एहतियात के तौर पर सील कर दिया गया है। राज्य का स्वास्थ्य विभाग ने कॉलेज और अस्पताल में 3,000 से अधिक कर्मचारियों और छात्रों का परीक्षण करने की रणनीति पर काम कर रहा हैं।