Dhananjay Munde-Anjali Damania: धनंजय मुंडे के मंत्री रहते कृषि विभाग में 88 करोड़ रुपये का घोटाला?, अंजलि दमानिया ने अजित पवार के नेता पर किया हमला

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 4, 2025 06:43 PM2025-02-04T18:43:40+5:302025-02-04T18:44:45+5:30

Dhananjay Munde-Anjali Damania: आम आदमी पार्टी (आप) की पूर्व नेता दमानिया ने दावा किया कि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के तहत किसानों के बैंक खातों में सीधे धन हस्तांतरित करने के केंद्र सरकार के 2016 के निर्देश के बावजूद, कृषि विभाग ने किसानों के बीच वितरण के लिए उपकरण व उर्वरक ऊंची दरों पर खरीदे।

Dhananjay Munde-Anjali Damania Anti-Corruption activist alleges ₹88 crore scam in agriculture dept under Dhananjay Munde ncp neta mumbai ajit pawar | Dhananjay Munde-Anjali Damania: धनंजय मुंडे के मंत्री रहते कृषि विभाग में 88 करोड़ रुपये का घोटाला?, अंजलि दमानिया ने अजित पवार के नेता पर किया हमला

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Highlightsमंत्री मुंडे ने दमानिया के आरोपों को बेबुनियाद और राजनीति से प्रेरित बताया।बोलते हुए दमानिया ने कथित घोटाले से संबंधित दस्तावेज पेश किए।कैसे मंत्री ने किसानों का पैसा हड़पकर कानूनों का उल्लंघन किया।

मुंबईः कार्यकर्ता अंजलि दमानिया ने मंगलवार को दावा किया कि महाराष्ट्र की पिछली महायुति सरकार में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता धनंजय मुंडे के मंत्री रहते कृषि विभाग में 88 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ था। मौजूदा सरकार में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री मुंडे ने दमानिया के आरोपों को बेबुनियाद और राजनीति से प्रेरित बताया। मुंडे पिछली सरकार में कृषि मंत्री थे।

आम आदमी पार्टी (आप) की पूर्व नेता दमानिया ने दावा किया कि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के तहत किसानों के बैंक खातों में सीधे धन हस्तांतरित करने के केंद्र सरकार के 2016 के निर्देश के बावजूद, कृषि विभाग ने किसानों के बीच वितरण के लिए उपकरण व उर्वरक ऊंची दरों पर खरीदे।

बीड जिले में सरपंच संतोष देशमुख की हत्या से संबंधित जबरन वसूली मामले में अपने सहयोगी वाल्मीक कराड की गिरफ्तारी को लेकर धनंजय मुंडे पहले से ही आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं। यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए दमानिया ने कथित घोटाले से संबंधित दस्तावेज पेश किए।

दमानिया ने दावा किया, “ये दस्तावेज इस बात का सबूत हैं कि कैसे मंत्री ने किसानों का पैसा हड़पकर कानूनों का उल्लंघन किया। डीबीटी से संबंधित सरकारी प्रस्ताव (जीआर) के अनुसार, योजना-संबंधी सभी धनराशियां अपना सामान खुद बनाने वाली महाबीज, केवीके और एमएआईडीसी जैसी कुछ सरकारी संस्थाओं को छोड़कर, सीधे किसानों के बैंक खातों में स्थानांतरित की जानी थी।

हालांकि, इस नियम की अनदेखी की गई।'' उन्होंने 12 सितंबर 2018 के एक जीआर का हवाला दिया, जिसमें डीबीटी के तहत आने वाले 62 घटकों को सूचीबद्ध किया गया था। दमानिया ने कहा कि हालांकि, मुख्यमंत्री के पास डीबीटी सूची में नये घटकों को जोड़ने का अधिकार है, लेकिन मौजूदा घटकों को मुख्य सचिव, वित्त सचिव और योजना सचिव की समिति की मंजूरी के बिना हटाया नहीं जा सकता।

उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले, राज्य सरकार ने 12 मार्च 2024 को एक नया जीआर जारी किया, जिसमें कृषि सामग्री की खरीद के लिए कृषि आयुक्त को नियंत्रण अधिकारी नियुक्त किया गया। कार्यकर्ता ने दावा किया कि तत्कालीन कृषि आयुक्त प्रवीण गेदाम ने 15 मार्च 2024 को चिंता जताई और कहा कि योजना का कार्यान्वयन गलत था।

दमानिया के मुताबिक, गेदाम ने बताया कि चूंकि, खरीदी जा रही वस्तुएं महाबीज या एमएआईडीसी द्वारा उत्पादित नहीं की गई थीं, इसलिए इन वस्तुओं को खरीदने के बजाय किसानों को डीबीटी के माध्यम से धनराशि वितरित की जानी चाहिए थी। गेदाम की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

दमानिया ने दावा किया कि 15 मार्च को मुंडे ने तत्कालीन उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजित पवार से कथित तौर पर निविदाएं जारी करने की अनुमति मांगी थी। उन्होंने दावा किया कि राकांपा प्रमुख पवार ने अनुरोध को मंजूरी दे दी। दमानिया ने आरोप लगाया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अधिकार नहीं होने के बावजूद डीबीटी सूची से कुछ घटकों को हटाने की स्वीकृति प्रदान की।

कार्यकर्ता ने कहा कि मुंडे के अधीन कृषि विभाग पांच वस्तुओं-नैनो यूरिया, नैनो डीएपी, बैटरी स्प्रेयर, मेटलडिहाइड कीटनाशक और कपास बैग की खरीद में बड़ी वित्तीय अनियमितताओं का दोषी था। दमानिया ने दावा किया, “इफको द्वारा उत्पादित नैनो यूरिया और नैनो डीएपी कथित तौर पर बढ़ी हुई दरों पर खरीदे गए।

नैनो यूरिया की 500 मिलीलीटर की बोतल बाजार में 92 रुपये में उपलब्ध थी, जबकि कृषि विभाग ने कथित तौर पर इसे 220 रुपये प्रति बोतल के हिसाब से खरीद के लिए निविदा जारी की। कुल 19,68,408 बोतलें खरीदी गईं। इसी तरह, बाजार में 269 रुपये प्रति बोतल कीमत पर उपलब्ध नैनो डीएपी की प्रत्येक बोतल 590 रुपये में खरीदी गई।”

उन्होंने आरोप लगाया कि बाजार में 2,496 रुपये में उपलब्ध बैटरी स्प्रेयर 3,425 रुपये में खरीदा गया। दमानिया ने पहले मुंडे के खिलाफ वाल्मीक कराड के साथ उनके कथित वित्तीय संबंधों को लेकर आरोप लगाए थे। पिछले महीने कराड की गिरफ्तारी के बाद से महाराष्ट्र में विपक्षी दल मंत्री पद से मुंडे के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।

धनंजय मुंडे ने आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा, “पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न मामलों में उनके (दमानिया) द्वारा लगाए गए किसी भी आरोप की पुष्टि नहीं हुई है। हो सकता है कि वह राजनीति में वापसी पर विचार कर रही हों और इसीलिए इस तरह के आरोप लगा रही हों।”

इस बीच, शिवसेना नेता और सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसत ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस “निश्चित रूप से दमानिया द्वारा प्रदान किए गए सबूतों पर गौर करके कार्रवाई करेंगे।” उन्होंने पत्रकारों से कहा, ''लेकिन मुंडे का इस्तीफा मांगना उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर निर्भर करता है, जो राकांपा के प्रमुख हैं।'' 

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