पार्टी की चेतावनी के बावजूद सांसद बारला ने फिर की उत्तर बंगाल को अलग करने की मांग
By भाषा | Published: June 23, 2021 08:51 PM2021-06-23T20:51:20+5:302021-06-23T20:51:20+5:30
जलपाईगुड़ी/कोलकाता, 23 जून भाजपा सांसद जॉन बारला ने बुधवार को एक बार फिर उत्तर बंगाल के जिलों को मिलाकर एक अलग केंद्रशासित प्रदेश की विवादास्पद मांग उठाई। हालांकि उनकी पार्टी ने इस तरह के बयानों को लेकर उन्हें आगाह किया है।
अलीपुरद्वार के सांसद ने आरोप लगाया कि भाजपा के पक्ष में मतदान करने वाले लोगों को राशन और रोजगार गारंटी योजना के तहत 100 दिनों के काम से वंचित किया जा रहा है। उन्होंने कहा, "इस तरह के अत्याचारों से बचने के लिए, मैंने उत्तर बंगाल को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने की मांग की है।’’
उन्होंने जलपाईगुड़ी में अपने लक्ष्मीपारा चाय बागान स्थित आवास पर संवाददाताओं से कहा, "मैं यह मामला दिल्ली (नेतृत्व) के समक्ष उठाऊंगा।"
भाजपा को झटका देते हुए पार्टी के अलीपुरद्वार जिलाध्यक्ष गंगा प्रसाद शर्मा सात अन्य स्थानीय भाजपा नेताओं के साथ सोमवार को तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। बारला ने दावा किया कि भाजपा छोड़ने और तृणमूल में शामिल होने के दबाव के बाद कुमारग्राम पंचायत के नौ सदस्यों और अलीपुरद्वार जिले के एक जिला परिषद सदस्य ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ उनके आवास पर शरण ली है।
तृणमूल के जिला नेतृत्व ने आरोप से इनकार करते हुए कहा कि हाल के विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत से जीत करने के लिए उसे भाजपा के लोगों को सत्ताधारी पार्टी में शामिल करने की आवश्यकता नहीं है।
बारला द्वारा उत्तर बंगाल को अलग केंद्रशासित प्रदेश घोषित करने की बार बार मांग किए जाने को लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, "सभी को पार्टी लाइन का पालन करना चाहिए।’’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत राय के लिए पार्टी में जगह है।
तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने भाजपा पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि भगवा पार्टी राज्य में अशांति पैदा करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, "यह स्पष्ट नहीं है कि क्या भाजपा चाहती है कि ये नेता इस तरह के बयान देना बंद करें या पश्चिम बंगाल को विभाजित करने पर अपने तीखे बयान जारी रखें।
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