कोविड-19 संकट के बावजूद हिंद-प्रशांत क्षेत्र में तनाव नहीं घटा, घटनाक्रम पर है नजर: फ्रांस
By भाषा | Published: May 20, 2020 09:32 PM2020-05-20T21:32:55+5:302020-05-20T21:32:55+5:30
चीन की, सैन्य मौजूदगी में इजाफे के मद्देनजर अमेरिका ने, दक्षिण चीन सागर में अतिरिक्त बलों को भेजा है ।
नयी दिल्ली: फ्रांस के राजदूत ने कहा है कि कोरोना वायरस संकट के बावजूद हिंद-प्रशांत क्षेत्र में तनाव नहीं ‘‘घटा’’ है और भारत तथा फ्रांस, दोनों इस क्षेत्र में चल रही गतिविधियों से वाकिफ है। ऐसे समय में, जब दुनिया कोरोना वायरस महामारी से जूझ रही है, रणनीतिक लिहाज से महत्वपूर्ण जल क्षेत्र में चीन द्वारा सैन्य मौजूदगी बढ़ाने जाने का परोक्ष रूप से उन्होंने हवाला दिया।
फ्रांस के राजदूत इमैनुअल लेनिन ने पीटीआई-भाषा को एक साक्षात्कार में भारत में सीमा पार से आतंकवाद के मुद्दे पर भी चर्चा की और कहा कि पाकिस्तान को अपने यहां एफएटीएफ की कार्य योजना को लागू करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘फ्रांस ने सभी तरह के आतंकवाद को रोकने में हमेशा भारत की मदद की है। इसमें सीमा पार से आतंकवाद का मुद्दा भी है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें खुशी है कि आतंकवाद को वित्तीय मदद रोके जाने के मुद्दे पर हम भारत के साथ मिलकर काम कर रहे हैं ।’’ फ्रांस के राजदूत ने कहा कि पाकिस्तान को वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) की कार्य योजना को लागू करना चाहिए । उन्होंने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र के घटनाक्रम पर फ्रांस नजर रखे हुए है। राजदूत ने कहा, ‘‘पिछले कुछ हफ्ते में हमने देखा है कि महामारी के बावजूद इस क्षेत्र में खासकर दक्षिण चीन सागर को लेकर तनाव नहीं घटा है । ’’
चीन की, सैन्य मौजूदगी में इजाफे के मद्देनजर अमेरिका ने, दक्षिण चीन सागर में अतिरिक्त बलों को भेजा है । उन्होंने कहा, ‘‘हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मौजूदा गतिविधियों पर हम भारत के साथ लगातार सूचनाएं साझा कर रहे हैं।’’ राजदूत ने कहा कि डेटा की सुरक्षा के मुद्दे पर फ्रांस भारत की मदद कर सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी संबंधित साइबर सुरक्षा एजेंसियां और हमारा तंत्र एक साथ काम कर रहा है । हमने 5जी की नीति पर चर्चा की है । हम निजी आंकड़ों की सुरक्षा के मुद्दे पर भी चर्चा कर सकते हैं, महामारी के समय ऐप के जरिए संपर्क का पता लगाने में इसका बड़ा महत्व है।’’