कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव टलने के बावजूद पार्टी में नेताओं की सक्रियता बढ़ी, प्रियंका गांधी समेत इन नामों पर है खूब चर्चा
By शीलेष शर्मा | Published: May 11, 2021 03:12 PM2021-05-11T15:12:24+5:302021-05-12T10:52:25+5:30
कोरोना संकट को देखते हुए कांग्रेस में फिलहाल अध्यक्ष पद का चुनाव टल गया है। हालांकि, पार्टी में कई गुट अपने-अपने पसंदीदा नामों पर चर्चा जारी रखे हुए हैं। अशोक गहलोत , सचिन पायलट, गुलाम नबी आजाद का नाम भी चर्चा में है।
कांग्रेस कार्यसमिति द्वारा पार्टी के नये अध्यक्ष और संगठनात्मक चुनावों को भले ही तीन महीने के लिए टाल दिया गया हो लेकिन कांग्रेस नेताओं का एक बड़ा गुट कार्यसमिति की बैठक के तुरंत बाद इस बात को लेकर सक्रिय हो गया है कि पार्टी का नया अध्यक्ष कौन हो। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार इन नेताओं की कोशिश है कि उत्तर भारत से पार्टी के किसी वरिष्ठ नेता को अब जिम्मेमदारी सौपने का समय आ गया है।
हालांकि राहुल गांधी समर्थक पार्टी का एक गुट अभी भी इस कोशिश में जुटा है कि पार्टी की कमान उन्हें ही सौंपी जाए। राहुल के निकट सूत्रों ने संकेत दिए कि राहुल गांधी नए अध्यक्ष के चुनाव में उतरने के लिए तैयार नहीं हैं। इस बार में वे पहले भी साफ कर चुके हैं।
फिलहाल जिन नामों की चर्चा चल रही है उनमें अशोक गहलोत , सचिन पायलट, सुशील कुमार शिंदे और गुलाम नबी आज़ाद के नाम भी शामिल हैं। बावजूद इसके दोनों गुटों के नेता चाहते हैं कि गांधी परिवार से ही कोई नाम निकले जिस पर सहमति के आधार पर अध्यक्ष का नाम तय हो सके।
प्रियंका गांधी के नाम की भी है चर्चा
समझा जाता है कि इन नेताओं का इशारा प्रियंका गांधी की ओर है लेकिन ये सब इस बात पर निर्भर करेगा कि वे खुद यह ज़िम्मेदारी लेने के लिए तैयार होती हैं या नहीं। पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता मसलन प्रमोद तिवारी, पी चिदंबरम, ग़ुलाम नबी आज़ाद, आनंद शर्मा चाहते हैं कि सोनिया गांधी ही पार्टी अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालती रहें लेकिन स्वास्थ कारणों से वे इसके लिए तैयार नहीं हैं।
कांग्रेस के अंदर शुरू हुई इस हलचल के साथ साथ समान विचारधारा वाले दलों में भी यह चर्चा शुरू हो गयी है कि राहुल के नेतृत्व में विपक्ष की एकता को मज़बूत नहीं किया जा सकता।
आरजेडी के सांसद मनोज झा का साफ़ मानना था कि पीएम नरेंद्र मोदी से लड़ने के लिए एक मज़बूत विपक्ष की ज़रुरत है और उसका नेतृत्व ऐसे हाथों में हो जो जिम्मेदारी और जवाबदेही के साथ अपनी भूमिका निभा सके।
कपिल सिब्बल-आनंद शर्मा का छलका दर्द
कांग्रेस के अंदर कपिल सिब्बल पार्टी के आंतरिक हालातों से काफी आहात हैं। उनका कहना है कि जिस पार्टी में पच्चीसियों वर्ष लगा दिए उसे मरता हुआ कैसे देख सकते हैं। अब समय आ गया है जब कड़े फैसले करने होंगे जिसके लिए हम आपसी संवाद कर रहे हैं।
आनंद शर्मा ने तो यहां तक कह डाला कि पार्टी को ऐसे नेतृत्व की ज़रुरत है जो सभी को साथ लेकर पारदर्शता के साथ फैसले ले और जवाबदेहि सुनिश्चित करे। इस बीच पार्टी नेता जो राहुल के नेतृत्व को लेकर संतुष्ट नहीं हैं वे भी सक्रिय होते जा रहे हैं।
उनकी मुश्किल हालांकि यह है कि नके सामने अभी तक कोई ऐसा चेहरा नहीं है जिसके नाम पर पार्टी में एक राय कायम हो सके। चूंकि प्रियंका सभी को साथ लेकर चलने की परम्परा महासचिव रहते हुए निभा रही हैं अतः दोनों गुट उनके नाम पर सहमति बनाने की कोशिश कर सकते हैं।