बिहार में औरंगाबाद जिले के सदर अस्पताल के उपाधीक्षक और स्वास्थ्य प्रबंधक ने दो मरीजों को फेंकवाया बाहर, इलाज के अभाव में हुई मौत, FIR दर्ज

By एस पी सिन्हा | Published: December 8, 2024 06:11 PM2024-12-08T18:11:12+5:302024-12-08T18:11:21+5:30

दरअसल, 12 नवंबर 2024 को सदर अस्पताल के पुरुष वार्ड में इलाजरत दो मरीजों को अस्पताल के डीएस द्वारा अपने एम्बुलेंस कर्मियों को यह आदेश दिया गया था कि शहर के बाहर किसी सुनसान जगह पर इन्हें पहुंचा दो और वापस लौट आओ।

Deputy Superintendent and Health Manager of Sadar Hospital of Aurangabad district in Bihar threw out two patients, they died due to lack of treatment, FIR registered | बिहार में औरंगाबाद जिले के सदर अस्पताल के उपाधीक्षक और स्वास्थ्य प्रबंधक ने दो मरीजों को फेंकवाया बाहर, इलाज के अभाव में हुई मौत, FIR दर्ज

बिहार में औरंगाबाद जिले के सदर अस्पताल के उपाधीक्षक और स्वास्थ्य प्रबंधक ने दो मरीजों को फेंकवाया बाहर, इलाज के अभाव में हुई मौत, FIR दर्ज

पटना: बिहार में स्वास्थ्य विभाग का अमानवीय चेहरा सामने आया है। इसमें औरंगाबाद जिले के सदर अस्पताल के उपाधीक्षक और स्वास्थ्य प्रबंधक के द्वारा 2 बीमार मरीजों को अस्पताल के बाहर फेंकवा दिए जाने का मामला सामने आया है। इस मामले में अस्पताल के उपाधीक्षक और स्वास्थ्य प्रबंधक समेत कुल 7 लोगों पर बारुण थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। दरअसल, 12 नवंबर 2024 को सदर अस्पताल के पुरुष वार्ड में इलाजरत दो मरीजों को अस्पताल के डीएस द्वारा अपने एम्बुलेंस कर्मियों को यह आदेश दिया गया था कि शहर के बाहर किसी सुनसान जगह पर इन्हें पहुंचा दो और वापस लौट आओ।

बताया जाता है कि कर्मियों ने ठीक वैसा ही किया और दोनों जिंदा मरीजों को झाड़ियों में फेंक दिया और उन्हें मरने के लिए छोड़कर वहां से भाग गए। जिसके बाद दोनों की मौत हो गई। मामले का खुलासा तब हुआ जब दो अज्ञात शव मिलने की सूचना पर बारुण थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और देखा कि दोनों मृतक सदर अस्पताल लिखे हुए चादर में लिपटे हुए हैं। तब पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई और सदर अस्पताल पहुंचकर इस मामले में वहां के वरीय अधिकारियों से पूछताछ शुरू की। दोनों शवों के पोस्टमार्टम के बाद जब पुलिस ने तकनीकी अनुसंधान शुरू किया तब परत दर परत पूरा मामला खुलता गया। 

सीसीटीवी के फुटेज खंगाले जाने के बाद उन एम्बुलेंस कर्मियों और स्ट्रेचर मैन से भी पुलिस ने पूछताछ की। इस दौरान पता चला कि बारुण थाना क्षेत्र के दो अलग अलग स्थानों पोखराहीं गांव और टेंगरा नहर के पास सुनसान इलाके में छोड़कर भाग गए थे। वहीं, पुलिस द्वारा पूछताछ के दौरान इसमें शामिल सभी कर्मियों ने भी इस अमानवीय घटना को कबूल करते हुए कहा कि ऐसा करने के लिये उन्हें उपाधीक्षक महोदय द्वारा कहा गया था। मामले को तूल पकड़ता जिलाधिकारी ने 3 सदस्यीय जांच टीम बनाकर पूरे मामले की जांच का निर्देश दिया। 

आदेश के बाद डीडीसी, एसीएमओ तथा जिला कल्याण पदाधिकारी के द्वारा जब पूरे मामले की बारीकी से जांच की गयी तब यह मामला और भी साफ हो गया। जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट डीएम तथा राज्य स्वास्थ्य समिति को सौंप दी। इसी जांच रिपोर्ट के आधार पर बारुण थाने में 7 लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। 

इस प्राथमिकी में अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ आशुतोष कुमार, स्वास्थ्य प्रबंधक हेमंत राजन, सुपरवाइजर शैलेश कुमार मिश्रा, एम्बुलेंस के एमईटी हरेंद्र, एम्बुलेंस ड्राइवर शिवशंकर दोनों स्ट्रेचरमैन सुरंजन तथा धर्मपाल के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता के तहत मुकदमा दर्ज कर उचित कार्रवाई किये जाने की मांग की गई है।

Web Title: Deputy Superintendent and Health Manager of Sadar Hospital of Aurangabad district in Bihar threw out two patients, they died due to lack of treatment, FIR registered

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