गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कैबिनेट से उपमुख्यमंत्री को हटाने को ठहराया उचित
By भाषा | Published: March 27, 2019 11:00 PM2019-03-27T23:00:07+5:302019-03-27T23:24:20+5:30
प्रमोद सावंत ने संवाददाताओं से कहा कि 17 मार्च को मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद उनके नेतृत्व में सरकार बनाने के समय गठबंधन सहयोगियों ने न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) तय किया था। राज्य विधानसभा के 2017 चुनावों में तीन विधानसभा सीटों पर जीत हासिल करने वाली एमजीपी भाजपा नीत सरकार में मुख्य सहयोगी थी।
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने बुधवार को दावा किया कि उन्हें उपमुख्यमंत्री और एमजीपी के विधायक सुदीन धावलिकर को मंत्रिमंडल से हटाना पड़ा क्योंकि वह गठबंधन सरकार के न्यूनतम साझा कार्यक्रम से जुड़े रहने में ‘‘विफल’’ रहे। उन्होंने इन बातों से इंकार किया कि भाजपा ने महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) में विभाजन करवाया जिसके दो विधायक बुधवार सुबह नाटकीय घटनाक्रम में भगवा दल में शामिल हो गए।
सावंत ने संवाददाताओं से कहा कि 17 मार्च को मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद उनके नेतृत्व में सरकार बनाने के समय गठबंधन सहयोगियों ने न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) तय किया था। राज्य विधानसभा के 2017 चुनावों में तीन विधानसभा सीटों पर जीत हासिल करने वाली एमजीपी भाजपा नीत सरकार में मुख्य सहयोगी थी।
46 वर्षीय मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘सीएमपी की एक शर्त थी कि कोई भी गठबंधन सहयोगी शिरोदा विधानसभा उपचुनाव में उम्मीदवार नहीं उतारेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन एमजीपी अध्यक्ष दीपक धावलीकर (सुदीन धावलीकर के भाई) ने शिरोदा विधानसभा क्षेत्र से अपना उम्मीदवार वापस लेने से इंकार कर दिया।’’ सावंत ने कहा, ‘‘अगर वह अपने हित पार्टी और राज्य सरकार से ऊपर रखते हैं तो हम उनका सहयोग नहीं कर सकते।’’