बिहार में डेंगू का कहर जारी, राज्य में अब तक डेंगू के 2813 पॉजिटिव मरीज
By एस पी सिन्हा | Published: October 22, 2019 07:41 PM2019-10-22T19:41:27+5:302019-10-22T19:41:27+5:30
डेंगू के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने 60 अस्पतालों में जांच की सुविधा प्रदान की है. इसमें 23 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 22 शहरी पीएचसी, चार अनुमंडलीय अस्पताल तथा एक जिला अस्पताल शामिल हैं. इसके अलावा पांच प्राइवेट अस्पतालों में भी जांच की सुविधा दी गई है तथा प्रत्येक दिन डेंगू के मरीजों की रिपोर्ट ली जा रही है.
बिहार में सरकार के लाख प्रयास के बावजूद भी डेंगू का डक थमने का नाम नही ले रहा है. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि राज्य में अब तक डेंगू के 2813 पॉजिटिव मरीज पाये गये हैं. इस बार डेंगू के डंक ने सबसे अधिक युवाओं को डसा है. जबकि बुजुर्ग कम शिकार हुए हैं. वहीं, महिलाओं की संख्या से दोगुने पुरूष बीमारी से पीड़ित हुए हैं.
उन्होंने बताया कि जांच में पाया गया कि जिन मरीजों की जांच की गयी है उसमें मुंबई, चेन्नई और बेंगलुरु से लौटे लोग भी शामिल हैं. राज्य में इस साल 299 चिकनगुनिया के मरीजों में पॉजिटिव पाया गया है. इधर राजधानी में जल जमाव से होनेवाली बीमारियों के नियंत्रण को लेकर छिड़काव किया जा रहा है. राजधानी में 12678 घरों में छिड़काव किया जा चुका है. डेंगू का प्रकोप नवंबर के मध्य तक रहने की आशंका है. प्रदेश के चार जिलों में डेंगू का प्रकोप अधिक है. वहीं, इंटीग्रेटेड सर्विलांस प्रोग्राम के विशेषज्ञों ने सर्वे में पाया है कि 21 से 30 आयुवर्ग के लोग सबसे अधिक डेंगू से पीड़ित हुए हैं. इसका मुख्य कारण युवाओं द्वारा शरीर को कपड़े से ढंक कर नहीं रखना है. इस आयु वर्ग के युवा कुल मरीजों के 32 प्रतिशत है. इसके बाद बच्चे पीड़ित हैं. वहीं, 11 से 20 आयुवर्ग के 28 प्रतिशत इस बीमारी की चेपेट में हैं. जबकि 31 से 48 आयुवर्ग के 15 प्रतिशत तथा 48 से 50 आयुवर्ग या उससे अधिक उम्र वाले 10 प्रतिशत लोग पीड़ित हुए हैं. इस तरह से कुल मरीजों में 69 प्रतिशत पुरूष तो 31 प्रतिशत महिलाएं हैं. सर्विलांस टीम के विशेषज्ञों का कहना है कि जिन लोगों ने फुल शर्ट और पैंट का इस्तेमाल किया है वे डेंगू से अब तक बचे हुए हैं. जिनका शरीर अधिक खुला रहा उन पर डेंगू का अटैक हुआ है.
इधर, डेंगू के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने 60 अस्पतालों में जांच की सुविधा प्रदान की है. इसमें 23 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 22 शहरी पीएचसी, चार अनुमंडलीय अस्पताल तथा एक जिला अस्पताल शामिल हैं. इसके अलावा पांच प्राइवेट अस्पतालों में भी जांच की सुविधा दी गई है तथा प्रत्येक दिन डेंगू के मरीजों की रिपोर्ट ली जा रही है. पांच मेडिकल कॉलेजों में भी डेंगू की जांच हो रही है. इनमें पीएमसीएच, एनएमसीएच, आरएमआरआई, आईजीआईएमएस और पटना एम्स शामिल हैं. सिविल सर्जन ने बताया कि शुरुआती दौर में डेंगू के मरीजों को जांच में परेशानी जरूर होती थी, लेकिन अब 60 अस्पतालों में जांच की सुविधा होने से परेशानी कम हुई है. इसबीच, जन अधिकार पार्टी के संरक्षक पप्पू यादव राजधानी पटना के मच्छर को भगाने के लिए फॉगिंग का जिम्मा उठाया है. इस मौके पर उन्होंने कहा कि जनाधिकार सेवा दल का गठन किया गया है. सेवा दल के द्वारा शहर के चारों किनारों पर मशीनें दी जा रही हैं. दो सप्ताह में 12 फॉगिंग मशीनें देंगे. यह मशीन मोहल्ले के लोगों को सुपुर्द की जायेगी. साथ ही उन्होंने नगर निगम और सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि नगर निगम को बंद कर देना चाहिए. सरकार से मांग की कि सारी सरकारी मशीनरी पप्पू यादव को दे दीजिए, दो सप्ताह में पटना को क्लीन कर देंगे.
प्राप्त जानकारी के जानकारी के अनुसार पटना में जलजमाव से घिरे लोगों तक राहत पहुंचाने के आद पप्पू यादव ने आज पटना के डेंगू प्रभावित इलाकों में फॉगिंग मशीन के जरिये मच्छर भगाने के काम में जुटे दिखे. उन्होंने आज निजी स्तर पर फॉगिंग मशीन मंगा कर इस सेवा की शुरुआत की. पप्पू यादव की ओर से चलायी जा रही यह फॉगिंग मशीन पटना के उन इलाकों में पहुंचेगी, जहां अब तक नगर निगम की ओर से फॉगिंग नहीं हो पाई है. पटना के मंदिरी इलाके में पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ताओं ने आज फॉगिंग सेवा की शुरुआत की है. राजधानी से मच्छर भगाने का जिम्मा उठाते हुए उन्होंने कहा कि फॉगिंग मशीन से विभिन्न इलाकों मे फॉगिंग करने के लिए जनाधिकार सेवा दल का गठन किया गया है. सेवा दल के द्वारा शहर के चारों छोर पर मशीन दी जा रही है. दो सप्ताह में 12 मशीनें देंगे. यह मशीनें मोहल्ले के लोगों को सुपुर्द की जायेगी