फरवरी के दूसरे हफ्ते में होगी राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने वाली याचिका पर सुनवाई- बोला सुप्रीम कोर्ट, जानें केंद्र सरकार को कब तक का मिला समय

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 12, 2023 01:26 PM2023-01-12T13:26:23+5:302023-01-12T13:39:54+5:30

इस याचिका पर बोलते हुए भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा था, “सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि जवाब 12 दिसंबर तक दाखिल किया जाएगा। लेकिन यह अभी तक दायर नहीं किया गया है। पहले, उन्होंने कहा था कि यह तैयार है।”

demand to declare Ram Setu national heritage Hearing 2nd week of February Supreme Court bjp Subramaniam Swamy filed PIL | फरवरी के दूसरे हफ्ते में होगी राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने वाली याचिका पर सुनवाई- बोला सुप्रीम कोर्ट, जानें केंद्र सरकार को कब तक का मिला समय

फोटो सोर्स: ANI फाइल फोटो

Highlightsराम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की मांग की याचिका को लेकर एक खबर सामने आई है। इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट ने इस पर फरवरी के दूसरे हफ्ते में सुनवाई की बात कही है। यही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए केंद्र सरकार को फरवरी पहले हफ्ते तक का समय दिया है।

नई दिल्ली: गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने को लेकर याचिका पर वह सुनवाई अगले महीने फरवरी में करेगी। कोर्ट ने कहा है कि वह इसकी सुनवाई फरवरी के दूसरे हफ्ते में करेगी। 

ऐसे इस मामले में तत्काल सुनवाई पर बोलते हुए शर्ष अदालत ने कहा है कि वह फिलहाल इसकी तुरन्त सुनवाई नहीं कर सकता है। कोर्ट के अनुसार, अदालत में अभी संविधान पीठ की सुनवाई चल रही है, ऐसे में फिलहाल इस पर सुनवाई नहीं हो सकती है। आपको बता दें कि भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ये याचिका दाखिल की थी जिसमें राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने के लिए कोर्ट से मांग की गई थी। 

इस मामले में प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा की पीठ ने कहा है कि इस मामले की आज सुनवाई होने की संभावना नहीं है क्योंकि संविधान पीठ की सुनवाई चल रही है। 

भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने क्या कहा था

मामले में स्वामी ने कहा कि सॉलिसिटर जनरल ने जवाब दाखिल करने का वादा किया था और कैबिनेट सचिव को अदालत में तलब किया जाना चाहिए। स्वामी ने कहा, “सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि जवाब 12 दिसंबर तक दाखिल किया जाएगा। लेकिन यह अभी तक दायर नहीं किया गया है। पहले, उन्होंने कहा था कि यह तैयार है।” 

इस पर बोलते हुए मेहता ने कहा कि मामला विचाराधीन है और विचार-विमर्श चल रहा है। उन्होंने अदालत से मामले को फरवरी के पहले सप्ताह तक स्थगित करने का आग्रह किया है। आपको बता दें कि राम सेतु, तमिलनाडु के दक्षिण-पूर्वी तट से पंबन द्वीप और श्रीलंका के उत्तर-पश्चिमी तट से दूर मन्नार द्वीप के बीच चूने के पत्थरों की एक श्रृंखला है। इसे आदम का पुल भी कहा जाता है। 

मुकदमे का पहला दौर वे जीत चुके है- सुब्रमण्यम स्वामी

भाजपा नेता ने कहा था कि वह मुकदमे का पहला दौर जीत चुके हैं जिसमें केंद्र ने राम सेतु के अस्तित्व को स्वीकार किया था। उन्होंने कहा कि संबंधित केंद्रीय मंत्री ने उनकी मांग पर विचार करने के लिए 2017 में बैठक बुलाई थी लेकिन बाद में कुछ नहीं हुआ। 

क्या है पूरा मामला

बता दें कि भाजपा नेता ने पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के पहले कार्यकाल में शुरू की गई विवादास्पद सेतुसमुद्रम पोत मार्ग परियोजना के खिलाफ अपनी जनहित याचिका में रामसेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने का मुद्दा उठाया था। 

मामला शीर्ष अदालत में पहुंचा, जिसने 2007 में रामसेतु पर परियोजना के लिए काम रोक दिया। तब केंद्र ने कहा था कि उसने परियोजना के ‘‘सामाजिक-आर्थिक नुकसान’’ पर विचार किया और वह राम सेतु को क्षति पहुंचाए बिना पोत मार्ग परियोजना का दूसरा मार्ग खोजना चाहती है। अदालत ने तब सरकार को नया हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था। 

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