कोरोना वैक्सीन लेने के बाद संक्रमित होने वाले 86 फीसद लोगों में मिला डेल्टा वेरिएंट, आईसीएमआर के शोध में खुलासा
By अभिषेक पारीक | Published: July 16, 2021 02:56 PM2021-07-16T14:56:41+5:302021-07-16T15:03:11+5:30
कोविड-19 महामारी को लेकर भारत में संक्रमण के मामले काफी कम हो गए हैं, बावजूद इसके अभी भी तीसरी लहर की आशंका से लोग डरे हुए हैं। ऐसे में आईसीएमआर के एक शोध सामने आया है।
कोविड-19 महामारी को लेकर भारत में संक्रमण के मामले काफी कम हो गए हैं, बावजूद इसके अभी भी तीसरी लहर की आशंका से लोग डरे हुए हैं। ऐसे में आईसीएमआर के एक शोध सामने आया है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, शोध में बताया गया है कि कोरोना की वैक्सीन लगवाने के बाद भी जो लोग संक्रमित हुए, उनमें से ज्यादातर लोग कोविड के डेल्टा वेरिएंट के चलते संक्रमित हुए थे।
शोध में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जिनमें से एक खुलासा ये है कि जिन लोगों ने कोरोना की वैक्सीन लगवाई उनमें मृत्युदर बहुत कम थी। यह अध्ययन 677 लोगां में किया गया। वैक्सीन लगवा चुके 677 लोगों में से 71 लोगों ने कोवैक्सीन और 604 ने कोविशील्ड कीवैक्सीन ली थी। वहीं दो ऐसे थे, जिन्होंने चीन की सिनोफार्म वैक्सीन ली थी। सामने आया है कि इन लोगों में से तीन की मौत हो गई।
86 फीसद डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित
इसमें ऐसे लोगों को शामिल किया गया जिन्होंने संक्रमित होने से पूर्व कोरोना वैक्सीन की एक या दोनों खुराक ली है। शोध के मुताबिक, कोरोना संक्रमित लोगों में से 86.09 फीसद डेल्टा वेरिएंट के बी.1.617.2 से संक्रमित हुए थे। संक्रमितों में से 9.8 फीसद लोगों को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ी, वहीं महज 0.4 फीसद लोगों की ही मौत हुई। अध्ययन का सुझाव है कि जिन लोगों ने वैक्सीन ली है उनके अस्पताल में भर्ती होने और मौत का खतरा काफी कम हो जाता है।
बुखार है सबसे आम लक्षण
देश के विभिन्न भागों में आरटीपीसीआर परीक्षणों में कुछ 677 लोग संक्रमित पाए गए थे। देश के 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से सैंपल लिए गए थे। इनमें से 482 मामले यानी 71 फीसद में एक या एक से अधिक लक्षण पाए गए थे, वहीं 29 फीसद मामलों में एक भी लक्षण नहीं पाया गया। शोध में सामने आया कि बुखार सबसे आम लक्षण हैं। 69 फीसद लोगों ने बुखार की शिकायत की। वहीं इसके बाद शरीर और सिर में दर्द और मतली आना (56 फीसद), खांसी (45 फीसद), गले में खराश (37 फीसद), गंध और स्वाद की हानि (22 फीसद) थे। 71 (10.5 फीसद) कोवाक्सिन का टीका लगाया, वहीं 604 (89.2 फीसद) को कोविशील्ड का टीका लगाया गया था। वहीं 2 (0.3 फीसद) को सिनोफार्म का टीका प्राप्त हुआ था।