दिल्ली दंगे: अदालत ने खजूरी खास एफआईआर में उमर खालिद, खालिद सैफी को किया आरोप मुक्त

By रुस्तम राणा | Published: December 3, 2022 04:55 PM2022-12-03T16:55:21+5:302022-12-03T17:05:35+5:30

दिल्ली पुलिस ने खालिद की अंतरिम जमानत याचिका का कड़ा विरोध किया था। दिल्ली पुलिस ने दलील में कहा था कि उनकी रिहाई की चेतावनी से "समाज में अशांति" पैदा होगी।

Delhi's Karkardooma Court discharges Umar Khalid and Khalid Saifi in a riot-related case in February 2020 | दिल्ली दंगे: अदालत ने खजूरी खास एफआईआर में उमर खालिद, खालिद सैफी को किया आरोप मुक्त

दिल्ली दंगे: अदालत ने खजूरी खास एफआईआर में उमर खालिद, खालिद सैफी को किया आरोप मुक्त

Highlightsकड़कड़डूमा कोर्ट ने फरवरी 2020 में हुए दिल्ली दंगों से जुड़े मामले में खालिद और सैफी को आरोप मुक्त कियाइस मामले में आरोपमुक्त होने के बावजूद, दोनों सीएए विरोधी कार्यकर्ता जेल में ही रहेंगेउन्हें दिल्ली दंगों के बड़े षड्यंत्र मामले में प्राथमिकी 59/2020 में अब तक जमानत नहीं मिली है

नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को छात्र कार्यकर्ता उमर खालिद और यूनाइटेड अगेंस्ट हेट के सदस्य खालिद सैफी को फरवरी 2020 में हुए दिल्ली दंगों से जुड़े एक मामले में आरोप मुक्त कर दिया है। दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट के अपर सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने थाना खजूरी खास में दर्ज प्राथमिकी 101/2020 में आज आदेश सुनाया, जिसमें उमर खालिद और खालिद सैफी को मामले में बरी कर दिया है। दोनों को इस मामले में पहले ही बेल मिल गई थी, हालांकि यूएपीए केस में दोनों न्यायिक हिरासत में थे। 

इस मामले में आरोपमुक्त होने के बावजूद, दोनों सीएए विरोधी कार्यकर्ता जेल में ही रहेंगे क्योंकि उन्हें दिल्ली दंगों के बड़े षड्यंत्र मामले में प्राथमिकी 59/2020 में अब तक जमानत नहीं मिली है। उनके खिलाफ दंगा और आपराधिक साजिश के अन्य आरोपों के साथ-साथ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) भी लगाया गया है।

हालांकि खालिद ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत के समक्ष अपनी बहन की शादी के लिए दो सप्ताह की अंतरिम जमानत के लिए अर्जी दायर की है। दिल्ली पुलिस ने खालिद की अंतरिम जमानत याचिका का कड़ा विरोध किया। दिल्ली पुलिस ने दलील में कहा था कि उनकी रिहाई की चेतावनी से "समाज में अशांति" पैदा होगी। दिल्ली पुलिस ने कहा, चूंकि खालिद की मां एक बुटीक चला रही थीं और उनके पिता 'वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया' नामक एक राजनीतिक दल के प्रमुख थे, वे शादी की व्यवस्था करने में सक्षम हैं। 

दिल्ली पुलिस ने कहा, आवेदक की रिहाई का और भी विरोध किया जाता है क्योंकि वह अपनी अंतरिम जमानत अवधि के दौरान सोशल मीडिया के उपयोग से गलत सूचना फैलाने की बहुत संभावना रखता है जिसे रोका नहीं जा सकता है और इससे समाज में अशांति पैदा होने की संभावना है और वह गवाहों को भी प्रभावित कर सकता है।

बता दें कि खालिद पर फरवरी 2020 के दंगों में कथित रूप से मास्टरमाइंड करने के लिए आतंकवाद विरोधी कानून गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था। दंगे में 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक घायल हो गए थे। सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान व्यापक हिंसा भड़क गई थी। इस मामले में खालिद को दिल्ली पुलिस ने सितंबर 2020 में दंगों के मामले में गिरफ्तार किया था। 

Web Title: Delhi's Karkardooma Court discharges Umar Khalid and Khalid Saifi in a riot-related case in February 2020

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