दिल्ली हिंसाः अब तक 24 की मौत, अधिकारी ने कहा- मारे गए लोगों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 26, 2020 08:51 PM2020-02-26T20:51:49+5:302020-02-26T20:51:49+5:30
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली हिंसा में हिंदू और मुसलमान दोनों का नुकसान हुआ है, हेड कांस्टेबल रतन लाल के परिवार को 1 करोड़ देने का ऐलान किया। हिंसा प्रभावित उत्तर पूर्वी दिल्ली के इलाकों में हालात का जायजा लेने पहुंचे सीएम अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की।
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दिल्ली हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये और गंभीर रूप से घायल लोगों को पचास-पचास हजार रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।
इस बीच सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली हिंसा में हिंदू और मुसलमान दोनों का नुकसान हुआ है, हेड कांस्टेबल रतन लाल के परिवार को 1 करोड़ देने का ऐलान किया। हिंसा प्रभावित उत्तर पूर्वी दिल्ली के इलाकों में हालात का जायजा लेने पहुंचे सीएम अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की। इस बीच कांग्रेस के नेता कल यानी गुरुवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे।
एलएनजेपी अस्पताल में बुधवार को दो लोगों की मौत के साथ उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। एलएनजेपी अस्पताल में मौत के ये पहले मामले हैं जो उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा से जुड़े हैं।
इस अस्पताल में सोमवार शाम से ऐसे कई लोग पहुंचे हैं जो हिंसा में घायल हुए हैं। अस्पताल के अधीक्षक किशोर सिंह ने कहा, ‘‘(मौत के दो मामलों में से) एक व्यक्ति को मृत अवस्था में लाया गया, जबकि एक अन्य की उपचार के दौरान मौत हो गई।’’ इससे पहले, मृतकों की संख्या 22 थी और इन सभी लोगों की मौत जीटीबी अस्पताल में दर्ज की गई।
हरियाणा पुलिस सतर्कता बरत रही है
उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा के मद्देनजर हरियाणा पुलिस सतर्कता बरत रही है और इस सबंध में सभी आयुक्तों और जिला अधीक्षकों को परामर्श जारी किया गया है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) नवदीप सिंह विर्क ने बुधवार को बताया कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से एहतियात के रूप में अधिकतम सुरक्षा कर्मी तैनात रखने के लिए कहा गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘ पुलिस बल को विशेष सतर्कता बरतने और अपने क्षेत्र में कहीं भी हो रही हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए सभी कदम उठाने का निर्देश दिया गया है।’’ विर्क ने कहा कि दिल्ली के घटनाक्रम को देखते हुए फरीदाबाद, गुड़गांव, सोनीपत, नूह जिलों में खासतौर पर कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी तरह की एहतियात बरतने और संसाधनों को जुटाकर रखने के निर्देश दिए हैं। पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी से लगती राज्य के सीमा क्षेत्रों के साथ ही पूरे राज्य में गश्त और सतर्कता बढ़ा दी है।
सीताराम येचुरी, अखिलेश यादव, शरद यादव, डी राजा समेत विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रीय राजधानी के उत्तर-पूर्वी हिस्से में हुई हिंसा पर चर्चा करने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की खातिर समय मांगा है। माकपा महासचिव येचुरी ने नेताओं के एक समूह के साथ बैठक करने के लिए राष्ट्रपति कोविंद से समय की मांग की है।
Delhi CM Arvind Kejriwal and Deputy CM Manish Sisodia are visiting sensitive areas in #NortheastDelhi and interacting with the local residents there, to take stock of the situation of the area. pic.twitter.com/khsoWN9pLh
— ANI (@ANI) February 26, 2020
पत्र में कहा गया है, ‘‘ मैं देश की राजधानी में व्याप्त बेहद खराब हालात पर भारतीय संसद में विभिन्न पार्टियों का प्रतिनिधित्व करने वाले नेताओं के साथ चर्चा के लिये मुलाकात का समय मांगने की खातिर आपको पत्र लिख रहा हूं।’’ पत्र में कहा गया है, ‘‘ मैं भाकपा के नेता डी राजा, लोकतांत्रिक जनता दल के अध्यक्ष शरद यादव, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और द्रमुक, राकांपा और अन्य पार्टियों के नेताओं के साथ बैठक करने के लिए आपसे जल्द समय देने का आग्रह करता हूं, और हम चाहते हैं कि यह तारीख 28 फरवरी हो।’’ उत्तर पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा में कम से कम 22 लोगों की मौत हो चुकी है।
उत्तरपूर्वी दिल्ली के केंद्रों पर बोर्ड परीक्षाएं कराने पर शाम पांच बजे तक फैसला ले सीबीएसई : अदालत
राष्ट्रीय राजधानी के हिंसाग्रस्त उत्तर पूर्वी दिल्ली की बिगड़ती स्थिति का संज्ञान लेते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि उसे संदेह है कि वहां बोर्ड परीक्षाएं हो पाएंगी और उसने सीबीएसई को प्रभावित परीक्षा केंद्रों पर बोर्ड परीक्षाओं का कार्यक्रम बदलने या प्रभावित केंद्र बदल देने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति राजीव शकधर ने कहा कि अभिभावक अपने बच्चों को परीक्षा के लिए उस क्षेत्र में नहीं भेजना चाहेंगे क्योंकि उत्तर पूर्वी दिल्ली में मंगलवार से स्थिति बिगड़ गयी है और मृतकों की संख्या बढ़ गयी है । न्यायमूर्ति शकधर ने कहा, ‘‘ क्या आप कल या परसों परीक्षा आयोजित करा सकते हैं? मुझे बहुत संदेह है। कल और परसों की परीक्षाएं आपको स्थगित करनी होगी। अभिभावक अपने बच्चों को वहां नहीं भेजेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरी राय में स्थिति बिगड़ रही है। कल से स्थिति बिगड़ी ही है। मृतकों की संख्या बढ़ी है। आप निर्णय लेने के लिए हर दिन के आखिर तक का इंतजार क्यों कर रहे हैं?’’
अदालत ने कहा कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) को 27,28 और 29 फरवरी को होने वाली कक्षा दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं स्थगित करने या उनके केंद्र बदलने के बारे में शाम तक तत्काल निर्णय लेने की जरूरत है । न्यायाधीश ने कहा कि सीबीएसई को निर्णय लेने के लिए पुलिस या मंत्रालय से सूचना मिलने का इंतजार नहीं करना चाहिए। अदालत ने सीबीएसई से कहा कि टाली गई परीक्षाओं का कार्यक्रम फिर से तय करते हुए 12वीं कक्षा के छात्रों की प्रवेश परीक्षाओं को ध्यान में रखा जाए। न्यायमूर्ति शकधर ने कहा, ‘‘उत्तरपूर्वी दिल्ली के केंद्रों पर 27, 28 और 29 फरवरी को होने वाली बोर्ड परीक्षाओं पर फैसला शाम पांच बजे तक लें और शाम छह बजे तक जनता को सूचित करें।’’
अदालत ने कहा कि अगले दिन होने वाली परीक्षा को स्थगित करने के मुद्दे पर रोज मामले की सुनवाई नहीं की जा सकती है। न्यायमूर्ति शकधर ने कहा, ‘‘मैं इस विषय को आगे बढते नहीं रहने दे सकता। हर रोज इस पर सुनवाई नहीं कर सकता।’’ न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 28 फरवरी तय की। अदालत के ये निर्देश तब आए हैं जब सीबीएसई ने बुधवार को कहा कि हिंसाग्रस्त उत्तरपूर्वी दिल्ली के 86 स्कूलों में परीक्षाएं टाल दी गई है। सीबीएसई ने यह भी कहा कि बृहस्पतिवार की परीक्षा के बारे में शाम तक निर्णय लिया जाएगा। उच्च न्यायालय ने कहा कि 10वीं और 12वीं कक्षा के जिन छात्रों के बोर्ड परीक्षा केंद्र हिंसा से प्रभावित उत्तर पूर्वी दिल्ली में हैं उन्हें अगले 10-15 दिनों के लिए परीक्षाओं के कार्यक्रम के बारे में एक बार में बताया जाए, न कि दैनिक आधार पर।
अदालत ने कहा कि उत्तरपूर्वी दिल्ली में हालात खराब हो रहे हैं तथा वहां और मौतें हुई हैं, इसलिए सीबीएसई को अगले 10-15 दिनों के लिए कोई फैसला लेने की जरूरत है। उत्तरपूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर पिछले तीन दिनों में हुई साम्प्रदायिक हिंसा में कम से कम 22 लोगों की मौत हो गई है और लगभग 200 लोग घायल हैं। अदालत पूर्वी दिल्ली में निजी स्कूल भाई परमानंद विद्या मंदिर और उसकी 10वीं तथा 12वीं के कुछ छात्रों की याचिका पर सुनवाई कर रही है। छात्रों ने कहा कि सीबीएसई द्वारा उन्हें आवंटित किए गए केंद्र उनके स्कूल से 16 किलोमीटर दूर और हिंसाग्रस्त इलाकों में से एक चंदू नगर-करावल नगर रोड पर है।
उन्होंने कहा कि इलाके में हिंसक झड़पों और दंगों के कारण उनका परीक्षा केंद्र तक पहुंचना मुश्किल है। उन्होंने अदालत से सीबीएसई को न्यू संध्या पब्लिक स्कूल से उनका परीक्षा केंद्र बदलकर पूर्वी दिल्ली जिले में करने का निर्देश देने का अनुरोध किया जहां पर्याप्त सुविधाएं और सुरक्षा के इंतजाम हों। अदालत ने मामले पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को कहा था कि बच्चों की सुरक्षा को खतरे में नहीं डाला जा सकता और सीबीएसई उत्तर पूर्वी दिल्ली के एक परीक्षा केंद्र पर बुधवार को होने वाली बोर्ड परीक्षा का कार्यक्रम बदलने पर फैसला जल्द से जल्द करे। अदालत ने कहा था कि प्रथम दृष्टया उसकी राय है कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से मिली जानकारी के मद्देनजर चंदू नगर केंद्र पर परीक्षा नहीं कराई जा सकती।
उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल ने न्यायाधीश को बताया कि संबंधित क्षेत्र के पुलिस अधिकारियों की सूचना के अनुसार, हालात तनावपूर्ण हैं। अदालत ने कहा था कि वह बच्चों की सुरक्षा के पहलू से जुड़े मुद्दे पर विचार कर रही है जिसे खतरे में नहीं डाला जा सकता।
वकील कमल गुप्ता के जरिए दायर की गई याचिका में कहा गया है, ‘‘हिंसक झड़पों और दंगों ने छात्रों तथा उनके माता-पिता के जीवन पर गंभीर खतरा पैदा किया है। परीक्षा केंद्र तक पहुंचना छात्रों तथा उनके माता-पिता के लिए न केवल मानसिक परेशानी, आघात तथा तनावपूर्ण है बल्कि जान पर गंभीर और सीधा खतरा है।’’ याचिका में कहा गया है कि जब स्कूल को उसे आवंटित किए गए परीक्षा केंद्र के बारे में मालूम हुआ तो उन्होंने सीबीएसई को पत्र लिखकर ध्यान दिलाया कि परीक्षा केंद्र स्कूल से 16 किलोमीटर दूर है और वहां पहुंचने में 40 मिनट से अधिक का वक्त लगता है।