दिल्ली हिंसा: लोगों को अपनों को खोने का गम, शवगृह के बाहर इंतजार में रिश्तेदार

By भाषा | Published: February 27, 2020 08:34 PM2020-02-27T20:34:35+5:302020-02-27T20:34:35+5:30

हिंसा भड़कने के बाद से लापता चल रहे लोगों के परिजन अस्पताल अधिकारियों से यह पता करने को कह रहे हैं कि कहीं शवों में उनके अपनों का शव तो नहीं है या कहीं अस्पताल में उनका इलाज तो नहीं चल रहा है। जीटीबी अस्पताल के शवगृह के बाहर इंतजार कर रहे 35 वर्षीय मुदस्सिर खान के रिश्तेदारों ने कहा कि वे अब तक सदमे से उबर नहीं पाए हैं।

Delhi Violence: People feel sorry for losing their loved ones, relatives waiting outside the mortuary | दिल्ली हिंसा: लोगों को अपनों को खोने का गम, शवगृह के बाहर इंतजार में रिश्तेदार

उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि शव जल्द मिल जाएगा। हमलोग आज ही अंतिम संस्कार करेंगे।’’

Highlights प्रभारी जांच अधिकारी ने कहा कि फाइलें तैयार हैं और पोस्टमॉर्टम किये जाएंगे।आज हम सुबह आठ बजे से ही प्रतीक्षा कर रहे हैं और पोस्टमॉर्टम चल रहा है।

उत्तर पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में हिंसा में जहां लोगों को अपनों को खोने का गम साल रहा है, वहीं उनके शवों को लेने के लिए उनके रिश्तेदारों को जीटीबी अस्पताल के शवगृह के बाहर लंबा इंतजार करना पड़ रहा है क्योंकि शव सौंपे जाने से पहले उनका पोस्टमार्टम होना है।

हिंसा भड़कने के बाद से लापता चल रहे लोगों के परिजन अस्पताल अधिकारियों से यह पता करने को कह रहे हैं कि कहीं शवों में उनके अपनों का शव तो नहीं है या कहीं अस्पताल में उनका इलाज तो नहीं चल रहा है। जीटीबी अस्पताल के शवगृह के बाहर इंतजार कर रहे 35 वर्षीय मुदस्सिर खान के रिश्तेदारों ने कहा कि वे अब तक सदमे से उबर नहीं पाए हैं।

उनके भतीजे अरबाज खान ने कहा, ‘‘हम यहां पिछले दो दिन से आ रहे हैं। कल प्रभारी जांच अधिकारी ने कहा कि फाइलें तैयार हैं और पोस्टमॉर्टम किये जाएंगे। आज हम सुबह आठ बजे से ही प्रतीक्षा कर रहे हैं और पोस्टमॉर्टम चल रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि शव जल्द मिल जाएगा। हमलोग आज ही अंतिम संस्कार करेंगे।’’

अपने क्षेत्र मुस्तफाबाद में हालात के बारे में अरबाज ने कहा कि हालात सामान्य हो रहे हैं लेकिन लोगों में अब भी डर कायम है। उसने कहा, ‘‘कोई चैन से नहीं सो पा रहा है। अब भी डर बना हुआ है। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं, हर व्यक्ति घरों के अंदर ही रहना मुनासिब समझ रहा है। यहां तक कि हमलोग भी यात्रा के लिए अपने वाहनों का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं।

इन तीन दिनों में जो भी हुआ उससे हमलोग सदमे में हैं।’’ करदमपुरी में सोमवार को मुदस्सिर जब अपने घर के बाहर थे तभी भीड़ ने उनपर हमला कर दिया। उनके परिवार ने कहा कि मुदस्सिर के सिर में गोली लगी थी और जीटीबी अस्पताल में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। दंगा प्रभावित पीड़ितों के कई रिश्तेदार और दोस्त अपनों की खबर के लिए बेसब्री से अस्पताल के बाहर इंतजार कर रहे हैं। 

Web Title: Delhi Violence: People feel sorry for losing their loved ones, relatives waiting outside the mortuary

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