दिल्ली हिंसा: NSA अजीत डोभाल ने कर्फ्यू के बीच प्रभावित इलाकों का लिया जायजा, अधिकारियों संग की बैठक
By स्वाति सिंह | Published: February 26, 2020 06:16 AM2020-02-26T06:16:06+5:302020-02-26T06:16:06+5:30
डोभाल रात करीब साढ़े 11 बजे सीलमपुर स्थित उत्तर पूर्वी दिल्ली के डीसीपी दफ्तर पहुंचे। यहां बैठककर उन्होंने शहर में सुरक्षा की स्थिति की समीक्षा की।
बीते तीन दिनों में उत्तर पूर्वी दिल्ली के इलाके में हो रही हिंसा में एक हेड कॉन्स्टेबल समेत अबतक 13 लोगों की मौत हुई है। ऐसी स्थिति देखते हुए मंगलवार रात पुलिस को अब दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दे दिए गए हैं। वहीं, हालात का जायजा लेने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल मंगलवार देर रात हिंसा प्रभावित इलाकों में पहुंचे। उन्होंने गाड़ी में बैठकर सीलमपुर, भजनपुरा, मौजपुर, यमुना विहार जैसे हिंसा प्रभावित इलाकों की स्थिति का जायजा लिया।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, डोभाल रात करीब साढ़े 11 बजे सीलमपुर स्थित उत्तर पूर्वी दिल्ली के डीसीपी दफ्तर पहुंचे। यहां बैठककर उन्होंने शहर में सुरक्षा की स्थिति की समीक्षा की। लगभग एक घंटे तक चली इस मीटिंग में डीसीपी नॉर्थ-ईस्ट, स्पेशल पुलिस कमिश्नर (लॉ ऐंड ऑर्डर) एस। एन। श्रीवास्तव और दूसरे वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
उत्तरपूर्वी दिल्ली में मंगलवार को नए सिरे से हिंसा भड़क गई जिसमें मृतक संख्या बढ़कर 13 हो गई है। पुलिस भीड़ पर काबू पाने की जद्दोजेहद में लगी रही जो गलियों में घूम रही थी। भीड़ में शामिल लोग दुकानों को आग लगा रहे थे, पथराव कर रहे थे और वे स्थानीय लोगों के साथ मारपीट कर रहे थे। राष्ट्रीय राजधानी के उत्तरपूर्वी इलाके में तनाव के दूसरे दिन हिंसा चांदबाग और भजनपुरा सहित कई क्षेत्रों में फैल गई।
National Security Advisor (NSA) Ajit Doval reviews the security situation in North-East Delhi. #DelhiViolencehttps://t.co/Nm146mT9dapic.twitter.com/Tdlo4WKESi
— ANI (@ANI) February 25, 2020
इस दौरान पथराव किया गया, दुकानों को आग लगायी गयी। दंगाइयों ने गोकलपुरी में दो दमकल वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। भीड़ भड़काऊ नारे लगा रही थी और मौजपुर और अन्य स्थानों पर अपने रास्ते में आने वाले फल की गाड़ियों, रिक्शा और अन्य चीजों को आग लगा दी। पुलिस ने दंगाइयों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। इन दंगाइयों ने अपने हाथों में हथियार, पत्थर, रॉड और तलवारें भी ली हुई थीं।
कई ने हेलमेट पहन रखे थे। पुलिस को अर्धसैनिक कर्मी सहयोग कर रहे थे। सड़कों पर क्षतिग्रस्त वाहन, ईंट और जले हुए टायर पड़े थे जो सोमवार को हुई हिंसा की गवाही दे रहे थे जिसमें 48 पुलिसकर्मियों सहित लगभग 200 लोग घायल हो गए थे। जीटीबी अस्पताल के अनुसार मंगलवार को मृतक संख्या 13 हो गई।
हिंसा जारी रहने के बीच पुलिस अधिकारियों ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और भजनपुरा, खजूरी खास और अन्य स्थानों पर फ्लैग मार्च किए गए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्थिति को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली पुलिस प्रमुख अमूल्य पटनायक और अन्य के साथ बैठक की। बैठक में यह तय हुआ कि राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं को शांति बहाली के लिए हाथ मिलाना चाहिए और सभी क्षेत्रों में शांति कमेटियों को फिर से सक्रिय किया जाना चाहिए।