दिल्ली हिंसा: नरेंद्र मोदी सरकार ने कपिल मिश्रा पर हाई कोर्ट में कहा- भड़काऊ बयान पर अभी एक्शन का माहौल नहीं
By अनुराग आनंद | Published: February 27, 2020 03:01 PM2020-02-27T15:01:00+5:302020-02-27T15:08:07+5:30
नरेंद्र मोदी सरकार व दिल्ली पुलिस की तरफ से दिल्ली हाई कोर्ट में वकील सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता ने चुनिंदा सिर्फ तीन वीडियो का हवाला दिया है।
दिल्ली हिंसा के मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इस मामले में नरेंद्र मोदी सरकार व दिल्ली पुलिस की तरफ से कोर्ट में वकील सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अपनी बात रखी। पूरी बात सुनने के बाद हाई कोर्ट ने दिल्ली हिंसा और हेट स्पीच मामला में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को जवाब देने के लिए चार हफ्ते का समय दिया है।
Delhi violence case: Delhi High Court asks Centre to file a response in the case and lists the matter for April 13 pic.twitter.com/Lg5v2ap5Mz
— ANI (@ANI) February 27, 2020
दरअसल, कोर्ट ने दिल्ली पुलिस व गृह मंत्रालय से भड़काऊ बयान देने वालों पर कार्रवाई करने के बारे में पूछा था। इसके जवाब में तुषार मेहता ने कहा कि हमारे पास जहरीले बयान देने वाले नेताओं के सारे वीडियो हैं। लेकिन, इन नेताओं पर एक्शन लेने के लिए यह समय सही नहीं है।
इसके अलावा, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमारे पास इन तीन हेट स्पीच के अलावा कई और हेट स्पीच है, जिसको लेकर शिकायत दर्ज कराई गई। याचिकाकर्ता ने चुनिंदा सिर्फ तीन वीडियो का हवाला दिया है। एक जनहित याचिका में ऐसा नहीं होता। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम हिंसा को नियंत्रित करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
कोर्ट ने पिछले तीन माह में दिए गए भड़काऊ बयान पर सवाल किया था-
दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट ने पिछले तीन माह में दिए गए भड़काऊ बयान पर सवाल किया था। इसके जवाब में तुषार मेहता ने कहा कि मौजूदा माहौल इस बात के लिए उपयुक्त नहीं है कि हम चुनिंदा तरीके से उन्हीं तीन वीडियो ( बीजेपी नेताओं कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा की स्पीच) को देखे। हमारे पास और भी ऑडियो और वीडियो क्लिप्स है। अथॉरिटी वीडियो को देख रही है। इसके बाद सही वक्त पर पुलिस कार्रवाई करेगी।
दिल्ली हिंसा को लेकर सुनवाई करने वाले हाईकोर्ट के जस्टिस एस. मुरलीधर का आधी रात तबादला
दिल्ली हिंसा को लेकर सुनवाई करने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस एस. मुरलीधर का आधी रात तबादला कर दिया गया। उनके तबादले पर विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर हो गया है। राहुल गांधी ने जज के तबादले पर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए जस्टिस लोया को याद किया है। जस्टिस मुरलीधर का पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में तबादला किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम 12 फरवरी को ही जस्टिस मुरलीधर के तबादले की सिफारिश की थी।
राहुल गांधी ने किया ट्वीट
Remembering the brave Judge Loya, who wasn’t transferred.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) https://twitter.com/RahulGandhi/status/1232878634165137410?ref_src=twsr…">February 27, 2020
Remembering the brave Judge Loya, who wasn’t transferred.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) https://twitter.com/RahulGandhi/status/1232878634165137410?ref_src=twsr…">February 27, 2020जस्टिस मुरलीधर के तबादले पर राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'बहादुर जज लोया को याद कर रहा हूं, जिनका तबादला नहीं हुआ था।' वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी जस्टिस मुरलीधर के तबादले पर सवाल खड़े किए और कहा कि आधी रात में जस्टिस मुरलीधर का तबादला हैरान करने वाला है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार न्याय का मुंह बंद करना चाहती है। प्रियंका ने कहा, 'मौजूदा हालात को देखते हुए न्यायमूर्ति मुरलीधर का आधी रात तबादला न केवल चौंकाने वाला है, बल्कि यह बहुत ही दुखद और शर्मनाक है। लाखों भारतीयों को एक न्यायप्रिय और ईमानदार न्यायपालिका में विश्वास है। न्याय को विफल करने और उनके विश्वास को तोड़ने का सरकार का प्रयास दुस्साहसी है।' कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि सरकार ने दिल्ली हिंसा मामले में भाजपा नेताओं को बचाने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एस मुरलीधर का तबादला किया।
The midnight transfer of Justice Muralidhar isn’t shocking given the current dispensation, but it is certianly sad & shameful.
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) https://twitter.com/priyankagandhi/status/1232871754034380800?ref_src=t…">February 27, 2020
Millions of Indians have faith in a resilient & upright judiciary, the government’s attempts to muzzle justice & break their faith are deplorable. https://t.co/KKt4IeAMyv">pic.twitter.com/KKt4IeAMyv
जस्टिस मुरलीधर ने पुलिस को लगाई थी लताड़
कल बुधवार को नागरिकता संशोधन कानून पर दिल्ली में फैली हिंसा को लेकर जस्टिस मुरलीधर ने कहा था कि दिल्ली में दूसरा 1984 नहीं देख सकते। दिल्ली हिंसा पर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान कपिल मिश्रा के भाषण की वीडियो क्लिप चलवाई गई थी। वीडियो देखने के बाद उन्होंने दिल्ली पुलिस को फटकारते हुए पूछा था कि अभी तक भड़काऊ भाषण देने वाले नेताओं पर कोई एक्शन क्यों नहीं लिया गया। उन्होंने भाजपा नेताओं के खिलाफ दिल्ली पुलिस के प्राथमिकी दर्ज नहीं करने पर नाराजगी जताई थी।